चंडीगढ़: भारत में 27 जनवरी 2020 को कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था. कोरोना वायरस के चलते देश में अब तक 5 लाख 1 हजार 490 लोगों मौत हो चुकी है. देश में अब तक 179.31 करोड़ को ने कोरोना का टीका लगवा लिया है. देश में पहेली लहर के बाद लगा था कि शायद कोरोना का प्रकोप काम हुआ है. लेकिन उसके बाद डेल्टा वैरिएंट आया और फिर में ओमीक्रॉन वैरिएंट एक्टिव हुआ. लोगों ने कोरोना के खत्म होने की उम्मीद कर रहे हैं लेकिन अब कोरोना का एक नया वायरस डेल्टाक्रोन दस्तक (fourth wave of corona in india) दे चुका है.
डेल्टाक्रोन का पहला मरीज ब्रिटेन में मामले मिले है. कोरोना की चौथी लहर को देखते हुए ईटीवी भारत की टीम ने चंडीगढ़ पीजीआई के प्रोफसर सोनू गोयल से खास बातचीत की. प्रोफसर सोनू गोयल बताया कि डेल्टाक्रोन पहली बार 7 जनवरी 2022 में साइप्रस में सामने आया था जो एक लेबोरेटरी में मिला था तब कोरोना विशेषज्ञ की टीम की ओर से कहा गया था कि डेल्टा वायरस और ओमीक्रोन वायरस आपस में मिलकर नया म्युटेंट वायरस डेल्टाक्रोन का जन्म हुआ है. अब तक लंदन में डेल्टाक्रोन के 25 मामले सामने आ चुके है.
लेकिन खास बात यह रही की अभी तक डेल्टाक्रोन से एक भी मरीज़ की मौत नहीं हुई है. लेकिन आने वाले दिनों में इस वायरस का प्रकोप देखने को मिल सकता है. डेल्टाक्रोन सामने आये मामलों में देखा गया है कि यहां वायरस मरीज़ों पर ज्यादा प्रभाव नहीं डालता और अभी तक जानलेवा साबित नहीं हुआ है. वहीं देश में लगाए कोरोना वैक्सीन डोज़ हर एक वैरीएंट से लड़ने में कारगर साबित होगा.
कोरोना के खत्म होने को लेकर प्रोफसर सोनू गोयल कहा कि कोरोना से कभी खत्म नहीं होगा और हमें अब इसके साथ रहने की आदत डालनी होगी. वायरस धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है और आने वाले समय में कोरोना वायरस अब लोगों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा. क्योंकि पहले डेल्टा वैरीएंट आया जो बहुत घातक था. लेकिन उसके बाद ओमीक्रोन वैरीएंट आया जो ज्यादा घातक साबित नहीं हुआ.
आने वाले दिनों में जो भी वैरीअंट आएंगे वह इतने शक्तिशाली नहीं होंगे कि इंसानों को ज्यादा नुकसान पहुंचा सके हालांकि इनकी वजह से हल्की सर्दी जुखाम जरूर हो सकता है. उन्होंने कहा कि मास्क पहनना अच्छी बात है मास्क मैं सिर्फ कोरोना से हमें बचा रहा है बल्कि इस वजह से अस्थमा जैसी बीमारियां भी पहले के मुकाबले कम हुई है. इसके अलावा एलर्जी के मामले भी अब कम आ रहे है. मास्क की वजह से हम प्रदूषण से भी बच रहे है. इसीलिए हो सकता है भविष्य में हमें मास्क पहनने की जरूरत ना हो. लेकिन अगर हम मास्क का इस्तेमाल करते हैं तो यह हमारे लिए फायदेमंद ही साबित होगा.
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