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आज किसान नेता गुरनाम चढूनी राजनीतिक पार्टी बनाएंगे, पंजाब चुनाव में उतार सकते हैं उम्मीदवार - Gurnam singh Chaduni

किसान आंदोलन के दौरान चुनाव लड़ने का ऐलान करने के बाद अब किसान नेता गुरनाम चढूनी (Gurnam singh Chaduni) अपनी पार्टी बनाने वाले हैं. शनिवार को चंडीगढ़ में चढ़ूनी राजनीतिक पार्टी (Gurnam Chaduni political party) का ऐलान कर सकते हैं. गुरनाम चढूनी चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपनी राजनीतिक पारी की जानकारी देंगे.

Farmer leader Gurnam Chaduni
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Published : Dec 18, 2021, 7:55 AM IST

चंडीगढ़: किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी राजनीतिक पारी खेलने का मन बना चुके हैं. माना जा रहा है कि चढूनी आज चंडीगढ़ में नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान करने वाले हैं. गुरनाम चढूनी राजनीति में आने की इच्छा पहले ही जता चुके थे. एक साल तक चले किसान आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले गुरनाम चढूनी ने पंजाब चुनाव में अपना प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया था. तब से ये कयास लगाये जा रहे थे कि चढूनी अपनी राजनीतिक पार्टी का गठन करेंगे.

गुरनाम चढूनी एक साल तक चले किसान आंदोलन का अहम हिस्सा रहे हैं. इस आंदोलन के जरिए हरियाणा से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान बनी. किसान आंदोलन के बीच राजनीतिक रास्तों के जरिए समाधान की बात करने वाले वो पहले नेता थे. इस दौरान चढूनी ने पंजाब चुनाव में उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया. जिसके बाद किसान नेता गुरनाम चढूनी की जमकर आलोचना हुई. इसी के चलते संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरनाम चढूनी को सात दिन के लिए सस्पेंड कर दिया था.

ये भी पढ़ें- भारतीय किसान यूनियन पंजाब चुनाव में उतारेगी अपना प्रत्याशी: गुरनाम चढूनी

संयुक्त किसान मोर्चा से सस्पेंड किए जाने बाद भी गुरनाम चढूनी अपने बयान पर कायम रहे. उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने मुझे सस्पेंड करके सही फैसला किया है. अगर आगे भी वो मुझे सस्पेंड करना चाहे तो कर सकते हैं, लेकिन मैं अपना फैसला बदलने वाला नहीं हूं. चढूनी ने ये भी कहा था कि वो चुनाव लड़ेंगे नहीं, बल्कि चुनाव लड़वाएंगे.

मैंने ये फैसला इसलिए किया है, क्योंकि मैं इस देश से गंदी राजनीति को खत्म करना चाहता हूं. देश से गंदी राजनीति को खत्म करने के लिए किसानों को आगे आना होगा. अगर अन्नदाता के हाथ में देश का राजपाट होगा तो देश बच जाएगा नहीं तो बीजेपी वाले देश को बेच खाएंगे. आज तक किसी भी राजनीतिक पार्टी ने किसानों का भला नहीं किया है. गुरनाम चढूनी, किसान नेता.

ये भी पढ़ें- अपने ही बयान से पलटे गुरनाम चढूनी! चुनाव लड़ने को लेकर अब कही ये बात

भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam singh Chaduni) ने 16 नवंबर को पंजाब चुनाव में पूरे प्रदेश में प्रत्याशी (BKU Contest Punjab Election) उतारने का ऐलान किया था. दरअसल हरियाणा के करनाल जिले के डेरा कार सेवा गुरुद्वारा में बैठक के बाद उन्होंने ये ऐलान किया था. गुरनाम चढूनी ने कहा था कि हमने वहां पर मिशन पंजाब (Gurnam Chaduni Mission Punjab) शुरू किया है. गुरनाम चढूनी ने इस दौरान साफ किया कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे. जो लोग पंजाब को लूट रहे हैं उन्हें किनारे करने के लिए ऐसा करना होगा. पंजाब में यदि कोई भी किसान किसी सीट से चुनाव लड़ेगा तो उसकी मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि 70 साल से पंजाब में राजनीतिक दलों ने किसानों का भला नहीं किया.

कौन हैं गुरनाम चढूनी?

