चंडीगढ़: कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकाली. किसान आंदोलन का केन्द्र बने हरियाणा में भी दिनभर हंगामा रहा. किसानों ने दावा तो किया था कि वो शांतिपूर्ण तरीके से तय रूटों पर ट्रैक्टर परेड निकालेंगे, लेकिन तस्वीरें दावों के उलट दिखाई दी. हरियाणा के सिंघु और टिकरी बॉर्डर से ही हंगामे की शुरुआत हो गई. किसानों ने बैरिकेड्स को तोड़ दिया और ट्रैक्टर के काफिले के साथ दिल्ली में प्रवेश किया. पुलिस ने रोकने की कोशिश तो कई जगह लाठीचार्ज करना पड़ा.
बैरिकेड्स तोड़ दिल्ली में घुसे किसान
जैसे ही राजपथ पर परेड खत्म हुई तो दिल्ली पुलिस ने वादे के मुताबिक बैरिकेड्स को खोल दिया. जिसके बाद किसान दिल्ली में दाखिल हो गए. ट्रैक्टर परेड के लिए जिस रूट पर दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच सहमति बनी थी, उस रूट को कुछ किसानों ने फॉलो नहीं किया. किसानों का एक जत्था बैरिकेड तोड़कर लाल किला पहुंच गया. वहीं किसानों के एक जत्थे ने इंडिया गेट की तरफ भी बढ़ने की कोशिश की.
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Haryana: Drones put to use amid high security arrangements at Faridabad-Palwal border as farmers carry out tractor parade pic.twitter.com/s7jFmadgYT
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सीकरी बॉर्डर पर किसानों पर लाठीचार्ज
सबसे ज्यादा हालात बिगड़े पलवल-फरीदाबाद बॉर्डर पर. सीकरी बॉर्डर पर ट्रैक्टर परेड के दौरान किसान और पुलिस आमने सामने हो गए. किसानों ने ट्रैक्टर के जरिए बैरिकेड्स हटाने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस ने किसानों को रोकना चाहा. बेकाबू होते हालात के बाद पुलिस ने किसानों पर जमकर लाठीचार्ज किया. इस लाठीचार्ज जिसमें कई किसानों को चोटें आईं. पुलिस ने करीब दो दर्जन किसान और किसान नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है. फरीदाबाद में धारा-144 लागू कर दी है. इसके अलावा जहां भी किसानों का प्रदर्शन हो रहा है. वहां धारा-144 लागू कर दी गई है.
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किसानों के आंदोलन को देखते हुए बहादुरगढ़ से पीरागढ़ी मेट्रो सेवा तत्काल प्रभाव से बंद कर दी गई. पीरागढ़ी समेत इस रूट पर लगने वाले सभी स्टेशनों को बंद किया गया. इस बीच सिंघु बॉर्डर पर किसानों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा. 26 जनवरी मंगलवार को राजेश नाम के किसान की मौत हो गई. किसानों की मौत की वजह हार्ट अटैक को बताया जा रहा है. किसान की पहचान सोनीपत के मदीना गांव के रहने वाले राजेश के रूप में हुई है. इसके अलवा दिल्ली में परेड के दौरान ट्रैक्टर से स्टंट करते वक्त टैक्टर पलट गया. जिसमें ट्रैक्टर चालक की मौत हो गई.
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#WATCH Protesting farmers break police barricading at Delhi-Haryana Tikri border
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Farmers are holding tractor rally today in protest against Centre's three Farm Laws#RepublicDay pic.twitter.com/3tI7uKSSRM
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राजस्थान लगते रेवाड़ी जिले के शाहजहांपुर बॉर्डर से भी किसानों का काफिला दिल्ली के लिए रवाना हुआ. इस काफिले के साथ योगेन्द्र यादव और समाजसेवी मेधा पाटकर मौजूद रहीं. इस दौरान पूर्व BSF जवान तेज बहादुर भी किसानों के साथ मौजूद रहे. पूर्व BSF जवान तेज बहादुर के ट्रैक्टर के पीछे हजारों किसानों के काफिले ने दिल्ली की ओर कूच किया. इस दौरान पुलिस बल भी किसानों के साथ मौजूद रहा.
