चंडीगढ़: हरियाणा के हिसार के खेदड़ और यमुनानगर में थर्मल पावर प्लांट में काम कर रहे अनुबंधित कर्मचारी इन दिनों धरने पर हैं. अनुबंधित कर्मचारी 25 अप्रैल से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. इनका यह धरना अनुबंधित विद्युत कर्मचारी संघ हरियाणा और भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले चल रहा है.
क्या है इन कर्मचारियों की मांग?: खेदड़ और यमुनानगर थर्मलों में कार्यरत सभी अनुबंधित कर्मचारी उनको ठेकेदारी प्रथा से मुक्त करने की मांग कर रहे हैं. ये कर्मचारी इनको हरियाणा कौशल रोजगार निगम में शामिल किए जाने की मांग कर रहे हैं. कर्मचारियों का आरोप है कि बार-बार सरकार से पत्राचार और बैठकें करने के बावजूद भी खेदड़ और यमुनानगर थर्मल में कार्यरत अनुबंधित कर्मचारियों को हरियाणा कौशल रोजगार निगम में शामिल नहीं किया जा रहा है. जिसकी वजह से वे धरना देने के लिए मजबूर है.
हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत शामिल किए जाने की मांग: कर्मचारियों का कहना है कि हरियाणा सरकार ने पूरे प्रदेश से ठेकेदारी प्रथा को खत्म करते हुए हरियाणा कौशल रोजगार निगम का गठन किया. जिसके जरिए पूरे हरियाणा के सभी विभागों में अनुबंधित कर्मचारी रखे जा रहे हैं और विद्युत विभाग की भी एच.पी.जी.सी.एल. को छोड़कर तीनों कंपनियों में कार्यरत सभी कर्मचारियों को हरियाणा कौशल रोजगार निगम में ले लिया गया है. लेकिन, थर्मलों में कार्यरत कर्मचारियों को अब तक कौशल में नहीं लिया गया है. जब तक कर्मचारियों को हरियाणा कौशल विकास निगम में शामिल नहीं किया जाता, तब तक इसी तरह उनका धरना जारी रहेगा.
धरने से हो रहा करोड़ों का नुकसान: थर्मल प्लांट के अनुबंधित कर्मचारियों के धरना प्रदर्शन का असर बिजली के उत्पादन पर भी पड़ सकता है. इसके साथ ही धरना दे रहे कर्मचारियों का कहना है कि हड़ताल से प्लांट को करोड़ों का घाटा हो रहा है. वहीं, कर्मचारी लगातार खुद को हरियाणा रोजगार कौशल विकास निगम में शामिल करने की मांग पर अड़े हुए हैं.
'बातचीत से हो जाएगा मसले का हल': वहीं, इस मामले में हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत चौटाला का कहना है कि खेदड़ पावर प्लांट के अनुबंधित कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर हमारी बातचीत उनसे लगातार चल रही है. उन्होंने कहा कि इस मसले को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.
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