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हरियाणा में BJP के विजयरथ को रोकने में कामयाब हो पाएगा विपक्ष? जानें वर्तमान में क्या है स्थिति - कांग्रेस

मिशन 75 प्लस को लेकर बीजेपी चुनाव प्रचार में आगे दिख रही है. कांग्रेस अभी गुटबाजी से ही उभर नहीं पाई है. जेजेपी, इनेलो और दूसरी राजनीतिक पार्टियां भी अभी इस रेस में दिखाई नहीं दे रही.

Haryana assembly elections
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Published : Sep 8, 2019, 8:45 AM IST

चंडीगढ़: सूबे में विधानसभा चुनाव हैं और सभी पार्टियां जनता को रिझाने के होमवर्क में जुट गई हैं. बीजेपी इस रेस में फिलहाल सबसे आगे नजर आ रही है. आचार संहिता लगने में गिने चुने दिन ही बचे हैं. इन सब को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रदेश बीजेपी की कमान संभाले हुए हैं. जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए वो सूबे की सभी 90 विधानसभाओं का दौरा कर चुके हैं और लोगों से बीजेपी के लिए वोट की अपील कर चुके हैं.

चुनाव प्रचार में बीजेपी आगे!
मिशन 75 प्लस को लेकर बीजेपी चुनाव प्रचार में आगे दिख रही है. कांग्रेस अभी गुटबाजी से ही उभर नहीं पाई है. शायद उनके लिए चुनाव प्रचार से ज्यादा खुद का प्रचार और पार्टी का मुखिया बनने की होड़ ज्यादा है.

जेजेपी, इनेलो और दूसरी राजनीतिक पार्टियां भी अभी इस रेस में दिखाई नहीं दे रही. पन्ना प्रमुख सम्मेलन हो या जन आशीर्वाद यात्रा, बीजेपी हर मोर्चे पर दूसरी पार्टियों से आगे दिखाई दे रही है.

Haryana assembly elections
बीजेपी चुनावी रेस में सबसे आगे

पीएम करेंगे चुनावी शंखनाद
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोहतक से चुनावी शंखनाद करेंगे. वैसे तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल जन आशीर्वाद यात्रा के तहत सूबे को करोड़ों रुपये की योजनाओं की सौगात दे चुके हैं, लेकिन प्रधानमंत्री भी हरियाणा के लिए स्पेशल पैकेज का एलान कर सकते हैं.

क्या करेगा विपक्ष?
हरियाणा को फिर से फतह करने और 75 पार करने के सपने को पूरा करने के लिए पीएम मोदी पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे, लेकिन क्या विपक्ष बीजेपी के तेज प्रचार अभियान का मुकाबला कर पाएगा? क्या विपक्ष बीजेपी के 75 पार के अभियान को रोक पाएगा? इन सवालों का जवाब भविष्य के गर्भ में है. वर्तमान में ऐसा कुछ होता दिखाई नहीं दे रहा है. विपक्ष अभी कंफ्यूज नजर आ रहा है कि उसे गठबंधन करना है या नहीं. कांग्रेस में सीएम पद की रेस लगी हुई है. गुटबाजी कांग्रेस के लिए फिर घातक साबित हो सकती है. फिलहाल तो विपक्ष पूरी तरह बिखरा हुआ नजर आ रहा है.

Haryana assembly elections
जननायक जनता पार्टी

ये है कांग्रेस की स्थिति
बात की जाए कांग्रेस की तो हाइकमान ने संगठन में बड़ा बदलाव किया है. चुनाव से ठीक पहले अशोक तंवर से हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष का पद छीना गया है. ये पद अब कुमारी सैलजा को दिया गया है. वहीं किरण चौधरी से सीएलपी का पद छीनकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को दिया गया है. चुनाव का पूरा जिम्मा अब भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा पर है, गुटबाजी से पार पाना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती होगा. ये भी हो सकता है कि फेरबदल के बाद कांग्रेस बीजेपी को चुनौती दे पाए.

