चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने वाले बच्चों के लिए स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट की अनिवार्यता खत्म कर दी है. जिसके बाद निजी स्कूल संचालक सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. निजी स्कूल संचालकों ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल कर दिया है. जिसपर 25 जून को सुनवाई होनी है.
निजी स्कूल संचालकों के विरोध को देखते हुए बुधवार को चंडीगढ़ में हरियाणा के शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की एक बैठक हुई. जिसमें निजी स्कूल संचालकों के पक्ष को जानने के लिए उन्हें शुक्रवार को पंचकूला शिक्षा सदन में बुलाया गया है. इस बैठक में बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की जाएगी.
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'बिगड़ सकती है निजी स्कूलों की आर्थिक स्थिति'
शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने बताया कि स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट की अनिवार्यता खत्म करने के बाद निजी स्कूलों की आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है. खासकर ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. निजी स्कूलों का कहना है कि उनके फीस समेत कई ड्यूज छात्रों पर बकाया हैं. ऐसे में बिना एसएलसी के सरकारी स्कूलों में दाखिले से उन्हें काफी नुकसान होगा.
फाइनल ईयर के छात्र होंगे प्रमोट
शिक्षा विभाग के अन्य फैसले के बारे में बताते हुए शिक्षा मंत्री कुंवर पाल गुर्जर ने कहा कि हरियाणा सरकार ने सभी कोर्सेज के फाइनल ईयर के छात्रों को भी प्रमोट करने का फैसला किया है. इससे पहले सरकार ने फाइनल ईयर की परीक्षा लेने का फैसला किया था लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने यह फैसला बदल दिया.शिक्षा मंत्री ने कहा कि यदि फिर भी कोई छात्र फाइनल ईयर की परीक्षा देना चाहता है. तो सरकार उसकी परीक्षा लेने को तैयार है लेकिन सरकार ने किसी भी राजनीतिक दबाव के चलते यह फैसला नहीं किया है. शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट मामले में प्राइवेट स्कूल संचालकों से शुक्रवार को शिक्षा सदन में बैठक कर उनकी समस्या सुनी जाएगी.
क्या है मामला?
बता दें कि, हरियाणा सरकार के पास अभिभावकों ने अपील की थी कि हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों से बहुत सारे विद्यार्थी सरकारी विद्यालय में दाखिला ले रहे हैं. ऐसे में उन्हें निजी स्कूलों द्वारा स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट नहीं दिए जाने के चलते दाखिला नहीं मिल पा रहा है और विद्यार्थी एवं अभिभावकों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
जिसको देखते हुए हरियाणा सरकार ने सरकारी विद्यालय में दाखिला लेने के इच्छुक ऐसे सभी विद्यार्थियों को तुरंत दाखिला देने के निर्देश दिए थे. साथ ही सरकारी स्कूल की ओर से विद्यार्थी के पिछले स्कूल को दाखिले की लिखित सूचना देने के लिए 15 दिन के अंदर ऑनलाइन स्कूल इन सर्टिफिकेट जारी करने के निर्देश दिए थे.