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आर्थिक पैकेज पर बोले लॉकडाउन की मार सह रहे फोटोग्राफर- मध्यम वर्ग हमेशा पिसता है

लॉकडाउन की वजह से चंडीगढ़ में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने वाले लोग बड़ी मुश्किल से जीवन यापन करने को मजबूर हैं. लॉकडाउन की वजह से अब ना शादियां हो रही हैं और ना ही कोई कार्यक्रम. जिसकी वजह से उन्हें घर चलाने के लिए काफी परेशानी हो रही है.

Economic crisis on photographer and videographer
Economic crisis on photographer and videographer
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Published : May 22, 2020, 4:24 PM IST

Updated : May 22, 2020, 5:36 PM IST

चंडीगढ़: केंद्र और राज्य सरकारों ने लॉकडाउन के चौथे चरण में व्यापार और उद्योग जगत को राहत दी है. नियमों और सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर अब अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद जारी है. कुछ वर्ग ऐसे भी हैं जिनका काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है.

लॉकडाउन की वजह से चंडीगढ़ में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने वाले लोग बड़ी मुश्किल से जीवन यापन करने को मजबूर हैं. ईटीवी भारत हरियाणा के साथ बातचीत में फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर ने बताया कि उनकी कमाई का सबसे बड़ा जरिया शादी और दूसरे कार्यक्रम होते हैं.

फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने वालों पर लॉकडाउन की मार, क्लिक कर देखें वीडियो

लॉकडाउन की वजह से अब ना शादियां हो रही हैं और ना ही कोई कार्यक्रम. जिसकी वजह से उन्हें घर चलाने के लिए काफी परेशानी हो रही हैं. फोटोग्राफर्स ने बताया कि लॉकडाउन से पहले जिन लोगों से उन्होंने एडवांस लिया था वो भी उन्हें लौटाना पड़ा, क्योंकि सभी कार्यक्रम स्थगित हो गए. केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज पर फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर ने कहा कि सरकार कि योजनाओं का फायदा सिर्फ गरीब लोगों को मिलता है. मध्यम वर्ग हमेशा पिसता ही है.

सरकार ने शादी जैसे कार्यक्रमों के लिए कम से कम लोगों के शामिल होने की अनुमति दी है. वीडियो ग्राफर के मुताबिक बड़ी समस्या ये है कि छोटे कार्यक्रमों के लिए लोग हमें वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के लिए नहीं बुलाना चाहेंगे, क्योंकि अब हर कोई अपने मोबाइल और घर पर ही रखें कैमरों का इस्तेमाल कर इस छोटे इवेंट को कवर कर लेगा.

ये भी पढ़ें- कोरोना की मार: लॉकडाउन में रोजी-रोटी को तरसे कपड़े धोने वाले दिहाड़ी मजदूर

उन्होंने बताया कि हम ज्यादातर लोग किराए की दुकानों से अपना काम चलाते हैं. इस समय काम नहीं होने की वजह से हम किराया देने में भी असमर्थ हैं. रोजमर्रा के खर्च के लिए भी मुश्किलें हो रही है. इतना ही नहीं जो इस्ट्रूमेंट हमने खरीदे हैं उनकी हम किश्त भी नहीं दे पा रहे. फोटो और वीडियो ग्राफर्स ने सरकार से मांग की है कि 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज में उनके लिए भी कुछ छुट मिले.

चंडीगढ़: केंद्र और राज्य सरकारों ने लॉकडाउन के चौथे चरण में व्यापार और उद्योग जगत को राहत दी है. नियमों और सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर अब अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद जारी है. कुछ वर्ग ऐसे भी हैं जिनका काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है.

लॉकडाउन की वजह से चंडीगढ़ में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने वाले लोग बड़ी मुश्किल से जीवन यापन करने को मजबूर हैं. ईटीवी भारत हरियाणा के साथ बातचीत में फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर ने बताया कि उनकी कमाई का सबसे बड़ा जरिया शादी और दूसरे कार्यक्रम होते हैं.

फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने वालों पर लॉकडाउन की मार, क्लिक कर देखें वीडियो

लॉकडाउन की वजह से अब ना शादियां हो रही हैं और ना ही कोई कार्यक्रम. जिसकी वजह से उन्हें घर चलाने के लिए काफी परेशानी हो रही हैं. फोटोग्राफर्स ने बताया कि लॉकडाउन से पहले जिन लोगों से उन्होंने एडवांस लिया था वो भी उन्हें लौटाना पड़ा, क्योंकि सभी कार्यक्रम स्थगित हो गए. केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज पर फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर ने कहा कि सरकार कि योजनाओं का फायदा सिर्फ गरीब लोगों को मिलता है. मध्यम वर्ग हमेशा पिसता ही है.

सरकार ने शादी जैसे कार्यक्रमों के लिए कम से कम लोगों के शामिल होने की अनुमति दी है. वीडियो ग्राफर के मुताबिक बड़ी समस्या ये है कि छोटे कार्यक्रमों के लिए लोग हमें वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के लिए नहीं बुलाना चाहेंगे, क्योंकि अब हर कोई अपने मोबाइल और घर पर ही रखें कैमरों का इस्तेमाल कर इस छोटे इवेंट को कवर कर लेगा.

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उन्होंने बताया कि हम ज्यादातर लोग किराए की दुकानों से अपना काम चलाते हैं. इस समय काम नहीं होने की वजह से हम किराया देने में भी असमर्थ हैं. रोजमर्रा के खर्च के लिए भी मुश्किलें हो रही है. इतना ही नहीं जो इस्ट्रूमेंट हमने खरीदे हैं उनकी हम किश्त भी नहीं दे पा रहे. फोटो और वीडियो ग्राफर्स ने सरकार से मांग की है कि 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज में उनके लिए भी कुछ छुट मिले.

Last Updated : May 22, 2020, 5:36 PM IST
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