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गणतंत्र दिवस के दिन हुए बवाल को लेकर सियासत भी तेज हो गई. कांग्रेस नेता अशोक अरोड़ा ने ट्रैक्टर परेड में किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर कहा कि किसानों के ऊपर लाठीचार्ज करना दूर्भाग्यपूर्ण है. अशोक अरोड़ा ने राष्ट्रपति से मांग करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार को बर्खास्त करके राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि 'किसान भाइयों पर BJP सरकार की बर्बरता बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. किसान भाइयों से मेरी विनम्र अपील है कि शांति बनाए रखें और कानून व्यवस्था का पूरी तरह से पालन करें. आखिर ये हठधर्मी और निष्ठुर सरकार कब जागेगी? अन्नदाताओं के अधिकारों का दमन छोड़ तत्काल काले कानून वापस ले सरकार.'
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आखिर यह हठधर्मी और निष्ठुर सरकार कब जागेगी?
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आखिर यह हठधर्मी और निष्ठुर सरकार कब जागेगी?
अन्नदाताओं के अधिकारों का दमन छोड़ तत्काल काले कानून वापस ले सरकार।
आजादी का मतलब दूसरे को हानि पहुंचना नहीं- सीएम
किसान परेड पर सीएम मनोहर लाल ने कहा कि किसी के अधिकार का हनन नहीं होना चाहिए. प्रशासन सब जगह अलर्ट है. शांतिपूर्वक किसान परेड संपन्न हो, ऐसी मैं आशा करता हूं. सीएम ने कहा कि किसान परेड के बाद किसानों को सरकार से बातचीत करनी चाहिए. बातचीत से ही किसानों का मामला सुलझेगा. मनोहर लाल ने कहा कि आजादी का मतलब किसी दूसरे को दिक्कत या हानि पहुंचाना नहीं होता. उन्होंने कहा कि किसानों कि हित के लिए सरकार निरंतर काम कर रही है और उनका हित सर्वोपरि है.
बीजेपी प्रेदश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने ट्वीट कर दिल्ली में हुई हिंसा पर विरोधी नेताओं को कटघरे में खड़ा किया. ओपी धनखड़ ने कहा कि 'ट्रैक्टर मार्च का रूट भी गायब, जिम्मेदारी लेने वाले, किसान संगठनों के नेता भी गायब, कौन कर रहा है किसानों के नाम हिंसा, जिम्मेदार कौन? क़ानूनों में सुधार की गारंटी और डेढ़ साल तक रोकने के जीत के बाद भी कौन दहला रहा है गणतंत्र दिवस पर अपनी ही राजधानी को और किस मक़सद से?
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ट्रैक्टर मार्च का रूट भी ग़ायब, ज़िम्मेदारी लेने वाले,किसान संगठनों के नेता भी ग़ायब, कौन कर रहा है किसानों के नाम हिंसा, ज़िम्मेवार कौन.?क़ानूनों में सुधार की गारंटी व डेढ़ साल तक रोकने के जीत के बाद भी कौन दहला रहा है गणतंत्र दिवस पर अपनी ही राजधानी को और किस मक़सद से? pic.twitter.com/iY4cOO6QKi
— Om Prakash Dhankar (@OPDhankar) January 26, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Om Prakash Dhankar (@OPDhankar) January 26, 2021ट्रैक्टर मार्च का रूट भी ग़ायब, ज़िम्मेदारी लेने वाले,किसान संगठनों के नेता भी ग़ायब, कौन कर रहा है किसानों के नाम हिंसा, ज़िम्मेवार कौन.?क़ानूनों में सुधार की गारंटी व डेढ़ साल तक रोकने के जीत के बाद भी कौन दहला रहा है गणतंत्र दिवस पर अपनी ही राजधानी को और किस मक़सद से? pic.twitter.com/iY4cOO6QKi
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