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आपसी कलह से कराह रही कांग्रेस, इस चुनाव में ही 36 नेता छोड़ गए पार्टी - हरियाणा में कांग्रेस की हालत

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस पर आपसी कलह भारी पड़ती नजर आ रही है. कांग्रेस के दिग्गज नेता लगातार पार्टी को लगातार अलविदा कह रहे हैं. वहीं कांग्रेस के ही बागी नेताओं ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

congress condition in haryana assembly election
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Published : Oct 8, 2019, 10:22 PM IST

Updated : Oct 9, 2019, 7:14 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर सभी पार्टियों के नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है. सभी नेता चुनाव प्रचार को लेकर नए-नए तरीके अपना रहे हैं, लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. कांग्रेस के बागी नेताओं ने कांग्रेस के उम्मीदवारों के खिलाफ मोर्चा खोलना शुरू कर दिया है.

पार्टी छोड़ते कांग्रेसी नेता
टिकट वितरण के बाद से कांग्रेस के नेता लगातार बागी होते जा रहे हैं. कांग्रेस ने कई पूर्व मंत्री, नेता और विधायक टिकट ना मिलने से नाराज होकर बीजेपी सहित कई अन्य दलों में शामिल हो गए हैं. अबतक हरियाणा कांग्रेस के 22 पूर्व मंत्रियों और विधायकों ने कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया. वहीं कांग्रेस के 36 बड़े चेहरों ने भी पार्टी से अपना मुंह मोड़ लिया है.

कांग्रेस में बगावत की आग
हरियाणा कांग्रेस में सुलगी बगावत की चिंगारी अब ज्वालामुखी का रूप धारण करती जा रही है. जो मोहभंग का सिलसिला शुरू हुआ था वो अभी भी जारी है. हर दिन पार्टी का कोई न कोई नेता पार्टी का दामन छोड़ देता है. स्थानीय नेताओं की तो छोड़िये जब किसी पार्टी का शीर्ष नेता पार्टी छोड़ता है तो इसका पार्टी पर गहरा प्रभाव पड़ता है. जब कोई शीर्ष नेता चुनाव के दौर में पार्टी को छोड़ता है तो पार्टी को चुनाव में इसकी कीमत चुकानी पड़ती है.

अशोक तंवर के बाद इस्तीफों का दौर जारी
हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने पार्टी का दामन छोड़ दिया है. जिसके बाद से कांग्रेस को छोड़ने वालों नेताओं की संख्या काफी बढ़ गई है. हरियाणा में कांग्रेस के नेता भी लगातार पार्टी से मुंह मोड़ते जा रहे हैं. इसमें केवल तंवर गुट ही नहीं है, इनके अलावा अन्य नेता भी पार्टी को छोड़ रहे हैं.

हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा के कई करीबी पूर्व विधायक पार्टी के विरोध में खड़े हो गए हैं. जिससे कांग्रेस की दिक्कतें और बढ़ गई हैं. खैर अभी नेताओं को मनाने का दौर जारी है, दीपेंद्र हुड्डा लगातार नेताओं को मनाने की कोशिश में लगे हुए हैं. वहीं सैलजा भी नेताओं को मनाने में लगी हैं, लेकिन प्रदेश में कुछ खास असर देखने को नहीं मिल रहा है.

कांग्रेस को अलविदा कह चुके नेता

  • सिरसा - पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर
  • महेंद्रगढ़ - पूर्व विधायक राधेश्याम शर्मा
  • सोनीपत - पूर्व विधायक अनिल ठक्कर
  • महेंद्रगढ़ - कांग्रेस सेवा दल जिला अध्यक्ष सतीश शर्मा
  • फरीदाबाद - पूर्व मंत्री एसी चौधरी
  • रतिया - पूर्व मंत्री रामस्वरूप रामा
  • गुहला - पूर्व विधायक फूल सिंह खेड़ी
  • सिरसा - वरिष्ठ कांग्रेसी भूपेश मेहता
  • बादली - पूर्व मंत्री धीरपाल के भतीजे अरविंद गुलिया, अभिषेक गुलिया
  • नारनौंद - पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी राजबीर संधू
  • जगाधरी - पूर्व मंत्री सुभाष चौधरी
  • बादली - पूर्व विधायक नरेश शर्मा
  • नलवा - पूर्व मंत्री संपत सिंह
  • नारनौंद - पूर्व विधायक रामभगत शर्मा
  • बरवाला - पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला
  • उकलाना - पूर्व विधायक नरेश सेलवाल
  • बाढ़डा - कांग्रेस नेता महासिंह श्योराण
  • बाढ़डा - किसान कांग्रेस नेता राजू मान
  • पुन्हाना - पूर्व प्रत्याशी सुभान खां
  • रानियां - पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला
  • बाढ़डा - पूर्व सीएपीएस रणसिंह मान
  • बाढ़डा - पूर्व विधायक कर्नल रघुबीर सिंह छिल्लर
  • कुरुक्षेत्र - पूर्व सांसद कैलाशो सैनी
  • जींद - पूर्व मंत्री मांगे राम गुप्ता
  • टोहाना - पूर्व प्रत्याशी देवेंद्र बबली
  • अंबाला कैंट - पूर्व मंत्री निर्मल सिंह
  • अंबाला कैंट - पूर्व निगम पार्षद चित्रा सरवारा
  • अंबाला सिटी - पूर्व प्रत्याशी हिम्मत सिंह
  • बल्लभगढ़ - पूर्व विधायक शारदा राठौर
  • सोनीपत - पूर्व महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुमित्रा चौहान
  • दादरी - पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान
  • इंद्री - पूर्व राज्यसभा सांसद ईश्वर सिंह
  • भिवानी - नीलम अग्रवाल
  • फतेहाबाद - पूर्व विधायक दूडाराम
  • सफीदो - कांग्रेस नेता कर्मवीर सैनी
  • लाडवा - पूर्व विधायक रमेश गुप्ता

