चंडीगढ़: हृदय हमारे पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह करता है. रक्त के जरिए हमारे पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचती है. इसलिए इसका अच्छे से काम करते रहना जरूरी है. हृदय सही तरीके से काम कर रहा है या नहीं इसकी जांच करने के लिए ईसीजी, टीएमटी, इको और ब्लॉकेज का पता लगाने के लिए एंजियोग्राफी की जाती है. लेकिन अब हार्ट में ब्लॉकेज का पता लगाने के लिए सीटी एंजियोग्राफी (CT angiography for heart patients) बेहद कारगर मानी जा रही है. ये सबसे लेटेस्ट तकनीक में से एक है. किन मरीजों की इसकी मदद से हार्ट की ब्लॉकेज जांची जा सकती है, क्या सभी हार्ट के मरीज इसका फायदा उठा सकते हैं. इस बारे में ईटीवी भारत ने बात की जाने माने हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. हरिंदर के. बाली से.
सीटी एंजियोग्राफी कब करानी चाहिए- जब डॉक्टर हरिंदर के बाली से पूछा गया कि आज के दौर में ह्रदय की ब्लॉकेज जानने के लिए सीटी एंजियोग्राफी कितनी कारगर (How effective is CT angiography) है तो उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो हमें यह समझना होगा कि जिन मरीजों की उम्र 35 साल से ऊपर है और जिनको कई तरह की अन्य बीमारियां है उनको अपना डिटेल्ड कार्डिक ईवैल्यूएशन करवाना चाहिए. इसके लिए सबसे बेहतर स्क्रीनिंग टेस्ट है. उसमे इको के साथ ही किसी-किसी का स्ट्रेस टेस्ट किया जाता है. स्ट्रेस टेस्ट में स्ट्रेस थैलियम हो सकता है. इससे हमें पता चलता है कि दिल की बीमारी का अंदेशा है या नहीं. हालांकि इन सभी टेस्ट की लिमिटेशन होती है.
सीटी एंजियोग्राफी से पता चल सकता है ब्लॉकेज- डॉक्टर के मुताबिक इससे सिर्फ हमें आयडिया मिलता है कि ब्लॉकेज के कितने चांस है. यह सब कई बातों पर निर्भर करता है. इसमें मरीज की उम्र, उसका लिंग क्या है. रिस्क फैक्टर है या नहीं है. ब्लॉकेज के कोई चांस हैं या नहीं. इसको हम प्रीटेस्ट प्रोबेबिलिटी कहते हैं. जब हमें लगता है कि इसमें और आगे जांच करने की जरूरत है तो फिर हम सीटी एंजियोग्राफी करते हैं. इसके लिए डॉक्टर मरीज के दिल की जांच करते हैं.
पता चल सकती है दिल की बीमारी- डॉक्टर बाली ने बताया कि पिछले 10-12 सालों में यह तकनीक काफी बेहतर हो गई है. इसकी डायग्नोस करने की कैपेसिटी भी काफी अच्छी हो गई है लेकिन इसकी सेंसिटिविटी अधिक होती है. इसका मतलब है कि अगर सीटी स्कैन आपका नॉर्मल है तो हम तुरंत कह सकते हैं कि आपको बीमारी नहीं है. सीटी एंजियोग्राफी में हम सिर्फ यही नहीं देखते कि कितनी ब्लॉकेज है. इसके अलावा अभी अन्य स्तरों को भी देखा जाता है. इसलिए यह उन लोगों के लिए अच्छी है जो यह पता लगाना चाहते हैं उन्हें दिल की बीमारी है या नहीं.
डॉक्टर हरिंदर बाली ने बताया कि इंटरनेशनल लेवल पर हुए ट्रायल में भी देखा गया है कि सीटी एंजियोग्राफी के जरिए मरीज को किसी बीमारी का कोई लक्षण तो नहीं है, इस बात का पता लगाने में ये काफी फायदेमंद है. उसके बेसिस पर हम तय कर सकते हैं कि आगे क्या इलाज करना है. इसलिए सीटी एंजियोग्राफी एक अच्छी इन्वेस्टिगेशन का हिस्सा है. लेकिन इसके जरिए सभी दिल के मरीजों को डायग्नोस नहीं कर सकते हैं.
