चंडीगढ़: शनिवार से चंडीगढ़ में इलेक्ट्रिक बसें (electric bus service started Chandigarh) शुरू हो गई है. इन बसों से एक तरफ वायू प्रदूषण से निजात मिलेगी तो दूसरी तरफ डीजल की खपत भी कम होगी. इसके साथ ही ट्रांसपोर्ट विभाग (Transport Department Chandigarh) का खर्चा भी कम होगा. इन बसों की शुरुआत चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने हरी झंडी दिखाकर की. आधुनिक सुविधाओं से लैस ये सभी बसें पूरी तरह से एयर कंडीशनर हैं. एक बार चार्ज करने के बाद बस करीब 200 किलोमीटर का सफर तय कर सकती है.
एक डीजल बस औसतन चंडीगढ़ शहर में लगभग 200 किलोमीटर का सफर तय करती है. लिहाजा ये माना जा रहा है कि बस को दिन में एक ही बार चार्ज करना पड़ेगा. बार-बार चार्ज करने की नौबत नहीं आएगी. प्रशासन की ओर से चंडीगढ़ में तीन चार्जिंग पॉइंट बना दिए गए हैं. पहला चार्जिंग प्वाइंट सेक्टर-43 बस स्टैंड, दूसरा चार्जिंग प्वाइंट सेक्टर-17 बस स्टैंड और तीसरा चार्जिंग प्वाइंट चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट डिपो में बनाया गया है. महज दो घंटे में ये बस पूरी तरह से चार्ज हो जाती है. एक बार चार्ज होने के बाद बस 200 किलोमीटर चलने के लिए तैयार है.
इन बसों में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं. बस के आगे, पीछे और बीच में इनको सेट किया गया है. इनकी फुटेज चालक के पास लगाई गई एलसीडी स्क्रीन में दिखाई देगी. बस के अंदर पैनिक बटन भी लगाए गए हैं, ताकि इमरजेंसी में बस को बटन दबाकर रुकवाया जा सके.
इसके अलावा इन बसों (Features of electric bus) में जीपीएस लगा है. यात्री मोबाइल ऐप के जरिए बस को ट्रैक कर सकते हैं. उन्हें मोबाइल ऐप में ये दिखाई देगा कि उनकी बस कि लोकेशन क्या है और वो कितने देर में उन तक पहुंचेगी. प्रशासन की ओर से ये दावा भी किया जा रहा है कि इलेक्ट्रिक बस शुरू होने के बाद यात्रियों को लोकल बस का ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. हर 10 मिनट के बाद ये बस स्टॉप पर पहुंचेगी. फिलहाल 10 इलेक्ट्रिक बसों को चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने हरी झंडी दिखाई है.
अगले महीने 40 और बसें इस बेड़े में शामिल कर दी जाएंगी, जबकि अगले साल तक 40 और बसें आ जाएंगी. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही शहर में चलने वाली लोकल बसों के बेड़े में से डीजल बसों को हटा दिया जाएगा और उनकी जगह इलेक्ट्रिक बसें ले लेंगी. प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने बताया कि ये बसें प्रशासन की ओर से खरीदी नहीं गई है, बल्कि बस बनाने वाली कंपनी से कांटेक्ट किया गया है. ये बसें कंपनी ही चलाएंगी, लेकिन इस बस में चालक और परिचालक चंडीगढ़ प्रशासन के होंगे. चंडीगढ़ प्रशासन कंपनी को किलोमीटर के आधार पर पैसे देगा. ये कॉन्ट्रैक्ट 10 साल के लिए किया गया है.