Haryana assembly elections
कांग्रेस की गुटबाजी से उबरने की कोशिश

इनेलो और जेजेपी की स्थिति
बात करें इनेलो की तो खाप पंचायतें फिलहाल दोनों परिवारों को एक करने में जुटी हैं. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला से खाप पंचायत के प्रतिनिधि बात कर चुके हैं. अगर खाप पंचायतों की मुहिम रंग लाई तो चौटाला परिवार एक हो सकता है. अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं. वैसे इसकी संभावना ना के बराबर है.

Haryana assembly elections
इनेलो चुनावी दौड़ में अभी दिखी नहीं

चंडीगढ़: सूबे में विधानसभा चुनाव हैं और सभी पार्टियां जनता को रिझाने के होमवर्क में जुट गई हैं. बीजेपी इस रेस में फिलहाल सबसे आगे नजर आ रही है. आचार संहिता लगने में गिने चुने दिन ही बचे हैं. इन सब को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रदेश बीजेपी की कमान संभाले हुए हैं. जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए वो सूबे की सभी 90 विधानसभाओं का दौरा कर चुके हैं और लोगों से बीजेपी के लिए वोट की अपील कर चुके हैं.

चुनाव प्रचार में बीजेपी आगे!
मिशन 75 प्लस को लेकर बीजेपी चुनाव प्रचार में आगे दिख रही है. कांग्रेस अभी गुटबाजी से ही उभर नहीं पाई है. शायद उनके लिए चुनाव प्रचार से ज्यादा खुद का प्रचार और पार्टी का मुखिया बनने की होड़ ज्यादा है.

जेजेपी, इनेलो और दूसरी राजनीतिक पार्टियां भी अभी इस रेस में दिखाई नहीं दे रही. पन्ना प्रमुख सम्मेलन हो या जन आशीर्वाद यात्रा, बीजेपी हर मोर्चे पर दूसरी पार्टियों से आगे दिखाई दे रही है.

Haryana assembly elections
बीजेपी चुनावी रेस में सबसे आगे

पीएम करेंगे चुनावी शंखनाद
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोहतक से चुनावी शंखनाद करेंगे. वैसे तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल जन आशीर्वाद यात्रा के तहत सूबे को करोड़ों रुपये की योजनाओं की सौगात दे चुके हैं, लेकिन प्रधानमंत्री भी हरियाणा के लिए स्पेशल पैकेज का एलान कर सकते हैं.

क्या करेगा विपक्ष?
हरियाणा को फिर से फतह करने और 75 पार करने के सपने को पूरा करने के लिए पीएम मोदी पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे, लेकिन क्या विपक्ष बीजेपी के तेज प्रचार अभियान का मुकाबला कर पाएगा? क्या विपक्ष बीजेपी के 75 पार के अभियान को रोक पाएगा? इन सवालों का जवाब भविष्य के गर्भ में है. वर्तमान में ऐसा कुछ होता दिखाई नहीं दे रहा है. विपक्ष अभी कंफ्यूज नजर आ रहा है कि उसे गठबंधन करना है या नहीं. कांग्रेस में सीएम पद की रेस लगी हुई है. गुटबाजी कांग्रेस के लिए फिर घातक साबित हो सकती है. फिलहाल तो विपक्ष पूरी तरह बिखरा हुआ नजर आ रहा है.

Haryana assembly elections
जननायक जनता पार्टी

ये है कांग्रेस की स्थिति
बात की जाए कांग्रेस की तो हाइकमान ने संगठन में बड़ा बदलाव किया है. चुनाव से ठीक पहले अशोक तंवर से हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष का पद छीना गया है. ये पद अब कुमारी सैलजा को दिया गया है. वहीं किरण चौधरी से सीएलपी का पद छीनकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को दिया गया है. चुनाव का पूरा जिम्मा अब भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा पर है, गुटबाजी से पार पाना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती होगा. ये भी हो सकता है कि फेरबदल के बाद कांग्रेस बीजेपी को चुनौती दे पाए.

Haryana assembly elections
कांग्रेस की गुटबाजी से उबरने की कोशिश

इनेलो और जेजेपी की स्थिति
बात करें इनेलो की तो खाप पंचायतें फिलहाल दोनों परिवारों को एक करने में जुटी हैं. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला से खाप पंचायत के प्रतिनिधि बात कर चुके हैं. अगर खाप पंचायतों की मुहिम रंग लाई तो चौटाला परिवार एक हो सकता है. अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं. वैसे इसकी संभावना ना के बराबर है.