डॉक्टर बाली ने बताया कि सिटी एंजियोग्राफी का इस्तेमाल कुछ खास मरीजों पर ही किया जा सकता है. इसका इस्तेमाल सिर्फ उन पर करना चाहिए जहां कोई स्ट्रेस रिस्क न हो या फिर उन मरीजों का करना चाहिए जिन्हें दिल की बीमारी का रिस्क ज्यादा है और डायग्नोस करना जरूरी है. इसके बाद यह डायग्नोस करने के लिए अच्छी इन्वेस्टिगेशन है. क्योंकि इसके जरिए ब्लॉकेज के स्तर को विभिन्न स्तरों पर जांचा जा सकता है.
किडनी पेशेंट के लिए सीटी एंजियोग्राफी- डॉक्टर बाली ने बताया कि यह एक डायग्नोस्टिक टेस्ट है कोई ट्रीटमेंट नहीं है. इसकी मदद से हमें आगे क्या इलाज करना है. एंजियोप्लास्टी करने की जरूरत है या नहीं है यह सब चीजें साफ होती है. इसलिए सीटी एंजियोग्राफी अच्छा टेस्ट का साधन है. लेकिन सभी को इसके जरिए डायग्नोज नहीं किया जा सकता है. सीटी एंजियोग्राफी हम उन लोगों पर इस्तेमाल नहीं कर सकते जिनकी किडनी की समस्या है.
डॉक्टर ने बताया कि सीटी एंजियोग्राफी करवाने से पहले आप अपने डॉक्टर से मिलिए और नॉन इनविजिबल टेस्ट पहले करवाइए. इसके बाद अगर डॉक्टर को लगता है कि आपको सीटी एंजियोग्राफी कराने की जरूरत है तो फिर वह करवाई जा सकती है. उन्होंने बताया कि दोनों की अपनी-अपनी प्रासंगिकता है. सीटी एंजियोग्राफी की अपनी अहमियत है और कन्वेंशनल टेस्ट की अपनी.
सभी मरीज नहीं करा सकते सीटी एंजियोग्राफी- डॉक्टर बाली कहते हैं कि सभी को यह टेस्ट नहीं करवाना चाहिए. ह्रदय रोग चिकित्सक की सलाह पर ही इस टेस्ट को करवाया जाना चाहिए. क्योंकि हम जो भी टेस्ट करते हैं उसकी अपनी लिमिटेशन होती है. उसके अपने साइड इफेक्ट्स होते हैं. उन्हीं लोगों को करवाना चाहिए जब हार्ट स्पेशलिस्ट आपकी पूरी हिस्ट्री की जानकारी रखते हैं और विभिन्न स्तरों पर करवाई गई आपकी जांच के आधार पर ही वे इस टेस्ट की सलाह देते हैं.
बिना डॉक्टर की सलाह के ना करवाएं सीटी एंजियोग्राफी- डॉक्टर बाली कहते हैं कि जहां तक इससे होने वाली रेडिएशन के खतरे की बात है तो इसमें बहुत ज्यादा रिस्क नहीं रहता है. हालांकि रेडिएशन इससे भी होती है. क्योंकि हम बात वन टाइम सीटी एंजियोग्राफी की कर रहे हैं, लेकिन फिर भी किसी को भी यह नहीं सोच लेना चाहिए कि वह सीटी एंजियोग्राफी करवा लेंगे. बिना हार्ट स्पेशलिस्ट की सलाह के ऐसा बिल्कुल न करें.
सीटी एंजियोग्राफी का खर्च- डॉक्टर बाली ने बताया कि सीटी एंजियोग्राफी के जरिए इलाज पर होने वाले खर्च की बात है तो यह ज्यादा महंगी जांच भी नहीं है लेकिन हम यह देखते हैं कि मरीज को उसे कितना फायदा होगा. डॉक्टर बाली मानते हैं कि किडनी के मरीजों को इस टेस्ट (CT angiography for kidney patient) से बचना चाहिए. उनका कहना है कि इस टेस्ट को करने से पहले कम कैल्शियम लेवल भी चेक करते हैं क्योंकि कई बार कैल्शियम इतना होता है कि हम सीटी एंजियोग्राफी नहीं कर सकते. क्योंकि हमें ब्लॉकेज का इसमें पता नहीं चल पाएगा. इसके लिए हमें एंजियोग्राफी ही करनी पड़ेगी.