चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा चंडीगढ़ पर अधिकार का मुद्दा उठाए जाने के बाद दोनों राज्यों में राजनीति गर्मा गई है. प्रदेश में भी हरियाणा सरकार के साथ-साथ विपक्षी दलों के नेता भी भगवंत मान के इस कदम की जमकर आलोचना कर रहे हैं. इसी कड़ी में हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री करण दलाल ने कहा है कि चंडीगढ़ का मुद्दा जल्द हल होना चाहिए. इसका एक ही समाधान है कि हरियाणा की राजधानी अलग होनी (Separate Capital For Haryana) चाहिए.
कांग्रेस नेता करण सिंह दलाल ने कहा कि जब तक हरियाणा की राजधानी अलग नहीं होगी तब तक हरियाणा का विकास संभव नहीं है. अलग राजधानी ना होने की वजह से हरियाणा बिखरा पड़ा है. हरियाणा सरकार को इस मुद्दे पर राजनीति छोड़ कर अपनी अलग राजधानी नए सिरे से बनाने की शुरुआत करनी चाहिए. इसके अलावा करण सिंह दलाल ने कहा कि भगवंत मान ने पंजाब और हरियाणा के भाईचारे को बिगाड़ने की कोशिश की है. क्योंकि किसान आंदोलन के वक्त पंजाब से किसानों का हरियाणा के लोगों ने भरपूर साथ दिया था. उन्हें हर तरह से सहायता दी थी लेकिन भगवंत मान इस आपसी प्यार को खत्म करना चाहते हैं.
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करण सिंह दलाल ने कहा कि अगर पंजाब चंडीगढ पर अधिकार चाहता है तो वह हरियाणा के 40 प्रतिशत हिस्से का भुगतान करे. चंडीगढ में 11 हजार हेक्टेयर हिस्सा हरियाणा का है. इसके अलावा उन्होंने एसवाईएल के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि अगर सरकार एसवाईएल का मुद्दा समझाना चाहती है तो तुरंत ट्रिब्यूनल बनाकर इस मुद्दे को सुलझाए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को हिंदू मुस्लिम करने से फुर्सत नहीं है. यह मुद्दे केंद्र सरकार के सामने भी उठाए जाने चाहिए और केंद्र सरकार को भी इनका समाधान करने की कोशिश करनी चाहिए.
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