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चंडीगढ़: मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई फूड सिक्योरिटी मिशन की बैठक

राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत वर्ष 2018-19 तक गेहूं की उत्पादकता में 17.13 प्रतिशत और उत्पादन में 8.88 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव केशनी आनन्द ने की.

राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत मुख्य सचिव ने ली बैठक
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Published : Jul 25, 2019, 11:34 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत वर्ष 2018-19 तक गेहूं की उत्पादकता में 17.13 प्रतिशत और उत्पादन में 8.88 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा की अध्यक्षता में हुई राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन की कार्यकारी समिति की बैठक में यह जानकारी दी गई है. प्रदेश में राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन वर्ष 2007 में शुरू किया गया था.

फूड सिक्योरिटी मिशन की बैठक

हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा की अध्यक्षता में बुधवार को बैठकी हई. इस बैठक में उन्होंने प्रदेश में खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत गेहूं के साथ मोटे अनाज, गन्ना एवं कपास जैसी वाणिज्यिक फसलों, बाजरा, ज्वार, दलहन व तिलहन के उत्पादन एवं उत्पादकता में हो रही बढ़ोतरी की प्रशंसा की.

बैठक में वर्ष 2019-20 के लिए 43.21 करोड़ रुपये की कार्यकारी परियोजना का अनुमोदन भी किया गया है. बैठक के दौरान श्रीमती अरोड़ा ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे बेहतर कृषि पद्धतियों एवं प्रौद्योगिकियों की प्रदर्शनियों के खेतों को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चलायें, ताकि किसान खेती के लिए उत्तम किस्म के बीजों का उपयोग करने के लिए प्रेरित हो.

इसके अलावा, किसान हित में चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करें, ताकि किसानों को इन योजनाओं की समय पर व्यापक जानकारी मिल सके. साथ ही राज्य और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के लक्ष्य को हासिल किया जा सके.

इसके अलावा उन्होंने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के माध्यम से हो रही गतिविधियों का विश्लेषण करवाने के भी निर्देश दिए हैं. बैठक में बताया गया है कि राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत गेहूं घटक को राज्य के सात जिलों अंबाला, पलवल, भिवानी महेन्द्रगढ़, मेवात, रोहतक एवं झज्जर में लागू किया जा रहा है.

इसी प्रकार, दालों एवं एनएफएमएस- दलहन व तिलहन के घटक को प्रदेश के सभी जिलो में, मोटे अनाज के घटक को 6 जिलों नामत पंचकूला, रोहतक, भिवानी,सिरसा, हिसार एवं झज्जर में, वाणिज्यिक फसलों के घटक को गन्ना एवं कपास उगाने वाले जिलों में और पोषक-अनाज के घटक को नौ जिलों भिवानी, गुरुग्राम, हिसार, झज्जर, जींद, महेंद्रगढ़, मेवात, रेवाड़ी तथा रोहतक में लागू किया जा रहा है.

चंडीगढ़: हरियाणा में राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत वर्ष 2018-19 तक गेहूं की उत्पादकता में 17.13 प्रतिशत और उत्पादन में 8.88 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा की अध्यक्षता में हुई राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन की कार्यकारी समिति की बैठक में यह जानकारी दी गई है. प्रदेश में राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन वर्ष 2007 में शुरू किया गया था.

फूड सिक्योरिटी मिशन की बैठक

हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा की अध्यक्षता में बुधवार को बैठकी हई. इस बैठक में उन्होंने प्रदेश में खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत गेहूं के साथ मोटे अनाज, गन्ना एवं कपास जैसी वाणिज्यिक फसलों, बाजरा, ज्वार, दलहन व तिलहन के उत्पादन एवं उत्पादकता में हो रही बढ़ोतरी की प्रशंसा की.

बैठक में वर्ष 2019-20 के लिए 43.21 करोड़ रुपये की कार्यकारी परियोजना का अनुमोदन भी किया गया है. बैठक के दौरान श्रीमती अरोड़ा ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे बेहतर कृषि पद्धतियों एवं प्रौद्योगिकियों की प्रदर्शनियों के खेतों को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चलायें, ताकि किसान खेती के लिए उत्तम किस्म के बीजों का उपयोग करने के लिए प्रेरित हो.

