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अगर आप डिजिटल पेमेंट करते हैं तो सावधान! ये बातें आपको फ्रॉड से बचा सकती हैं - डिजिटल पेमेंट ओटीपी शेयरिंग

पूरे देश में ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं, जिसमें साइबर ठग फोन पर लोगों को बातों में उलझाते हैं और ओटीपी हासिल कर लेते हैं. जिसके बाद पीड़ित का खाता खाली हो जाता है. ऐसी ठगी से बचने के लिए साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा ने लोगों को कई महत्वपूर्ण टिप्स दिए हैं.

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अगर आप डिजिटल पेमेंट करते हैं तो चंडीगढ़ साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा की ये बातें याद रखें
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Published : Jan 29, 2021, 7:02 AM IST

चंडीगढ़: आजकल दस रुपये की चीज खरीदनी हो या दस हजार रुपये की, ज्यादातर लोग डिजिटल ट्रांजेक्शंस को पसंद करते हैं. अपने स्मार्ट फोन से एक क्यूआर कोड स्कैन किया, रकम भरी और हो गई पेमेंट. इससे ना एटीएम की दौड़ लगानी पड़ती है और ना ही फुटकर की चिंता करनी होती है, लेकिन पेमेंट करने का ये नया तरीका जितना आसान है, उतना ही रिस्की भी है क्योंकि आजकल साइबर क्रिमिनल ऐसे पेयर्स को शिकार बनाने के लिए घात लगाए बैठे हैं.

डिजिटल पेमेंट का प्रचलन पूरे देश में हो रहा है. ये ऑफलाइन भुगतान से काफी सुविधाजनक है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में बैंकिंग फ्रॉड के मामलों में इजाफा हुआ है. सबसे ज्यादा निशाना डिजिटल बैंकिंग और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने वाले लोगों को बनाया जा रहा है.

डिजिटल पेमेंट के बारे में साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा ने दी अहम जानकारी, देखिए वीडियो

ये पढ़ें- ठगों ने गूगल पर डाले फर्जी कस्टमर केयर नंबर, साइबर एक्सपर्ट से जानें कैसे होगी पहचान?

पूरे देश में बढ़ रहे हैं ऐसे फ्रॉड के मामले

अभी जो मामला हम आपको बताने जा रहे हैं, साइबर अपराधी इस तरकीब को सबसे ज्यादा अपनाते हैं, ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इस तरह के हजारों मामले पूरे देश के अलग-अलग राज्यों में देखने को मिले हैं. ये मामला हरियाणा के यमुनानगर जिले का है. जहां पर कुछ फ्रॉड्स ने एक शख्स से फोन पर बात करते हुए उसके अकाउंट से करीब 88 हजार रुपये गायब कर दिए.

पीड़ित का कहना है कि उसके पास एक शख्स का फोन आया. उसने पीड़ित को ऑफर देने की बात कही. फ्रॉड शख्स ने पीड़ित को झांसे में लेने के लिए पहले पांच रुपये की पेमेंट की. जब पीड़ित ने पेमेंट देखी तो वो और ज्यादा आश्वास्त हो गया, लेकिन अगले ही कुछ मिनट में उसके खाते से 88 हजार रुपये निकल गए.

ये पढ़ें- बैंक आपसे नहीं मांगता अकाउंट संबंधित कोई जानकारी, ईटीवी भारत ने बैंक मैनेजर से की बातचीत

सारा फ्रॉड OTP शेयर करने से होता- साइबर एक्सपर्ट

ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने ऐसे जालसाजों से बचने के लिए और लोगों तक सही जानकारी पहुंचाने के लिए साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा से बात की. उन्होंने बताया कि ये सारा खेल ओटीपी कोड के शेयरिंग से शुरू होता है. फ्रॉड करने वाले की पहली कोशिश होती है कि वो अपने टारगेट से किसी भी तरह से बातों में उलझा कर उसका ओटीपी हासिल कर ले, एक बार ओटीपी हाथ लग जाए, तो फ्रॉड पीड़ित का पूरा खाता खाली कर सकता है वो भी कुछ सेकेंड्स में.

इस तरह की ठगी करने के दो तरीके होते हैं

  • पहला- ओटीपी हासिल कर सामने वाले के अकाउंट से पैसे निकाल लेना.
  • दूसरा- ठग पेमेंट ऐप पर कैश रिक्वेस्ट भेज कर बातों में उलझा कर ट्रांजेक्शन करवा लेता है.