डूबता हुआ जहाज कांग्रेस
वहीं हरियाणा के वित्त मंत्री ने कांग्रेस की इस हालत पर चुटकी लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. नारनौंद में प्रचार करने के लिए कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि कांग्रेस डूबता हुआ जहाज है. इस समय अपने कुकर्मों के बोझ से कांग्रेस का जहाज डूब चुका है. कांग्रेस पर परिवारवाद हावी है. कांग्रेस पर जातिवाद और इलाकावाद की राजनीति हावी है. 10 साल के कुशासन का बोझ कांग्रेस की कमर तोड़ रहा है.

ये भी पढ़ें:-विपक्ष के हीरो विधानसभा में जीरो! हुड्डा और सुरजेवाला ने 5 साल में नहीं पूछा एक भी सवाल

अशोक तंवर के साथ हुआ अन्याय
वहीं अशोक तंवर पर बोलते हुए कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि अशोक तंवर के साथ कांग्रेस में बड़ा अन्याय हुआ. कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष होते हुए अशोक तंवर के सिर पर दबंगों से लाठियां मरवाने का काम किया गया. उनके पांच साल तक प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कभी उनका साथ नहीं दिया. जिस पार्टी के लिए उन्होंने संषर्ष किया उसी पार्टी ने उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया.

हुड्डा की पार्टी के प्रति चिंता
हरियाणा में कांग्रेस की इस हालत पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चिंता जाहिर की है. इस पर पार्टी को एक जीत के लिए अश्वस्त करते हुए भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि जो कांग्रेस के बागी नामांकन कर चुके हैं. वे उनसे अपील करते हैं कि कांग्रेस में विश्वास रखने वाले कांग्रेस के प्रत्याशियों का समर्थन करें.

चुनाव के मैदान में कांग्रेस का मनोबल टूटता ही जा रहा है. एक ओर टूटता संगठन वहीं दूसरी ओर जो नेता कांग्रेस छोड़ गए हैं उन्होंने ही कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी अपने दिग्गज स्टार प्रचारकों की रैली की तैयारियों में लगी हुई वहीं कांग्रेस अभी भी अपने रूठों को मनाने में लगी है. चुनाव में कहीं न कहीं कांग्रेस बीजेपी की तुलना में पिछड़ती नजर आ रही है.

राव इंद्रजीत सिंह और चौधरी बीरेंद्र सिंह भी कभी कांग्रेसी थे

साल 2014 में भी चुनाव से पहले पार्टी को बड़ा झटका लगा था. पार्टी के 2 दिग्गज नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह और राव इंद्रजीत सिंह ने पार्टी को अलविदा कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. राव इंद्रजीत अहीरवाल के दिग्गज नेता और गरूग्राम से सांसद हैं. राव इंद्रजीत सिंह ने 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ा था. राव इंद्रजीत सिंह के कांग्रेस छोड़ने से कांग्रेस को अहीरवाल बेल्ट में बड़ा झटका लगा था, जो बीजेपी के लिए बहुत पॉजीटिव साबित हुआ था. दो बार लगातार 2014 और 2019 में राव इंद्रजीत सिंह ने जीत दर्ज की.

अशोक तंवर की तरह चौधरी बीरेंद्र सिंह ने भी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दिया था. चौधरी बीरेंद्र सिंह ने 2014 में हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को अलविदा कहा था. चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि कांग्रेस में 100 करोड़ रुपये में राज्यसभा की सीट बिकती है. इससे नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. बाद में वे बीजेपी में शामिल हो गए और मंत्री रहे. इस समय उनके बेटे चौधरी बृजेंद्र सिंह हिसार से बीजेपी की सीट पर सांसद हैं. वहीं उनकी पत्नी बीजेपी की टिकट पर 2019 का चुनाव लड़ रही हैं.

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर सभी पार्टियों के नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है. सभी नेता चुनाव प्रचार को लेकर नए-नए तरीके अपना रहे हैं, लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. कांग्रेस के बागी नेताओं ने कांग्रेस के उम्मीदवारों के खिलाफ मोर्चा खोलना शुरू कर दिया है.

