चंडीगढ़: ऐलनाबाद विधानसभा उपचुनाव को लेकर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और जेजेपी अपनी पूरी ताकत लगाकर इस उप चुनाव को जीतने के लिए पूरे प्रयास कर रही है. वहीं इंडियन नेशनल लोकदल भी सरकार को पूरी टक्कर दे रही है. इस सीट पर इंडियन नेशनल लोकदल के नेता अभय चौटाला विधायक थे, जिन्होंने कृषि कानूनी के खिलाफ अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद इस सीट पर चुनाव हो रहे हैं, लेकिन दांव पर बीजेपी-जेजेपी की साख लगी हुई है. वहीं कांग्रेस भी खुद को बड़े दावेदार के तौर पर पेश कर रही है.
अभी तक सभी दलों के दिग्गज नेता प्रचार से दूर: चुनाव प्रचार अंतिम दौर की ओर बढ़ रहा है, लेकिन फिलहाल अभी तक सभी दलों के दिग्गज यानी खास तौर पर कांग्रेस और बीजेपी के बड़े नेता प्रचार से दूर दिखाई दे रहे हैं. इनमें बात की जाए खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल की, उप मुख्यमंत्री दिग्विजय चौटाला की और फिर चाहे कांग्रेस की ओर से रणदीप सिंह सुरजेवाला, भूपेंद्र सिंह हुड्डा हो या पार्टी के अन्य स्टार प्रचारक अभी तक उस तरह से प्रचार में दिखाई नहीं दिए, जैसे कि पार्टी के अन्य नेता जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं.
कौन-कौन से दिग्गज नेता हैं प्रचार से दूर: अगर बात की जाए बीजेपी और जेजेपी की तो अभी तक खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मंत्री दुष्यंत चौटाला ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में प्रचार से दूर दिखाई दे रहे हैं. इतना ही नहीं बीजेपी के कई मंत्री भी अभी तक जमीनी स्तर पर नदारद दिखाई दिए हैं. जिनमें प्रमुख तौर गृह मंत्री अनिल विज भी शामिल हैं. जबकि इनकी पार्टी के अन्य नेता प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं.
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वहीं बात कांग्रेस की कि जाए तो पार्टी के प्रमुख नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला अभी तक प्रचार में दिखाई नहीं दिए हैं. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी प्रचार में उस तरह से दम लगाते नहीं दिख रहे हैं. जैसा कि अन्य नेता. ऐसे में सवाल थी है कि क्या दिग्गज नेताओं के मैदान में उतरने से उनके प्रत्याशी किस तरह से इंडियन नेशनल लोकदल के उम्मीदवार अभय चौटाला को चुनौती देंगे?
बीजेपी की स्टार प्रचारक सपना चौधरी भी हटीं पीछे: हरियाणवी गायक सपना चौधरी ने ट्वीट करके जानकारी दी थी कि वह भाजपा प्रत्याशी गोविंद कांडा के लिए 25 और 26 अक्टूबर को प्रचार करेंगी, लेकिन कुछ घंटों के बाद ही उनके पति ने ट्वीट करके जानकारी दी कि सपना चौधरी प्रचार नहीं करेंगी. माना जा रहा है कि इसके पीछे किसानों का विरोध है. क्योंकि किसान लगातार बीजेपी का विरोध कर रहे हैं. ऐसे में सपना चौधरी को भी उनके विरोध का सामना करना पड़ता. शायद इसीलिए ही सपना चौधरी प्रचार से पीछे हट गईं.
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बीजेपी की प्रतिक्रिया: बीजेपी पार्टी के दिग्गजों के अभी तक मैदान में ना उतरने को लेकर जब हमने पार्टी प्रवक्ता प्रवीण अत्रे से बात की तो उन्होंने कहा कि जिन नेताओं की जिम्मेदारी लगाई गई है वे लगातार प्रचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी मंत्रियों में शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर, कमलेश ढांडा, रणजीत चौटाला जैसे मंत्री प्रचार कर चुके हैं. इसके साथ ही वे कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि दिग्गज प्रचार से दूर हैं खुद मुख्यमंत्री 27 तारीख को एक रैली को संबोधित करेंगे.
