चंडीगढ़: हरियाणा में करीब एक दशक से संगठन बनने का इंतजार कर रही कांग्रेस पार्टी अब विधानसभा चुनाव से पहले सक्रिय होती नजर आ रही है. पार्टी ने संगठन बनाने के लिए आगे कदम बढ़ाते हुए जिला अध्यक्ष और ब्लॉक लेवल की कमेटियों के लिए ऑब्जर्वर तैनात कर दिए हैं. प्रदेश अध्यक्ष ने सभी जिलों के लिए आब्जर्वर को नियुक्त किया है, जो प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपेंगे. रिपोर्ट के आधार पर जिला अध्यक्ष और ब्लॉक समितियों का नाम तय होगा.
हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की ओर से जारी की गई सूची में जिला अध्यक्ष और ब्लॉक समिति के लिए 22 ऑब्जर्वर नियुक्त किए गए हैं. करीब एक दशक बाद हरियाणा कांग्रेस अपने संगठन को बनाने के लिए इस तरह सक्रिय नजर आ रही है. हरियाणा में कांग्रेस का संगठन नहीं बन पाने की वजह से विरोधी दल उस पर निशाना साधते रहे हैं. कांग्रेस की हरियाणा में यही सबसे बड़ी कमजोरी भी मानी जाती रही है.
ये भी पढ़ें- बीजेपी को हराने के लिए हरियाणा कांग्रेस की बैठक में पास हुए 5 प्रस्ताव, जिला संगठन बनाने पर हुआ ये फैसला
हरियाणा में अगले साल लोकसभा और विधानसभा का चुनाव होना है. हरियाणा कांग्रेस के नए अध्यक्ष उदय भान और प्रभारी दीपक बाबरिया संगठन को लेकर काभी गंभीर हैं. राज्यसभा के समय से ये प्रक्रिया चल रही है. कांग्रेस पार्टी का प्रदेश में संगठन ना बन पाना उसके लिए सबसे बड़ी परेशानी का सबब बना हुआ है. हरियाणा में कांग्रेस नेताओं के कई गुट इसकी बड़ी वजह हैं. हरियाणा में पिछले चार साल में चार प्रभारी बदल दिए गये लेकिन संगठन का ऐलान नहीं हो पाया.
अशोक तंवर 14 फरवरी 2014 को हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे. इसके बाद विधानसभा चुनाव से पहले 29 मई 2014 को कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी भंग कर दी गई थी. 2014 और 2019 विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने बिना कार्यकारिणी का गठन किये ही लड़ा. इन दोनों चुनावों में कांग्रेस को पराजय सामना करना पड़ा. 2019 विधानसभा चुनाव से पहले संगठन खड़ा करने की कोशिश की गई लेकिन ये प्रयास सिरे नहीं चढ़ पाया.
ये भी पढ़ें- हरियाणा में कांग्रेस संगठन ना बनना असली कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय- कुमारी सैलजा
अशोक तंवर और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट में खुलेआम विरोध और टकराव देखा जाता रहा. अशोक तंवर द्वारा बुलाई गई किसी भी मीटिंग में ना तो भूपेंद्र हुड्डा और ना ही उनके गुट का कोई विधायक कभी शामिल हुआ. दिल्ली में अशोक तंवर और हुड्डा समर्थकों में खुलेआम लाठी डंडे से भिड़ंत भी देखने को मिली. यहां तक की अशोक तंवर को भी लाठियां लगी और वो घायल हो गये थे. सार्वजनिक कार्यक्रम में दोनों नेताओं के समर्थक कभी एक साथ नजर नहीं आये. यही कारण है कि कांग्रेस का जिला संगठन आज तक खड़ा नहीं हो पाया.
लगातार विरोध और दबाव के चलते आखिरकार अशोक तंवर को अध्यक्ष पद से 2019 विधानसभा चुनाव से पहले हटा दिया गया. चुनाव से ठीक एक महीना पहले सितंबर 2019 में कुमारी सैलजा को हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया. करीब तीन साल तक कुमारी सैलजा अध्यक्ष रहीं लेकिन गुटबाजी के चलते ही जिला कार्यकारिणी का गठन नहीं हो पाया. कुमारी सैलजा के बाद अप्रैल 2022 में कांग्रेस आलाकमान ने 4 बार के विधायक उदय भान को हरियाणा में अध्यक्ष पद की कमान सौंपी. उदय भान भी अभी तक प्रदेश में संगठन खड़ा नहीं कर पाए.
ये भी पढ़ें- मिशन 2024: हरियाणा में 9 साल बाद कांग्रेस करने जा रही है जिला कार्यकारिणी का ऐलान! मल्लिकार्जुन खड़गे से मिले उदय भान