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LOCKDOWN: दिहाड़ी मजदूरों पर छाया रोटी का संकट

देशभर में लॉकडाउन के बाद कई सेक्टरों के ज्यादातर मजदूर अपने-अपने घरों की ओर पलायन कर गए हैं. वहीं यातायात सुविधाएं बंद होने की वजह से कुछ लोग जहां काम करते थे वही पर फंस गए हैं. अब इन लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट तो है. साथ ही पेट भरने के लिए खानपान की भी सुविधा नहीं है.

effect of lockdown on laobur
मजदूरों की जिंदगी पर पड़ा असर
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Published : Mar 27, 2020, 6:03 PM IST

चंडीगढ़: लॉकडाउन के बाद एक तरफ लोग घरों में रहने को मजबूर हो गए हैं. वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो रोज कमाने के बाद ही खाना खा पाते थे. उनके सामने मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. उनको जहां रोजी-रोटी का संकट सामने खड़ा दिखाई दे रहा है. वहीं खाने पीने के लिए भी सामान की दिक्कत आ रही है. ऐसे ही कुछ लोगों से बातचीत की ईटीवी भारत की टीम ने.

चंडीगढ़ में जहां प्रशासन लोगों को जरूरी सेवाएं मुहैया करवाने में जुटा है. वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन तक ये सेवा ही नहीं पहुंच पाई है. ये लोग अधिकतर उत्तर प्रदेश के कई जिलों के रहने वाले हैं. जो यहां पर फैक्ट्रियों, रिक्शा चलाकर और अन्य कार्य स्थलों पर काम करते हैं. ये लोग ना तो अपने घर जाने पा रहे हैं और ना ही उनके पास फिलहाल कोई काम है.

मजदूरों की जिंदगी पर पड़ा असर

लोगों ने बताया कि उन्हें बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनको प्रशासन की ओर से फिलहाल कोई मदद नहीं मिल पाई है. ऐसे में ये लोग अभी मिल बांट कर अपना खर्चा चला रहे हैं और जैसे तैसे गुजारा कर रहे हैं. इन लोगों की हालात की ओर अभी प्रशासन का ध्यान नहीं गया है और ना ही इन्हें प्रशासन की ओर से अभी कोई फिलहाल मदद मिली है.

ये भी पढ़िए: COVID-19: CS केशनी आनंद अरोड़ा की अध्यक्षता में संकट समन्वय समिति की बैठक

आपको बता दें कि देशभर में लॉकडाउन के बाद कई सेक्टरों के ज्यादातर मजदूर अपने-अपने घरों की ओर पलायन कर गए हैं. वहीं यातायात सुविधाएं बंद होने की वजह से कुछ लोग जहां काम करते थे वही पर फंस गए हैं. अब इन लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट तो है. साथ ही पेट भरने के लिए खानपान की भी सुविधा नहीं है. ऐसे में ईटीवी भारत उम्मीद करता है कि प्रशासन की नजर इन पर जाएगी और इनके सामने जो समस्याएं हैं उनका भी समाधान होगा.

चंडीगढ़: लॉकडाउन के बाद एक तरफ लोग घरों में रहने को मजबूर हो गए हैं. वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो रोज कमाने के बाद ही खाना खा पाते थे. उनके सामने मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. उनको जहां रोजी-रोटी का संकट सामने खड़ा दिखाई दे रहा है. वहीं खाने पीने के लिए भी सामान की दिक्कत आ रही है. ऐसे ही कुछ लोगों से बातचीत की ईटीवी भारत की टीम ने.

चंडीगढ़ में जहां प्रशासन लोगों को जरूरी सेवाएं मुहैया करवाने में जुटा है. वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन तक ये सेवा ही नहीं पहुंच पाई है. ये लोग अधिकतर उत्तर प्रदेश के कई जिलों के रहने वाले हैं. जो यहां पर फैक्ट्रियों, रिक्शा चलाकर और अन्य कार्य स्थलों पर काम करते हैं. ये लोग ना तो अपने घर जाने पा रहे हैं और ना ही उनके पास फिलहाल कोई काम है.

मजदूरों की जिंदगी पर पड़ा असर

लोगों ने बताया कि उन्हें बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनको प्रशासन की ओर से फिलहाल कोई मदद नहीं मिल पाई है. ऐसे में ये लोग अभी मिल बांट कर अपना खर्चा चला रहे हैं और जैसे तैसे गुजारा कर रहे हैं. इन लोगों की हालात की ओर अभी प्रशासन का ध्यान नहीं गया है और ना ही इन्हें प्रशासन की ओर से अभी कोई फिलहाल मदद मिली है.

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आपको बता दें कि देशभर में लॉकडाउन के बाद कई सेक्टरों के ज्यादातर मजदूर अपने-अपने घरों की ओर पलायन कर गए हैं. वहीं यातायात सुविधाएं बंद होने की वजह से कुछ लोग जहां काम करते थे वही पर फंस गए हैं. अब इन लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट तो है. साथ ही पेट भरने के लिए खानपान की भी सुविधा नहीं है. ऐसे में ईटीवी भारत उम्मीद करता है कि प्रशासन की नजर इन पर जाएगी और इनके सामने जो समस्याएं हैं उनका भी समाधान होगा.

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