चंडीगढ़: किसानों द्वारा आज यानी 26 मार्च को बुलाए गए भारत बंद का सुबह से ही असर देखने को मिला. प्रदेशभर में पूरे दिन किसानों ने हाईवे, रेलवे स्टेशन्स और बाजारों में डेरा डाले रखा, जिसकी वजह से आम जनता को भी कुछ दिक्कतों से दो-चार होना पड़ा.
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सबसे पहले बात अंबाला की करते हैं जहां सुबह 6 बजे से ही नेशनल हाईवे और रेलवे ट्रैक पर नाकेबंदी शुरू कर दी गई थी. अंबाला के शंभू बॉर्डर यानी दिल्ली अमृतसर नेशनल हाईवे पर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि हम तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मान लेती और हमारे नेता जो फैसला लेंगे उसका पालन करेंगे.
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इस बीच सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर स्थित गांव प्रीतमपुरा में धरने पर बैठे हुए किसानों और ग्रामीणों के बीच रास्ते को लेकर झड़प भी देखने को मिली. इस दौरान दोनों तरफ से लाठी-डंडों के साथ-साथ पत्थर भी चले. इस मामले की जानकारी मिलते ही किसान नेता गुरनाम चढूनी और कुंडली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत करवाया. गुरनाम चढूनी ने किसानों से कहा कि वो किसी के साथ जबरदस्ती ना करें और आम जनता से भी अपील करते हए कहा कि वो भी किसानों का समर्थन करें.
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भारत बंद की वजह से यात्रियों के सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा. कुरुक्षेत्र, करनाल और चंडीगढ़ में ट्रेनें रद्द होने की वजह से लोग परेशान दिखे और उन्होंने रेलवे अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी दिखाई और इस दौरान रोडवेज की बसों के पहियों पर भी ब्रेक लगा रहा.
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वहीं रोहतक में हाईवे पर धरना दे रहें किसानों की वजह से लंबा जाम देखने को मिला लेकिन इस बीच किसानों ने जाम में फंसे लोगों के लिए खाने-पीने की सभी व्यवस्था की हुई थी. किसानों ने कहा कि हमारी लड़ाई सरकार से है आम जनता से नहीं.
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भारत बंद की ये तस्वीरें देख कर ये साबित तो हो गया है कि किसान आसानी से हार मानने वाले नहीं है. किसानों के आंदोलन को आज पूरे चार महीने हो चुकें हैं और किसानों का कहना है कि तब पीछे नहीं हटेंगे जब तक मोदी सरकार कृषि कानूनों को रद्द नहीं कर देती.