चंडीगढ़/ नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर के बदमाशों को पिस्तौल के लिए गोली सप्लाई करने वाले एक तस्कर गैंग का स्पेशल सेल ने पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस गैंग के छह लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से 4500 गोलियां बरामद की हैं.
इसे लेकर स्पेशल सेल द्वारा आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया है. आरोपी अम्बाला स्थित गन हाउस से गोलियां अवैध तरीके से बाजार में बेच रहे थे.
स्पेशल सेल रख रही थी नजर
डीसीपी संजीव यादव के अनुसार, स्पेशल सेल की टीम हथियार सप्लाई करने वाले कुछ तस्करों को लेकर काम कर रही थी. ऐसे कुछ गैंग पिछले दिनों उनके द्वारा पकड़े भी गए थे. हाल ही में उनकी टीम को पता चला कि कुछ लोग दिल्ली एनसीआर, हरियाणा और यूपी में बड़ी संख्या में गोली सप्लाई कर रहे हैं.
एएसआई संजीव कुमार को पता चला कि गोली सप्लाई करने के लिए एक शख्स मुकुंदपुर फ्लाईओवर के पास आएगा. इस जानकारी पर एसीपी जसबीर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर विवेकानंद पाठक और कुलदीप सिंह की टीम ने छापा मारकर रमेश कुमार और दीपांशु को पकड़ लिया. दोनों के पास से 4 हजार गोलियां बरामद हुईं.
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चार अन्य आरोपी किये गए गिरफ्तार
आरोपियों से मिली जानकारी पर पुलिस टीम राजस्थान गई और वहां से अमित राव को गिरफ्तार किया. पूछताछ के दौरान उसने बताया कि वह बड़ी संख्या में लोगों को गोली सप्लाई करता है. अम्बाला में उसका गन हाउस है.
17 फरवरी को रमेश कुमार से मिली जानकारी पर हरियाणा में विभिन्न जगह पर छापेमारी की गई और उसकी निशानदेही पर पानीपत से इकराम को गिरफ्तार किया गया. वह रमेश से गोलियां लेता था. इसके बाद करनाल से अकरम को गिरफ्तार किया गया और उसके पास से 500 गोलियां बरामद की गई.
इसके अलावा हरियाणा के पंचकुला में छापा मारकर रमेश कुमार की निशानदेही पर मनोज कुमार चौहान को गिरफ्तार किया गया. वह भी रमेश से गोली लेता था.
गन हाउस से अवैध तरीके से बेचते थे गोलियां
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने पुलिस को बताया कि रमेश कुमार उन्हें गोली सप्लाई करता था. वर्ष 2018 से रमेश अंबाला स्थित गन हाउस में काम करता है. इससे पहले वह एक अन्य गन हाउस में काम करता था. रमेश कुमार ने गन हाउस के मालिक अमित राव को बाजार में गोली बेचने का लालच दिया.
इसके बाद अमित राव गोली खरीदता लेकिन उनकी एंट्री नहीं करता था. दोनों मिलकर इन गोलियों को विभिन्न बदमाशों को सप्लाई करने लगे. वह एक गोली को पुणे की फैक्ट्री से 80 रुपये में खरीदकर आगे 125 रुपये में बेचते थे. गिरफ्तार किये गए अन्य आरोपी इनसे गोली लेकर आगे 200 से 250 रुपये में बेचते थे.
लॉकडाउन में गई नौकरी बन गया तस्कर
गिरफ्तार किया गया दीपांशु मार्केटिंग में एमबीए कर चुका है और वह नोएडा की एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता था. उसके पिता का इटावा में एक गन हाउस था जो 2015 में उसके पिता की मौत के बाद बंद हो गया था. दीपांशु अपने पिता के साथ करनाल जाता रहा है जहां उसकी मुलाकात रमेश से हुई थी.
लॉकडाउन में उसकी नौकरी चली गई जिसके चलते उसने रमेश कुमार से संपर्क किया और गोली सप्लाई करने लगा. दीपांशु रुपये 125 में खरीदी गई गोली को 200 से 250 रुपये में बेच देता था. वह लगभग 1 साल से इस काम में शामिल था.
गन हाउस की आड़ में अवैध धंधा
आरोपी अमित राव रेवाड़ी का रहने वाला है. उसने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है. इसके अलावा होटल मैनेजमेंट का कोर्स भी उसने किया हुआ है. उसके मामा अंबाला गन हाउस के मालिक थे और उनकी मौत के बाद यह लाइसेंस अमित ने अपने नाम ट्रांसफर करा लिया.
वह खुद जयपुर में एक होटल संभालता है और यह गन हाउस रमेश संभालता था. उसने पुलिस को बताया है कि वह पुणे की एक कंपनी से 80 रुपये में गोली खरीदता था और उन्हें अलग-अलग लोगों को 125 रुपये में बेचता था.
नौकरी छोड़ करने लगे तस्करी
इकराम और अकरम सगे भाई हैं और मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं. उन्होंने अपने पिता से गन की रिपेयरिंग सीखी थी. यहां पर वह पानीपत में गन रिपेयर का काम करते थे. इसके लिए उन्हें 10 से 15000 रुपये महीना मिलता था. इसी दौरान वह रमेश कुमार से मिले जिसने उन्हें अवैध तरीके से गोली बेचने में लगा दिया.
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वह उससे 125 रुपये में गोली लेकर 200 से 250 रुपये में मुजफ्फरनगर, यूपी, पानीपत, करनाल, हरियाणा आदि जगह पर बेचते थे. इकराम को पहले भी एक्साइज एक्ट में हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया था. छठा आरोपी मनोज कुमार चौहान गार्ड का काम करता है. उसके पास हथियार का लाइसेंस है. वह बीते कुछ वर्षों से इस गैंग के साथ जुड़ा हुआ था. वह रमेश से गोली लेकर उसे हरियाणा और यूपी में सप्लाई करता था.