गुरनाम सिंह चढूनी भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) गुट के अध्यक्ष हैं. हरियाणा में किसान आंदोलन को धार देने में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने अहम भूमिका निभाई है. गुरनाम चढूनी हरियाणा के पहले ऐसे किसान नेता हैं जिन्होंने बीते साल नवंबर में किसानों को दिल्ली कूच के लिए कहा था. हरियाणा में राजनीतिक कार्यक्रमों का विरोध भी गुरनाम चढूनी के आह्वान के बाद शुरू हुआ था. जिसके बाद किसानों ने हरियाणा में हर नेता, मंत्री और राजनीतिक कार्यक्रम का विरोध किया. गुरनाम सिंह चढूनी किसान आंदोलन का महत्वपूर्ण स्तंभ रहे. वो इस आंदोलन को चलाने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य भी हैं. सरकार से बातचीत के लिए हाल में बनाई गई 5 सदस्यीय कमेटी में भी गुरनाम चढूनी सदस्य थे.

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चंडीगढ़: किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी राजनीतिक पारी खेलने का मन बना चुके हैं. माना जा रहा है कि चढूनी आज चंडीगढ़ में नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान करने वाले हैं. गुरनाम चढूनी राजनीति में आने की इच्छा पहले ही जता चुके थे. एक साल तक चले किसान आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले गुरनाम चढूनी ने पंजाब चुनाव में अपना प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया था. तब से ये कयास लगाये जा रहे थे कि चढूनी अपनी राजनीतिक पार्टी का गठन करेंगे.

गुरनाम चढूनी एक साल तक चले किसान आंदोलन का अहम हिस्सा रहे हैं. इस आंदोलन के जरिए हरियाणा से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान बनी. किसान आंदोलन के बीच राजनीतिक रास्तों के जरिए समाधान की बात करने वाले वो पहले नेता थे. इस दौरान चढूनी ने पंजाब चुनाव में उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया. जिसके बाद किसान नेता गुरनाम चढूनी की जमकर आलोचना हुई. इसी के चलते संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरनाम चढूनी को सात दिन के लिए सस्पेंड कर दिया था.

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संयुक्त किसान मोर्चा से सस्पेंड किए जाने बाद भी गुरनाम चढूनी अपने बयान पर कायम रहे. उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने मुझे सस्पेंड करके सही फैसला किया है. अगर आगे भी वो मुझे सस्पेंड करना चाहे तो कर सकते हैं, लेकिन मैं अपना फैसला बदलने वाला नहीं हूं. चढूनी ने ये भी कहा था कि वो चुनाव लड़ेंगे नहीं, बल्कि चुनाव लड़वाएंगे.

मैंने ये फैसला इसलिए किया है, क्योंकि मैं इस देश से गंदी राजनीति को खत्म करना चाहता हूं. देश से गंदी राजनीति को खत्म करने के लिए किसानों को आगे आना होगा. अगर अन्नदाता के हाथ में देश का राजपाट होगा तो देश बच जाएगा नहीं तो बीजेपी वाले देश को बेच खाएंगे. आज तक किसी भी राजनीतिक पार्टी ने किसानों का भला नहीं किया है. गुरनाम चढूनी, किसान नेता.

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भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam singh Chaduni) ने 16 नवंबर को पंजाब चुनाव में पूरे प्रदेश में प्रत्याशी (BKU Contest Punjab Election) उतारने का ऐलान किया था. दरअसल हरियाणा के करनाल जिले के डेरा कार सेवा गुरुद्वारा में बैठक के बाद उन्होंने ये ऐलान किया था. गुरनाम चढूनी ने कहा था कि हमने वहां पर मिशन पंजाब (Gurnam Chaduni Mission Punjab) शुरू किया है. गुरनाम चढूनी ने इस दौरान साफ किया कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे. जो लोग पंजाब को लूट रहे हैं उन्हें किनारे करने के लिए ऐसा करना होगा. पंजाब में यदि कोई भी किसान किसी सीट से चुनाव लड़ेगा तो उसकी मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि 70 साल से पंजाब में राजनीतिक दलों ने किसानों का भला नहीं किया.

कौन हैं गुरनाम चढूनी?

गुरनाम सिंह चढूनी भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) गुट के अध्यक्ष हैं. हरियाणा में किसान आंदोलन को धार देने में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने अहम भूमिका निभाई है. गुरनाम चढूनी हरियाणा के पहले ऐसे किसान नेता हैं जिन्होंने बीते साल नवंबर में किसानों को दिल्ली कूच के लिए कहा था. हरियाणा में राजनीतिक कार्यक्रमों का विरोध भी गुरनाम चढूनी के आह्वान के बाद शुरू हुआ था. जिसके बाद किसानों ने हरियाणा में हर नेता, मंत्री और राजनीतिक कार्यक्रम का विरोध किया. गुरनाम सिंह चढूनी किसान आंदोलन का महत्वपूर्ण स्तंभ रहे. वो इस आंदोलन को चलाने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य भी हैं. सरकार से बातचीत के लिए हाल में बनाई गई 5 सदस्यीय कमेटी में भी गुरनाम चढूनी सदस्य थे.

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