चंडीगढ़: सूबे में विधानसभा चुनाव हैं और सभी पार्टियां जनता को रिझाने के होमवर्क में जुट गई हैं. बीजेपी इस रेस में फिलहाल सबसे आगे नजर आ रही है. आचार संहिता लगने में गिने चुने दिन ही बचे हैं. इन सब को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रदेश बीजेपी की कमान संभाले हुए हैं. जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए वो सूबे की सभी 90 विधानसभाओं का दौरा कर चुके हैं और लोगों से बीजेपी के लिए वोट की अपील कर चुके हैं.
चुनाव प्रचार में बीजेपी आगे!
मिशन 75 प्लस को लेकर बीजेपी चुनाव प्रचार में आगे दिख रही है. कांग्रेस अभी गुटबाजी से ही उभर नहीं पाई है. शायद उनके लिए चुनाव प्रचार से ज्यादा खुद का प्रचार और पार्टी का मुखिया बनने की होड़ ज्यादा है.
जेजेपी, इनेलो और दूसरी राजनीतिक पार्टियां भी अभी इस रेस में दिखाई नहीं दे रही. पन्ना प्रमुख सम्मेलन हो या जन आशीर्वाद यात्रा, बीजेपी हर मोर्चे पर दूसरी पार्टियों से आगे दिखाई दे रही है.
पीएम करेंगे चुनावी शंखनाद
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोहतक से चुनावी शंखनाद करेंगे. वैसे तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल जन आशीर्वाद यात्रा के तहत सूबे को करोड़ों रुपये की योजनाओं की सौगात दे चुके हैं, लेकिन प्रधानमंत्री भी हरियाणा के लिए स्पेशल पैकेज का एलान कर सकते हैं.
क्या करेगा विपक्ष?
हरियाणा को फिर से फतह करने और 75 पार करने के सपने को पूरा करने के लिए पीएम मोदी पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे, लेकिन क्या विपक्ष बीजेपी के तेज प्रचार अभियान का मुकाबला कर पाएगा? क्या विपक्ष बीजेपी के 75 पार के अभियान को रोक पाएगा? इन सवालों का जवाब भविष्य के गर्भ में है. वर्तमान में ऐसा कुछ होता दिखाई नहीं दे रहा है. विपक्ष अभी कंफ्यूज नजर आ रहा है कि उसे गठबंधन करना है या नहीं. कांग्रेस में सीएम पद की रेस लगी हुई है. गुटबाजी कांग्रेस के लिए फिर घातक साबित हो सकती है. फिलहाल तो विपक्ष पूरी तरह बिखरा हुआ नजर आ रहा है.
ये है कांग्रेस की स्थिति
बात की जाए कांग्रेस की तो हाइकमान ने संगठन में बड़ा बदलाव किया है. चुनाव से ठीक पहले अशोक तंवर से हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष का पद छीना गया है. ये पद अब कुमारी सैलजा को दिया गया है. वहीं किरण चौधरी से सीएलपी का पद छीनकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को दिया गया है. चुनाव का पूरा जिम्मा अब भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा पर है, गुटबाजी से पार पाना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती होगा. ये भी हो सकता है कि फेरबदल के बाद कांग्रेस बीजेपी को चुनौती दे पाए.
इनेलो और जेजेपी की स्थिति
बात करें इनेलो की तो खाप पंचायतें फिलहाल दोनों परिवारों को एक करने में जुटी हैं. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला से खाप पंचायत के प्रतिनिधि बात कर चुके हैं. अगर खाप पंचायतों की मुहिम रंग लाई तो चौटाला परिवार एक हो सकता है. अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं. वैसे इसकी संभावना ना के बराबर है.