भूलकर भी ओटीपी शेयर ना करें- राजेश राणा

उन्होंने कहा इस तरह के अपराधों से बचने का सबसे आसान रास्ता यही है कि किसी भी सूरत में किसी भी व्यक्ति से अपना ओटीपी शेयर ना करें. अगर किसी व्यक्ति को आपके अकाउंट में पैसे भेजने हैं तो उसे सिर्फ आप का फोन नंबर चाहिए. उसके लिए उसे ओटीपी की जरूरत नहीं पड़ेगी और जब आपको किसी दूसरे व्यक्ति के अकाउंट में पैसे भेजने हैं. तब भी दूसरे व्यक्ति को आपके ओटीपी की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसलिए अपना ओटीपी किसी से भी शेयर नहीं करना है.
ये पढ़ें- वाई-फाई डेबिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं तो जान लें ये बातें, नहीं तो उड़ जायेगी आपकी गाढ़ी कमाई

पेमेंट संबंधी हर मैसेज को ध्यान से पढ़ें- राणा

पेमेंट भेजते समय या पेमेंट लेते समय आपके पेमेंट एप पर कोई भी मैसेज आता है तो उसे क्लिक करने से पहले ध्यान से पढ़ें और उसके बाद ही उस पर क्लिक करें. इन दोनों छोटी-छोटी सावधानियों को ध्यान में रखकर लोग साइबर अपराधों से बच सकते हैं.

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OTP फ्रॉड से जुड़ी अहम जानकारी

इस तरह बचें धोखे से

किसी भी व्यक्ति से मैसेज (SMS) के जरिए कोई भी सरकारी एजेंसियां, बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान वित्तीय जानकारी नहीं मांगते हैं. लेकिन अगर किसी भी व्यक्ति से कोई भी मैसेज के जरिए अकाउंट से संबंधित कोई भी जानकारी मांगी जाती है तो आप बैंक या ई-वॉलेट फर्म को इसकी सूचना दे सकते हैं.

ये पढ़ें- हरियाणा में अगर आप साइबर अपराध के शिकार बनते हैं तो यहां करें शिकायत

इसके अलावा, पुलिस या साइबर क्राइम सेल को भी इस मामले की शिकायत की जा सकती है. ग्राहक यह भी ध्यान रखें कि किसी भी असत्यापित ऐप को डाउनलोड न करें और न ही अपने फोन पर आने वाले मैसेज का जवाब दें और किसी भी अनाधिकृत लिंक पर क्लिक न करें.

इस ऐप का होता है इस्तेमाल

फ्रॉड के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल AnyDesk ऐप का होता है. यह एक कानूनी ऐप है, जो रिमोट डेस्कटॉप सॉफ्टवेयर टूल है. इसे यूजर के स्क्रीन को देखने के लिए थर्ड पार्टी को एक्सेस दिया जाता है. धोखेबाज भी इसकी मदद से ही ग्राहकों को फोन तक पहुंचते हैं और फिर बैंक अकाउंट जैसी जरूरी डीटेल्स चुरा लेते हैं. HDFC बैंक ने इस ऐप को लेकर एडवाइजरी भी जारी कर रखी है.

चंडीगढ़: आजकल दस रुपये की चीज खरीदनी हो या दस हजार रुपये की, ज्यादातर लोग डिजिटल ट्रांजेक्शंस को पसंद करते हैं. अपने स्मार्ट फोन से एक क्यूआर कोड स्कैन किया, रकम भरी और हो गई पेमेंट. इससे ना एटीएम की दौड़ लगानी पड़ती है और ना ही फुटकर की चिंता करनी होती है, लेकिन पेमेंट करने का ये नया तरीका जितना आसान है, उतना ही रिस्की भी है क्योंकि आजकल साइबर क्रिमिनल ऐसे पेयर्स को शिकार बनाने के लिए घात लगाए बैठे हैं.

डिजिटल पेमेंट का प्रचलन पूरे देश में हो रहा है. ये ऑफलाइन भुगतान से काफी सुविधाजनक है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में बैंकिंग फ्रॉड के मामलों में इजाफा हुआ है. सबसे ज्यादा निशाना डिजिटल बैंकिंग और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने वाले लोगों को बनाया जा रहा है.

डिजिटल पेमेंट के बारे में साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा ने दी अहम जानकारी, देखिए वीडियो

ये पढ़ें- ठगों ने गूगल पर डाले फर्जी कस्टमर केयर नंबर, साइबर एक्सपर्ट से जानें कैसे होगी पहचान?

पूरे देश में बढ़ रहे हैं ऐसे फ्रॉड के मामले

अभी जो मामला हम आपको बताने जा रहे हैं, साइबर अपराधी इस तरकीब को सबसे ज्यादा अपनाते हैं, ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इस तरह के हजारों मामले पूरे देश के अलग-अलग राज्यों में देखने को मिले हैं. ये मामला हरियाणा के यमुनानगर जिले का है. जहां पर कुछ फ्रॉड्स ने एक शख्स से फोन पर बात करते हुए उसके अकाउंट से करीब 88 हजार रुपये गायब कर दिए.

