चंडीगढ़: कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है. अब हरियाणा में फसल की खरीद अनाज मंडियों में नहीं की जाएगी. सरकार की ओर से फसल खरीद के लिए परचेज सेंटर बनाए जाएंगे. जहां किसान आकर अपनी फसल बेचेंगे.
सीएम मनोहर लाल ने फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि सोशल सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन रखने के लिए सरकार की ओर से ये फैसला लिया गया है. उन्होंने बताया कि गेहूं की खरीद के लिए 20 हजरा परचेज सेंटर तो वहीं सरसों की खरीद के लिए 140 सेंटर बनाए जाएंगे.
सीएम मनोहर लाल ने बताया कि 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' में जिन किसानों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. वो 19 अप्रैल तक रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. इसके बाद सरकार 20 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू कर देगी. सीएम ने साफ किया कि पहले उन किसानों को मौका दिया जाएगा, जिन्होंने 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' पर रजिस्ट्रेशन कराया है. इन किसानों के बाद ही दूसरे किसानों को मौका दिया जाएगा.
जानिए परचेज सेंटर से जुड़ी जरूरी बातें
- मंडियों की जगह परचेज सेंटर पर किसान की फसल खरीदेगी सरकार
- गेहूं के लिए बनाए जाएंगे 2 हजार परचेज सेंटर
- 3 पंचायतों के लिए एक परचेज सेंटर होगा
- एक दिन एक ही गांव की खरीद होगी
- प्रशासन खुद गांव को खुद फसल लाने की जानकारी देगा
- सरसों के लिए बनाए जाएंगे 140 परचेज सेंटर
- 15 अप्रैल से सरसो और 29 अप्रैल से गेहूं की खरीद होगी शुरू
- बारी-बारी से किसानों को बुलाया जाएगा परचेज सेंटर
- आढ़तियों के जरिए एक-एक गांव के किसानों को फसल बेचने के लिए बुलाया जाएगा
सीएम मनोहर लाल ने बताया कि परचेज सेंटर में एक बार-बार में कुछ ही किसानों की फसल खरीदी जाएगी. ऐसे में किसान एक बारी में अपनी सारी फसल लेकर आ सकते हैं. इसके साथ ही सीएम ने बताया कि जिन किसानों की फसल देरी से खरीदी जाएगी, उसके लिए भी सरकार की ओर से इंसेंटिव देने पर विचार किया जा रहा है. सीएम ने बताया कि इंसेंटिव के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है. मंजूर होने के बाद किसानों को होल्डिंग इंसेंटिव देना शुरू कर दिया जाएगा.
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सीएम ने भी साफ किया कि जिस दिन परचेज सेंटर पर खरीद होगी, उसके 24 घंटे में ही फसल का उठान कर लिया जाएगा. मंडियों में संक्रमण का खतरा रोकने के लिए बार-बार सैनिटाइजर का छिड़काव किया जाएगा और मंडी आने वाले हर किसान को मास्क पहनाया जाएगा.