Haryana assembly elections
इनेलो चुनावी दौड़ में अभी दिखी नहीं
हरियाणा में चुनावी रणभेरी

हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक है और आचार संहिता कुछ दिनों के अंदर लग जायेगी। उससे पहले जहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जन आशीर्वाद यात्रा के जरिये सभी 90 विधानसभा सीटों की परिक्रमा कर प्रदेश के चौमुखी विकास का संदेश देनी की कोशिश कि वहीं पार्टी के इस बार 75 पार के मिशन को भी धार दी।


बीजेपी चुनाव प्रचार में सबसे आगे !

हरियाणा में विधानसभा चुनावों के लिए सभी दलों ने कमर कस ली है। लेकिन अभी तक सत्ताधारी बीजेपी के आगे विपक्षी पार्टीयों की तैयारी कमजोर दिखाई दे रही है। ऐसा होना स्वाभाविक है क्योंकि बीजेपी ने करीब 2 महीनों से अपना अभियान तेज कर रखा है। पन्ना प्रमुख सम्मेलन हो या फिर सीएम की जन आशीर्वाद यात्रा बीजेपी इनके जरिए प्रचार अभियान में सबसे आगे नजर आती है। यानी कह सकते हैं बीजेपी प्रचार के मामले में आगे है।

पीएम मोदी देंगे प्रचार को धार और रफ्तार

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जन आशीर्वाद यात्रा का 8 सितंबर को रोहतक में समापन होगा। और इस मौके पर खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे जो जनता को भी संबोधित करेंगे। वैसे तो सीएम मनोहर लाल जन आशिर्वाद यात्रा के दौरान हर विधानसभा क्षेत्र में करोड़ों की योजनाओं का चुनावों से पहले शिलान्यास कर चुके है वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने रोहतक दौरे के दौरान प्रदेश को कई बड़ी सौगातें देंगे। यानी हरियाणा में फिर से पार्टी सत्ता में आए इसको पीएम मोदी रोहतक पहुंच कर धार और रफ्तार दोनों देंगे।

क्या विपक्ष दे पाएगा बीजेपी को टक्कर ?

बीजेपी के हरियाणा को फिर से फतह करने और इस बार 75 पार करने के सपने को रोहतक में पीएम मोदी हकीकत में बदलने के लिए पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे। लेकिन क्या विपक्ष बीजेपी के तेज प्रचार अभियान का मुकाबला कर पायेगा ? और क्या बीजेपी के 75 पार के अभियान को रोक पायेगा? वर्तमान में ये दिखाई नही दे रहा है। लेकिन आने वाले दिनों में सभी विपक्षी दलों की रणनीति कैसी रहती है और क्या अपनी लड़ाई में उलझे विपक्षी दल खुद की लड़ाई से तेजी से बाहर निकल पाते हैं?  इस पर उनके बीजेपी का मुकाबला करने की बात बहुत हद तक निर्भर करती है।

बीजेपी की राह भी नहीं होगी आसान!

पीएम मोदी रोहतक से हरियाणा के रण को फतह करने के लिए कार्यकर्ताओं में जोश तो भरेंगे लेकिन पार्टी के लिये आने वाले दिन आसान नहीं होंगे। क्योंकि कांग्रेस ने चुनावों से पहले अशोक तंवर को हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटा दिया और कुमारी सैलजा को यह जिम्मेदारी दे दी। वहीं चुनाव का जिम्मा पूर्व सीएम हुड्डा को देकर बीजेपी का मुकाबला करने का भी संकेत दे दिया है। वहीं चौटाला परिवार को एक करने में खाप पंचायतों के साथ पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी जुटे हुए हैं, अगर यह परिवार अचार संहिता से पहले एक हो गया, जिसकी सम्भावनाएँ अभी कम ही दिखाई देती है तो बीजेपी के लिए कांग्रेस और चौटाला परिवार (इनेलो-जेजेपी) कड़ी टक्कर देंगे इसकी सम्भावनाएँ बड़ जाती है।





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