इसके अलावा, किसान हित में चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करें, ताकि किसानों को इन योजनाओं की समय पर व्यापक जानकारी मिल सके. साथ ही राज्य और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के लक्ष्य को हासिल किया जा सके.

इसके अलावा उन्होंने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के माध्यम से हो रही गतिविधियों का विश्लेषण करवाने के भी निर्देश दिए हैं. बैठक में बताया गया है कि राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत गेहूं घटक को राज्य के सात जिलों अंबाला, पलवल, भिवानी महेन्द्रगढ़, मेवात, रोहतक एवं झज्जर में लागू किया जा रहा है.

इसी प्रकार, दालों एवं एनएफएमएस- दलहन व तिलहन के घटक को प्रदेश के सभी जिलो में, मोटे अनाज के घटक को 6 जिलों नामत पंचकूला, रोहतक, भिवानी,सिरसा, हिसार एवं झज्जर में, वाणिज्यिक फसलों के घटक को गन्ना एवं कपास उगाने वाले जिलों में और पोषक-अनाज के घटक को नौ जिलों भिवानी, गुरुग्राम, हिसार, झज्जर, जींद, महेंद्रगढ़, मेवात, रेवाड़ी तथा रोहतक में लागू किया जा रहा है.

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 मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन की कार्यकारी समिति की बैठक। 

एंकर -  हरियाणा में राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत वर्ष 2018-19 तक गेहूं की उत्पादकता में 17.13 प्रतिशत तथा उत्पादन में 8.88 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा की अध्यक्षता में हुई राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन की कार्यकारी समिति की बैठक में यह जानकारी दी। प्रदेश में राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन वर्ष 2007 में शुरू किया गया था।

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हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा की अध्यक्षता में बुधवार  में  हुई बैठक में उन्होंने प्रदेश में मिशन के तहत गेहंू के साथ मोटे अनाज, गन्ना एवं कपास जैसी वाणिज्यिक फसलों, बाजरा, ज्वार, दलहन व तिलहन के उत्पादन एवं उत्पादकता में हो रही बढ़ोतरी की प्रशंसा की। बैठक में वर्ष 2019-20 के लिए 43.21 करोड़ रुपये की कार्यकारी परियोजना का अनुमोदन भी किया गया। बैठक के दौरान श्रीमती अरोड़ा ने अधिकारियों को निर्देश दिये है कि वे  बेहतर कृषि पद्घतियों एवं प्रोद्यौगिकियों की प्रदर्शनियों के खेतों को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चलायें ताकि किसान खेती के लिए उत्तम किस्म के बीजों का उपयोग करने के लिए पे्ररित हों। इसके अलावा, किसान हित में चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करें ताकि किसानों को इन योजनाओं की समय पर व्यापक जानकारी मिल सके और राज्य व राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। इसके अलावा, उन्होंने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के माध्यम से हो रही गतिविधियों का विश्लेषण करवाने के भी निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत गेहूं घटक को राज्य के सात जिलों नामत: अंबाला, पलवल, भिवानी महेन्द्रगढ़, मेवात, रोहतक एवं झज्जर में लागू किया जा रहा है। इसी प्रकार, दालों  एवं एनएफएमएस- दलहन व तिलहन के घटक को प्रदेश के सभी जिलो में, मोटे अनाज के घटक को छ: जिलों नामत: पंचकूला, रोहतक, भिवानी,सिरसा, हिसार एवं झज्जर में, वाणिज्यिक फसलों के घटक को गन्ना एवं कपास उगाने वाले जिलों में तथा पोषक-अनाज के घटक को नौ जिलों नामत: भिवानी, गुरुग्राम, हिसार, झज्जर, जींद, महेंद्रगढ़, मेवात, रेवाड़ी तथा रोहतक में लागू किया जा रहा है।
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