वहीं उप मख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे एक बार अपने लोगों से मिल चुके हैं. उनका 26 तारीख को भी एक कार्यक्रम है. यानी वे मानते हैं कि जिन नेताओं की जिम्मेदारी लगाई गई है वे सभी प्रचार में जुटे हैं. भले ही अभी तक मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मैदान में दिखाई नहीं दिए हों. वही जब उनसे पूछा गया कि क्या किसान आंदोलन की वजह से पार्टी के बड़े नेता मैदान से दूर तो नहीं है तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है. पार्टी ने जिन लोगों की जिम्मेदारियां इस चुनाव के लिए लगाई है वह सभी अपनी जिम्मेदारी को निभा रहे हैं.
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कांग्रेस के दिग्गज जमीनी स्तर पर क्यों है नदारद: दिग्गजों के चुनाव प्रचार से दूर रहने को लेकर जब हमने कांग्रेस नेता रणधीर राणा से बात की तो उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है. सभी पार्टी नेता लगातार चुनाव प्रचार में जुटे हुए वे कहते हैं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी दो बार आ चुके हैं वहीं पार्टी की अध्यक्षा कुमारी शैलजा और प्रभारी भी लगातार प्रचार में जुटे हुए हैं. इतना ही नहीं वे कहते हैं कि दीपेंद्र हुड्डा भी आप प्रचार के लिए आ रहे हैं.
वहीं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला कि अभी तक प्रचार में ना आने के लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि वे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव है और उनके पास कई जिम्मेदारियां हैं. वे कहते हैं कि उनके पास कर्नाटक का भी प्रभार है जिसकी वजह से वह वहां भी व्यस्त है और जल्द ही वे ऐलनाबाद में भी प्रचार के लिए आ रहे हैं. हालांकि प्रचार के सिर्फ तीन ही दिन बचे हुए हैं. ऐसे में अब यह दिग्गज क्या कर पाते हैं यह बड़ी बात है.
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जेजेपी का क्या है कहना: वहीं जेजेपी प्रवक्ता दीपकमल सारण का कहना है कि पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता चुनाव में गठबंधन के प्रत्याशी के लिए प्रचार कर रहे हैं. बात चाहे फिर खुद पार्टी सुप्रीमो अजय चौटाला की हो या फिर दिग्विजय चौटाला की दोनों लगातार प्रचार अभियान में जुटे हुए हैं. वे कहते हैं कि उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पहले ही सिरसा जिले के पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं. और उन्होंने सभी की जिम्मेदारी उपचुनाव में प्रचार के लिए लगाई है. जहां तक खुद उपमुख्यमंत्री की बात है तो वे भी कल से आने वाले दो - तीन दिनों के लिए प्रचार के लिए मैदान में मौजूद रहेंगे.
इनेलो का क्या है इस मामले में कहना: वहीं सभी दलों के दिग्गज नेताओं की अभी तक प्रचार से दूरी को लेकर जब हमने इनेलो के नेता राकेश सिहाग से बात की तो उन्होंने कहा कि बीजेपी के दिग्गज नेता किसानों के विरोध से डर रहे हैं. वे ऐलनाबाद हो या फिर प्रदेश के किसी भी गांव में वे जाने की हिम्मत नहीं कर सकते. उन्हें किसानों के विरोध का डर सताता है. साथ ही वे कहते हैं कि जहां तक कांग्रेस की बात है तो कांग्रेस के दिग्गज नेता भी हार के डर से प्रचार से बच रहे हैं. खास तौर पर रणदीप सुरजेवाला को लेकर उन्होंने कहा कि ऐलनाबाद में पार्टी की हार होना तय है तो वह भी अपने ऊपर किसी तरह का दाग नहीं लगाना चाहते हैं.
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