चंडीगढ़: देश में अब कोरोना वायरस के पॉजिटिव केसों में कमी आने लगी है. लेकिन अब लोगों की घबराहत कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से है. ब्रिटेन ने सबसे पहले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का पता लगाया. वहीं अब ब्रिटेन से भारत लौटे कुछ एक यात्रियों में वायरस के नए स्ट्रेन का पता चला है. जिसके बाद से लोगों में एक बार डर का माहौल बन रहा है. इसी को लेकर ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने चंडीगढ़ पीजीआई के निदेशक प्रो. जगतराम से खास बातचीत की.
'नए स्ट्रेन पर असरदार साबित होगी वैक्सीन'
प्रो. जगतराम ने बताया कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का पता चल चुका है. कई लोग इससे संक्रमित भी पाए गए हैं. लेकिन अभी डरने वाली कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस के लिए जो वैक्सीन अभी तक बनाई गई है और जिनपर अभी काम चल रहा है वो नए स्ट्रेन पर भी कारगर साबित होगी. नए स्ट्रेन से घबराने की कोई जरूरत नहीं है. कोरोना वैक्सीन इस पर भी असरदार रहेगी.
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प्रो. जगतराम ने कहा कि सितंबर के महीने में प्रतिदिन करीब 95,000 मरीज सामने आ रहे थे. जिसकी संख्या घटकर अब 20 से 25 हजार तक रह गई है. ये अच्छे संकेत हैं. उन्होंने बताया कि इसका मुख्य कारण ये है कि ज्यादातर लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं और उनमें से भी अधिकतर ठीक हो चुके हैं. ऐसे भी बहुत लोग हैं जो संक्रमित थे और उनमें लक्षण नहीं थे. वो बिना इलाज के ही ठीक हो गए.
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का पता कैसे चलेगा?
प्रो. जगतराम ने बताया कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की पहचान के लिए भी मरीज को सामान्य कोरोना टेस्ट करवाना होगा. केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार हम हर महीने 20 सैंपल को पुणे स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेज रहे हैं. वहां ये देखा जाता है कि कोरोना वायरस में किसी तरह का कोई बदलान तो नहीं है. उन्होंने बताया कि सितंबर से अब तक 80 सैंपल भेजे जा चुके हैं.
वैक्सीनेशन की तैयारी भी पूरी
चंडीगढ़ पीजीआई में वैक्सीन लगाने को लेकर तैयारी की जा चुकी है. कोरोना वैक्सीन के स्टोरेज की व्यवस्था भी कर दी गई है. पीजीआई निदेशक के अनुसार वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री तापमान के बीच स्टोर किया जा सकता है. इसलिए वैक्सीन को स्टोर करने में ज्यादा समस्या नहीं आएगी. उन्होंने ये भी बताया कि जिस व्यक्ति को वैक्सीन दी जाएगी. उसके अगले एक घंटे तक अस्पताल में ही रखा जाएगा, ताकि ये देखा जा सके कि व्यक्ति पर वैक्सीन का कोई बुरा प्रभाव तो नहीं पड़ रहा.