चंडीगढ़: शहर में अभी तक कई पक्षियों की मौत हो चुकी है जिसके बाद उनके सैंपल लैब में भी भेजे गए थे, लेकिन अभी तक जितने भी सैंपल्स को लैब में भेजा गया है उनमें से कोई भी बर्ड फ्लू पॉजिटिव नहीं पाया गया. सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है.
बता दें कि पिछले 48 घंटों में 17 पक्षियों की डेड बॉडी फारेस्ट एंड वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट की टीम को शहर के अलग-अलग हिस्सों से मिली. जिनमें रेलवे स्टेशन पर दो कौवे, मनीमाजरा में एक कौआ, सेक्टर-25 में आठ कौवे, एक बाज, सेक्टर-10 में चार कौवे और सेक्टर-55 में एक कौवे की डेड बॉडी मिली. इन सभी डेड बॉडी को वाइल्डलाइफ टीम ने रिकवर कर लिया है.
पक्षियों के मृत मिलने का सिलसिला भले ही बंद नहीं हो रहा है लेकिन अब जिन पक्षियों की बॉडी मिल रही है उनके सैंपल लेबोरेटरी में नहीं भेजे जा रहे हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि कौवे के मरने का कारण उसके गलत खान-पान को मान रहे हैं. साथ ही बढ़ती सर्दी को भी एक बड़ी वजह बता रहे हैं.
बढ़ती ठंड भी पक्षियों की मौत का कारण
हालांकि अभी भी सर्विलांस को बंद नहीं किया है, ये टीमें अब वॉटर बॉडी के साथ ओपन इलाके, पार्क रोड सब जगह छानबीन कर रही हैं. हालांकि अब एक्सपर्ट्स इन पक्षियों के मरने की वजह ठंड को मान रहे हैं. बर्ड फ्लू का खतरा काफी हद तक कम माना जा रहा है.
चंडीगढ़ ने कई सैंपल्स जालंधर रीजनल डिसीज डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी को भेजे गए हैं, लेकिन अभी इनकी रिपोर्ट आनी बाकी है. हालांकि रिपोर्ट देरी से आने की वजह सैंपल रिपोर्ट नेगेटिव होना भी बताई जा रही है और लेबोरेटरी की तरफ से पॉजिटिव रिपोर्ट की जानकारी ही सबसे पहले भेजी जाती है और नेगेटिव की रिपोर्ट बहुत कम दी जाती है.
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पक्षियों के साथ ही चंडीगढ़ ने कई पोल्ट्रीफार्म के सैंपल भी भेज हुए हैं. पक्षियों की मौत का कारण अब बर्ड फ्लू नहीं माना जा रहा है बल्कि अत्याधिक सर्दी को इनकी मौत का कारण माना जा रहा है.