चंडीगढ़: कोरोना के मद्देनजर हरियाणा के विभिन्न जिलों में मॉकड्रिल (covid mockdrill) कर जिला अस्पतालों में व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया. इस मॉकड्रिल के माध्यम से कोविड की संभावित लहर (new variant of coronavirus) से निपटने की तैयारियों की गहनता से जांच की गई. दरअसल, चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों (Covid live update) के मद्देनजर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से स्वास्थ्य सुविधाओं पर मॉकड्रिल करने को कहा था. जिसमें चिकित्सा स्टाफ की उपलब्धता, एंबुलेंस और कोविड टेस्ट की क्षमता के साथ ही आवश्यक दवाओं, वेंटिलेटर और मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता की जांच की गई. यह मॉकड्रिल पूरे देश में एक साथ की गई. हरियाणा के जिलों में मॉकड्रिल के दौरान किस तरह की व्यवस्था पाई गई, पढ़िए इस रिपोर्ट में....
रोहतक के पीजीआईएमएस में हुई मॉकड्रिल: पीजीआईएमएस में मॉकड्रिल के दौरान संस्थान में कोरोना से संबंधित स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया गया. चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ईश्वर सिंह की देखरेख में मॉकड्रिल हुई. मॉकड्रिल की शुरूआत पीजीआईएमएस के सी ब्लॉक से हुई. मॉकड्रिल के दौरान आइसोलेशन वार्ड, बेड की क्षमता, ऑक्सीजन समर्थित आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर सपोर्ट वाले बेड जैसी स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया. चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ईश्वर सिंह ने बताया कि कोरोना के मद्देनजर पीजीआईएमएस में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं.
भिवानी में मॉकड्रिल: भिवानी के चौ. बंसीलाल सामान्य अस्पताल में मॉकड्रिल की गई. भिवानी जिले के कोविड निगरानी अधिकारी डॉ. दीपक व वरिष्ठ एपीडोनोमिस्ट ज्योति अग्रवाल ने मॉकड्रिल कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भिवानी जिले के निजी अस्पतालों को मिलाकर कुल 461 ऑक्सीजन युक्त बेड है. जिले में 49 वेंटिलेटर तथा कोविड मरीजों को लाने-ले जाने के लिए 26 एंबुलेंस मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि भिवानी जिले की 22 पीएचसी, 7 सीएचसी व 3 सब डिविजनल अस्पतालों में कोविड मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था है. इसके साथ ही जिले के 15 निजी अस्पतालों को भी कोविड के इलाज के लिए चिह्नित कर वहां बेड आरक्षित किए गए हैं.
फतेहाबाद में मॉकड्रिल सम्पन्न: कोरोना के नए वेरिएंट से निपटने के लिए फतेहाबाद स्वास्थ्य विभाग के द्वारा भी मंगलवार को मॉकड्रिल की गई. इस मॉकड्रिल में पूरे डाटा को एकत्र कर मुख्यालय भेजा गया. जिससे इमरजेंसी के समय स्वास्थ्य विभाग इसका उपयोग कर सके. सीएमओ डॉ. सपना गहलावत ने बताया कि फतेहाबाद में 7 सरकारी और 6 निजी अस्पताल इमरजेंसी के समय अलर्ट मोड पर काम करेंगे. 156 सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड उपलब्ध है, वहीं प्राइवेट अस्पतालों के 106 बेड भी काम मे लिए जा सकते हैं. (ventilators in government hospital haryana)
पलवल में भी व्यवस्था चाक चौबंद: पलवल स्वास्थ्य विभाग ने मॉकड्रिल कर बंद पड़ी यूनिटों को फिर से शुरू करने की कार्यवाही कर दी है. मुख्य सिविल सर्जन डॉ. लोकवीर ने बताया कि उनके पास अभी किसी भी सामान की कमी नहीं है, दवाइयां पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं, ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी जाएगी. इसके साथ ही बेड की संख्या को भी बढ़ाया गया है. इस संबंध में सभी स्वास्थ्य केंद्रों को जरूरी दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं. किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पलवल स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है.
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नूंह में मॉक ड्रिल, तैयारियों का लिया जायजा: नूंह जिले के अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मॉकड्रिल की. स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के नए वेरिएंट को देखते हुए तमाम डॉक्टरों व स्टाफ को प्रशिक्षण भी दे दिया है. सबसे खास बात यह है कि इस बार कोरोना ऑक्सीजन की कमी से किसी मरीज की जान नहीं लेगा. स्वास्थ्य विभाग के पास सभी सुविधाओं से लैस आईसीयू वार्ड भी उपलब्ध है. जिसमें 6 बेड हैं. प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन प्लांट के माध्यम से सीधे ऑक्सीजन की सप्लाई दी जा रही है.
हिसार सिविल अस्पताल में इमरजेंसी जैसे हालातों से निपटने के लिए मॉकड्रिल: कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर हरियाणा स्वास्थय विभाग अलर्ट पर है. इसी के मद्देनजर सिविल अस्पताल के साथ अग्रोहा मेडिकल में मॉकड्रिल कराई गई. इसी के चलते अस्पताल प्रबंधन ने शहर के 35 अस्पतालों से जिनमें कोविड सेंटर बनाए गए हैं, उनसे फैसिलिटी डाटा मांगा गया है. हिसार सिविल अस्पताल के मुख्य सिविल सर्जन सुभाष खतरेजा ने बताया कि अस्पताल हर परिस्थिति से लड़ने के लिए हिसार स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने बताया कि अस्पताल के दूसरे ऑक्सीजन प्लांट को भी शुरू करने का प्रॉसेस चालू कर दिया गया है. इसे जल्द ही वेंटिलेटर से जोड़ दिया जाएगा. राज्यसभा सांसद डॉ. डी. पी. वत्स की मौजूदगी में अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में कोरोना मॉक ड्रिल आयोजित की गई.