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पंजाब विश्वविद्यालय में फीस बढ़ोतरी को लेकर कोर्ट ने छात्रों के हक में सुनाया फैसला - हाई कोर्ट पंजाब विश्वविद्यालय फीस बढ़ोतरी सुनवाई

पीयू के छात्रों को पंजाब एंव हरियाणा हाई कोर्ट ने फीस बढ़ोतरी के मामले में बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने कहा कि छात्रों से ट्यूशन फीस के अलावा कोई दूसरी किसी तरह की भुगतान ना कराया जाए.

Court verdict in favor of students on fees hike in Punjab University
Court verdict in favor of students on fees hike in Punjab University
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Published : Sep 12, 2020, 10:46 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब विश्वविद्यालय के छात्रों को पंजाब एंव हरियाणा हाई कोर्ट ने फीस बढ़ोतरी के मामले में बड़ी राहत दी है. छात्रों की याचिका पर प्राथमिक सुनवाई करते हुए जस्टिस जय श्री ठाकुर ने भी उनके पांच फ़ीसदी फीस बढ़ोतरी के फैसले पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है.

हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर भी उसे जवाब ही मांगा है पीयू के छात्रों की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया था कि हर साल फीस बढ़ोतरी की जाती है. 2020-2021 शैक्षिक सत्र के लिए दीपांशु फ़ीसदी की बढ़ोतरी की गई है लेकिन कोविड-19 के चलते छात्र और अभिभावक दोनों ही आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. ऐसे यूनिवर्सिटी को नाममात्र ट्यूशन फीस लेकर छात्रों को इस मामले में राहत देनी चाहिए.

याचिका में कहा गया कि छात्रों ने पिछले सेमेस्टर की फीस एडवांस में दी थी और 5 महीने में यूनिवर्सिटी की किसी सुविधा का इस्तेमाल नहीं किया. ऐसे में मौजूदा सेमेस्टर की फीस को पिछले सेमेस्टर की फीस में एडजस्ट किया जाए. छात्रों से ट्यूशन फीस के अलावा कोई दूसरी किसी तरह की भुगतान ना कराया जाए.

ये भी पढ़ें- बरोदा उपचुनाव में राज्यमंत्री ओमप्रकाश यादव ने किया जीत का दावा

चंडीगढ़: पंजाब विश्वविद्यालय के छात्रों को पंजाब एंव हरियाणा हाई कोर्ट ने फीस बढ़ोतरी के मामले में बड़ी राहत दी है. छात्रों की याचिका पर प्राथमिक सुनवाई करते हुए जस्टिस जय श्री ठाकुर ने भी उनके पांच फ़ीसदी फीस बढ़ोतरी के फैसले पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है.

हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर भी उसे जवाब ही मांगा है पीयू के छात्रों की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया था कि हर साल फीस बढ़ोतरी की जाती है. 2020-2021 शैक्षिक सत्र के लिए दीपांशु फ़ीसदी की बढ़ोतरी की गई है लेकिन कोविड-19 के चलते छात्र और अभिभावक दोनों ही आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. ऐसे यूनिवर्सिटी को नाममात्र ट्यूशन फीस लेकर छात्रों को इस मामले में राहत देनी चाहिए.

याचिका में कहा गया कि छात्रों ने पिछले सेमेस्टर की फीस एडवांस में दी थी और 5 महीने में यूनिवर्सिटी की किसी सुविधा का इस्तेमाल नहीं किया. ऐसे में मौजूदा सेमेस्टर की फीस को पिछले सेमेस्टर की फीस में एडजस्ट किया जाए. छात्रों से ट्यूशन फीस के अलावा कोई दूसरी किसी तरह की भुगतान ना कराया जाए.

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