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'फसलों की सफाई, ग्रेडिंग, छंटाई और बैग सिलाई मशीनों से होगी' - dushyant chautala news

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया है कि इस बार मंडियों में फसलों की सफाई, ग्रेडिंग, छंटाई और बैग सिलाई मशीनों से होगी. उन्होंने कहा कि मजदूर कम हैं और इससे आढ़ती और किसानों को नुकसान हो रहा है.

dushyant chautala
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Published : Aug 3, 2020, 6:17 PM IST

चंडीगढ़: कोविड-19 के दौरान प्रदेश के किसानों को जहां फसल कटाई से लेकर मंडी लाने तक काफी परेशानी झेलनी पड़ी. वहीं मंडियों में खरीद सीजन के दौरान आढ़तियों को फसल की सुखाई, तुलाई, बैग-सिलाई और ढुलाई में मजदूरों की कमी होने के कारण काफी दिक्कतें हुई.

इस बार गेहूं के सीजन में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने ग्राउंड पर जाकर देखा और किसानों और आढ़तियों की पीड़ा को समझा. डिप्टी सीएम ने हाल ही में खाद्य, नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग और हरियाणा राज्य कृषि एवं विपणन बोर्ड के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता की. इसमें उन्होंने सीजन 2020-21 के लिए धान और बाजरा की खरीद के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा की.

दुष्यंत चौटाला को जानकारी दी गई कि सीजन के समय फसलों की अधिक आवक के कारण कई बार मंडियों में नमीयुक्त फसलों को सुखाने, उनका तोल करने और उसके बाद उठान करने में काफी समय लग जाता है. जिसके कारण किसान को अपनी फसल बेचने और आढ़ती को अपनी फड़ से उठान करवाने में परेशानी होती है. इसमें दोनों का ही नुकसान होने की संभावना बनी रहती है.

मशीनों से होगी सफाई, ग्रेंडिंग, छंटाई और बैग सिलाई

धान, गेहूं, सरसों, मक्का आदि फसल की सफाई, ग्रेडिंग, छंटाई और बैग सिलाई तथा बैग उठाने में मजदूरों की कमी होने की भी आम शिकायत रहती है. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्तूबर महीने में धान की खरीद के समय तक अगर कोरोना महामारी का प्रकोप रहता है तो इससे मजदूरों की कमी हो सकती है.

उन्होंने कहा कि इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने अपनी मंडियों में मशीनों से फसल की सफाई करने, लोड करने, बैग सिलाई करने का निर्णय लिया है, ताकि किसानों व आढ़तियों को नुकसान से बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि फसल के मंडी में पहुंचने से लेकर खरीद होने के बाद उठान होने तक सारी प्रक्रिया सही तरीके से और तेजी से हो.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में टिड्डी दल का हमला राजस्थान सरकार की नाकामी: जेपी दलाल

चंडीगढ़: कोविड-19 के दौरान प्रदेश के किसानों को जहां फसल कटाई से लेकर मंडी लाने तक काफी परेशानी झेलनी पड़ी. वहीं मंडियों में खरीद सीजन के दौरान आढ़तियों को फसल की सुखाई, तुलाई, बैग-सिलाई और ढुलाई में मजदूरों की कमी होने के कारण काफी दिक्कतें हुई.

इस बार गेहूं के सीजन में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने ग्राउंड पर जाकर देखा और किसानों और आढ़तियों की पीड़ा को समझा. डिप्टी सीएम ने हाल ही में खाद्य, नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग और हरियाणा राज्य कृषि एवं विपणन बोर्ड के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता की. इसमें उन्होंने सीजन 2020-21 के लिए धान और बाजरा की खरीद के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा की.

दुष्यंत चौटाला को जानकारी दी गई कि सीजन के समय फसलों की अधिक आवक के कारण कई बार मंडियों में नमीयुक्त फसलों को सुखाने, उनका तोल करने और उसके बाद उठान करने में काफी समय लग जाता है. जिसके कारण किसान को अपनी फसल बेचने और आढ़ती को अपनी फड़ से उठान करवाने में परेशानी होती है. इसमें दोनों का ही नुकसान होने की संभावना बनी रहती है.

मशीनों से होगी सफाई, ग्रेंडिंग, छंटाई और बैग सिलाई

धान, गेहूं, सरसों, मक्का आदि फसल की सफाई, ग्रेडिंग, छंटाई और बैग सिलाई तथा बैग उठाने में मजदूरों की कमी होने की भी आम शिकायत रहती है. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्तूबर महीने में धान की खरीद के समय तक अगर कोरोना महामारी का प्रकोप रहता है तो इससे मजदूरों की कमी हो सकती है.

उन्होंने कहा कि इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने अपनी मंडियों में मशीनों से फसल की सफाई करने, लोड करने, बैग सिलाई करने का निर्णय लिया है, ताकि किसानों व आढ़तियों को नुकसान से बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि फसल के मंडी में पहुंचने से लेकर खरीद होने के बाद उठान होने तक सारी प्रक्रिया सही तरीके से और तेजी से हो.

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