चंडीगढ़: जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली के घर उपद्रव के मामले में किसानों ने उपद्रवियों का बहिष्कार करने का फैसला लिया था. संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से कहा गया था कि कुछ लोग अपना नाम चमकाने के लिए बबली के घर गए जिसका वो समर्थन नहीं करते. गुरनाम चढूनी ने तो यहां तक कह दिया था जिनको पुलिस ने पकड़ा है उनसे उनका कोई लेना देना नहीं है. लेकिन अब दो दिन बाद ही किसान नेता अपने बयान से पलटते हुए नजर आ रहे हैं.
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दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा ने टोहाना में पकड़े गए सभी किसानों की रिहाई की मांग की है. मोर्चे ने कॉल दी कि आज टोहाना में किसान गिरफ्तारी देंगे. इसका नेतृत्व की जिम्मेदारी राकेश टिकैत और गुरनाम चढूनी को सौंपी गई. टिकैत और राकेश टिकैट ने शुक्रवार रात ट्वीट भी किया कि अगर किसानों की रिहाई नहीं हुई तो वो गिरफ्तारी देंगे.
अब इस पूरे प्रकरण में जो बात निकलकर सामने आ रही है कि आखिर दो दिन के अंदर ही किसान नेता अपने स्टैंड से पीछे क्यों हट गए? क्योंकि बुधवार को चढूनी साफ कहते हुए नजर आ रहे हैं कि जो लोग बबली के यहां घेराव करने गए वो सिर्फ आंदोलन में हीरो बनने में लगे हैं. चढूनी ने ये भी कहा कि संयुक्त किसान मोर्चे का उनसे कोई लेना-देना नहीं है, तो फिर अब किन किसानों की रिहाई की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चे ने गिरफ्तारी देने की बात कही है?
क्या है देवेंद्र सिंह बबली मामला?
मंगलवार को देवेंद्र सिंह बबली को एक वैक्सीनेशन कैंप का शुभारंभ करना था. इस बात की सूचना किसानों को भी लग गई, जिसके बाद किसान देवेंद्र बबली का विरोध करने के लिए पहुंच गए, लेकिन विधायक नहीं पहुंचे.
कुछ देर बाद किसानों को पता चला कि देवेंद्र बबली किसी ओर इलाके में मौजूद हैं. किसान देवेंद्र बबली का विरोध करने के लिए वहां पहुंच गए. विधायक देवेंद्र बबली का काफिला देख किसानों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. किसानों के विरोध से स्तिथि तनावपूर्ण हो गई.
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देवेंद्र सिंह बबली के विरोध में कुछ किसान नियंत्रण से बाहर हो गए. एक किसान ने विधायक के काफिले की गाड़ी पर डंडा चला दिया. जिसके बाद विधायक देवेंद्र बबली भी भड़क गए. उन्होंने वहां मौजूद पुलिस से इसकी शिकायत की. अगले कुछ ही मिनट में वहीं स्थिति और बिगड़ गई और विधायक अपनी गाड़ी से निकल आए. उन्होंने वहां खड़े एक प्रदर्शनकारी को धमकाया. किसानों का आरोप है कि इस दौरान विधायक ने गाली-गलौज भी की.