चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सेक्टरों में एन्हांसमेंट के लिए 3 मार्च, 2021 से जारी फुल एंड फाइनल सेटलमेंट स्कीम 30 अप्रैल, 2021 तक जारी रहेगी. अब तक इस योजना के तहत 762 प्लाटधारकों को 31.10 करोड़ रुपये का लाभ दिया जा चुका है. जबकि अभी तक प्लाटधारकों द्वारा 19.74 करोड़ रुपये जमा करवाए जा चुके हैं.
मनोहर लाल ने ये जानकारी मंगलवार को हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के दौरान कांग्रेस के विधायक भारत भूषण बतरा व अन्य चार विधायकों द्वारा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सेक्टरों में एन्हांसमेंट के संबंध में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के उत्तर में सदन में दी.
मुख्यमंत्री ने ये भी स्पष्ट किया कि इस योजना के तहत 15430 प्लाटधारकों का 823 करोड़ रुपये का एन्हांसमेंट सेटलमेंट होगा. जिसके तहत 20 से 80 प्रतिशत तक लोगों को लाभ मिलेगा. मनोहर लाल ने कहा कि जब से हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण अस्तित्व में आया है. तब से ये समस्या चली आ रही है और जब हम वर्ष 2014 में सत्ता में आए उसके बाद वर्ष 2017 में यह मुद्दा हमारे संज्ञान में आया. तो हमने निर्णय लिया कि सभी एन्हांसमेंट के मामलों के नोटिस एक साथ जारी किया जाए.
2018 में 60 हजार डिफॉल्टर थे: सीएम
उन्होंने सदन को इस बात से भी अवगत करवाया कि वर्ष 2017 में एक कमेटी गठित की गई थी और कमेटी को सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था. सरकार के लिए यह जरूरी नहीं कि कमेटी की पूरी सिफारिशें मानी जाएं. कमेटी द्वारा दी गई सिफारिशों का कुछ अंश भी माना जा सकता है. मुख्यमंत्री ने बताया कि पूरे प्रदेश में 15 मई, 2018 को जब वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाई गई. तो लगभग 60 हजार डिफाल्टर थे.
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वास्तविक एन्हांसमेंट के लिए कमेटी का किया गया था गठन: मनोहर लाल
उन्होंने कहा कि 16 जुलाई , 2018 तक जारी इस स्कीम में 24,163 लोगों को 40 प्रतिशत की दर से 568 करोड़ रुपये का रिबेट दिया गया है. उसके बाद लास्ट एंड फाइनल सेटलमेंट स्कीम के तहत पहली नवंबर, 2018 से 30 नवंबर, 2018 तक 37.50 प्रतिशत की दर से 4027 लोगों को 93 करोड़ रुपये की रिबेट दी गई. इसके बाद लगभग 15-16 हजार लोगों ने विदआउट रिबेट पैसा जमा करवा दिया था. शेष 15000 लोगों ने अपनी वास्तविक एन्हांसमेंट की गणना जाननी चाहिए, जिसके लिए सेवानिवृत्त जजों की तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था.
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नहीं बदला गया है हुडा का नाम: सीएम
मुख्यमंत्री ने इस बात की भी जानकारी दी कि जब एक सेक्टर के लिए अलग-अलग किसानों को जमीन की एन्हांसमेंट दी जाती है. तो अलग-अलग प्लाटधारकों को नोटिस चले जाते हैं. उन्होंने कहा कि हमने हुडा यानि एचयूडीए का नाम बदला नहीं है, बल्कि इसका हिन्दी रूपांतरण कर इसे ‘‘हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण’’ यानि एचएसवीपी किया है.
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