नई दिल्ली: बीजेपी के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने जाट आरक्षण के मामले पर कहा कि हरियाणा सरकार ने 6 जतियों को आरक्षण देने का बिल पास किया था. जिसपर हाई कोर्ट का स्टे लग गया है. उन्होंने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि 6 जातियों को आरक्षण देने का जो बिल है उसे निपटा दिया जाए.
'दोबारा बनाया जाए 6 जातियों के आरक्षण का बिल'
बीरेंद्र सिंह ने कहा कि आरक्षण बिल को नए तरीके से बनाया जाना चाहिए. हरियाणा में अभी 3% आरक्षण की जगह सीमा बची है. 3 प्रतिशत में 6 जातियों को हरियाणा सरकार को आरक्षण देंना चाहिए. ताकी केंद्रीय स्तर पर भी उन्हें मदद मिल सके.
'जाटों को आरक्षण की जरूरत'
बीरेंद्र सिंह ने कहा कि जाटों को आरक्षण की जरूरत गुर्जर और अहीरों की तरह ही है. इन जातियों का इतिहास और रहन-सहन एक जैसा ही है.
मंजूर हुआ बीरेंद्र सिंह का इस्तीफा
बता दें कि बीजेपी के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने इस्तीफे पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि मैंने मार्च 2019 में केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया था. जो दो दिन पहले मंजूर हुआ है.
बीरेंद्र सिंह ने संगठन में काम करने की जताई इच्छा
बीरेंद्र सिंह ने कहा कि पार्टी ने मेरे बेटे को टिकट देने का वादा किया था वो निभाया और मैंने अपना इस्तीफा देकर पार्टी के लिए अपना वादा निभाया. बीरेंद्र सिंह ने बताया कि बीजेपी की परंपरा है कि वो परिवारवाद को बढ़वा नहीं देती. बीरेंद्र सिंह ने अब संगठन में जिम्मेदारी निभाने की इच्छा जताई है.
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बीरेंद्र सिंह ने कहा कि सिर्फ हरियाणा ही नहीं पार्टी उन्हें पंजाब, राजस्थान और बाकी राज्यों के हिसाब से संगठन उन्हें इस्तेमाल कर सकता है. हरियाणा में बीजेपी को फिर से संगठन मजबूत करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि संगठन बनाते वक्त नहीं देखा जाना चाहिए कि कौन नेता किस राजनीतिक दल से आया है.