पीड़ित का कहना है कि उसके पास एक शख्स का फोन आया. उसने पीड़ित को ऑफर देने की बात कही. फ्रॉड शख्स ने पीड़ित को झांसे में लेने के लिए पहले पांच रुपये की पेमेंट की. जब पीड़ित ने पेमेंट देखी तो वो और ज्यादा आश्वास्त हो गया, लेकिन अगले ही कुछ मिनट में उसके खाते से 88 हजार रुपये निकल गए.

ये पढ़ें- बैंक आपसे नहीं मांगता अकाउंट संबंधित कोई जानकारी, ईटीवी भारत ने बैंक मैनेजर से की बातचीत

सारा फ्रॉड OTP शेयर करने से होता- साइबर एक्सपर्ट

ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने ऐसे जालसाजों से बचने के लिए और लोगों तक सही जानकारी पहुंचाने के लिए साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा से बात की. उन्होंने बताया कि ये सारा खेल ओटीपी कोड के शेयरिंग से शुरू होता है. फ्रॉड करने वाले की पहली कोशिश होती है कि वो अपने टारगेट से किसी भी तरह से बातों में उलझा कर उसका ओटीपी हासिल कर ले, एक बार ओटीपी हाथ लग जाए, तो फ्रॉड पीड़ित का पूरा खाता खाली कर सकता है वो भी कुछ सेकेंड्स में.

इस तरह की ठगी करने के दो तरीके होते हैं

  • पहला- ओटीपी हासिल कर सामने वाले के अकाउंट से पैसे निकाल लेना.
  • दूसरा- ठग पेमेंट ऐप पर कैश रिक्वेस्ट भेज कर बातों में उलझा कर ट्रांजेक्शन करवा लेता है.

भूलकर भी ओटीपी शेयर ना करें- राजेश राणा

उन्होंने कहा इस तरह के अपराधों से बचने का सबसे आसान रास्ता यही है कि किसी भी सूरत में किसी भी व्यक्ति से अपना ओटीपी शेयर ना करें. अगर किसी व्यक्ति को आपके अकाउंट में पैसे भेजने हैं तो उसे सिर्फ आप का फोन नंबर चाहिए. उसके लिए उसे ओटीपी की जरूरत नहीं पड़ेगी और जब आपको किसी दूसरे व्यक्ति के अकाउंट में पैसे भेजने हैं. तब भी दूसरे व्यक्ति को आपके ओटीपी की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसलिए अपना ओटीपी किसी से भी शेयर नहीं करना है.
ये पढ़ें- वाई-फाई डेबिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं तो जान लें ये बातें, नहीं तो उड़ जायेगी आपकी गाढ़ी कमाई

पेमेंट संबंधी हर मैसेज को ध्यान से पढ़ें- राणा

पेमेंट भेजते समय या पेमेंट लेते समय आपके पेमेंट एप पर कोई भी मैसेज आता है तो उसे क्लिक करने से पहले ध्यान से पढ़ें और उसके बाद ही उस पर क्लिक करें. इन दोनों छोटी-छोटी सावधानियों को ध्यान में रखकर लोग साइबर अपराधों से बच सकते हैं.

cyber-expert-rajesh-rana-tips-to-avoid-fraud-through-digital-payments
OTP फ्रॉड से जुड़ी अहम जानकारी

इस तरह बचें धोखे से

किसी भी व्यक्ति से मैसेज (SMS) के जरिए कोई भी सरकारी एजेंसियां, बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान वित्तीय जानकारी नहीं मांगते हैं. लेकिन अगर किसी भी व्यक्ति से कोई भी मैसेज के जरिए अकाउंट से संबंधित कोई भी जानकारी मांगी जाती है तो आप बैंक या ई-वॉलेट फर्म को इसकी सूचना दे सकते हैं.

ये पढ़ें- हरियाणा में अगर आप साइबर अपराध के शिकार बनते हैं तो यहां करें शिकायत

इसके अलावा, पुलिस या साइबर क्राइम सेल को भी इस मामले की शिकायत की जा सकती है. ग्राहक यह भी ध्यान रखें कि किसी भी असत्यापित ऐप को डाउनलोड न करें और न ही अपने फोन पर आने वाले मैसेज का जवाब दें और किसी भी अनाधिकृत लिंक पर क्लिक न करें.

इस ऐप का होता है इस्तेमाल

फ्रॉड के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल AnyDesk ऐप का होता है. यह एक कानूनी ऐप है, जो रिमोट डेस्कटॉप सॉफ्टवेयर टूल है. इसे यूजर के स्क्रीन को देखने के लिए थर्ड पार्टी को एक्सेस दिया जाता है. धोखेबाज भी इसकी मदद से ही ग्राहकों को फोन तक पहुंचते हैं और फिर बैंक अकाउंट जैसी जरूरी डीटेल्स चुरा लेते हैं. HDFC बैंक ने इस ऐप को लेकर एडवाइजरी भी जारी कर रखी है.

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