पार्टी छोड़ते कांग्रेसी नेता
टिकट वितरण के बाद से कांग्रेस के नेता लगातार बागी होते जा रहे हैं. कांग्रेस ने कई पूर्व मंत्री, नेता और विधायक टिकट ना मिलने से नाराज होकर बीजेपी सहित कई अन्य दलों में शामिल हो गए हैं. अबतक हरियाणा कांग्रेस के 22 पूर्व मंत्रियों और विधायकों ने कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया. वहीं कांग्रेस के 36 बड़े चेहरों ने भी पार्टी से अपना मुंह मोड़ लिया है.

कांग्रेस में बगावत की आग
हरियाणा कांग्रेस में सुलगी बगावत की चिंगारी अब ज्वालामुखी का रूप धारण करती जा रही है. जो मोहभंग का सिलसिला शुरू हुआ था वो अभी भी जारी है. हर दिन पार्टी का कोई न कोई नेता पार्टी का दामन छोड़ देता है. स्थानीय नेताओं की तो छोड़िये जब किसी पार्टी का शीर्ष नेता पार्टी छोड़ता है तो इसका पार्टी पर गहरा प्रभाव पड़ता है. जब कोई शीर्ष नेता चुनाव के दौर में पार्टी को छोड़ता है तो पार्टी को चुनाव में इसकी कीमत चुकानी पड़ती है.

अशोक तंवर के बाद इस्तीफों का दौर जारी
हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने पार्टी का दामन छोड़ दिया है. जिसके बाद से कांग्रेस को छोड़ने वालों नेताओं की संख्या काफी बढ़ गई है. हरियाणा में कांग्रेस के नेता भी लगातार पार्टी से मुंह मोड़ते जा रहे हैं. इसमें केवल तंवर गुट ही नहीं है, इनके अलावा अन्य नेता भी पार्टी को छोड़ रहे हैं.

हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा के कई करीबी पूर्व विधायक पार्टी के विरोध में खड़े हो गए हैं. जिससे कांग्रेस की दिक्कतें और बढ़ गई हैं. खैर अभी नेताओं को मनाने का दौर जारी है, दीपेंद्र हुड्डा लगातार नेताओं को मनाने की कोशिश में लगे हुए हैं. वहीं सैलजा भी नेताओं को मनाने में लगी हैं, लेकिन प्रदेश में कुछ खास असर देखने को नहीं मिल रहा है.

कांग्रेस को अलविदा कह चुके नेता

  • सिरसा - पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर
  • महेंद्रगढ़ - पूर्व विधायक राधेश्याम शर्मा
  • सोनीपत - पूर्व विधायक अनिल ठक्कर
  • महेंद्रगढ़ - कांग्रेस सेवा दल जिला अध्यक्ष सतीश शर्मा
  • फरीदाबाद - पूर्व मंत्री एसी चौधरी
  • रतिया - पूर्व मंत्री रामस्वरूप रामा
  • गुहला - पूर्व विधायक फूल सिंह खेड़ी
  • सिरसा - वरिष्ठ कांग्रेसी भूपेश मेहता
  • बादली - पूर्व मंत्री धीरपाल के भतीजे अरविंद गुलिया, अभिषेक गुलिया
  • नारनौंद - पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी राजबीर संधू
  • जगाधरी - पूर्व मंत्री सुभाष चौधरी
  • बादली - पूर्व विधायक नरेश शर्मा
  • नलवा - पूर्व मंत्री संपत सिंह
  • नारनौंद - पूर्व विधायक रामभगत शर्मा
  • बरवाला - पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला
  • उकलाना - पूर्व विधायक नरेश सेलवाल
  • बाढ़डा - कांग्रेस नेता महासिंह श्योराण
  • बाढ़डा - किसान कांग्रेस नेता राजू मान
  • पुन्हाना - पूर्व प्रत्याशी सुभान खां
  • रानियां - पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला
  • बाढ़डा - पूर्व सीएपीएस रणसिंह मान
  • बाढ़डा - पूर्व विधायक कर्नल रघुबीर सिंह छिल्लर
  • कुरुक्षेत्र - पूर्व सांसद कैलाशो सैनी
  • जींद - पूर्व मंत्री मांगे राम गुप्ता
  • टोहाना - पूर्व प्रत्याशी देवेंद्र बबली
  • अंबाला कैंट - पूर्व मंत्री निर्मल सिंह
  • अंबाला कैंट - पूर्व निगम पार्षद चित्रा सरवारा
  • अंबाला सिटी - पूर्व प्रत्याशी हिम्मत सिंह
  • बल्लभगढ़ - पूर्व विधायक शारदा राठौर
  • सोनीपत - पूर्व महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुमित्रा चौहान
  • दादरी - पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान
  • इंद्री - पूर्व राज्यसभा सांसद ईश्वर सिंह
  • भिवानी - नीलम अग्रवाल
  • फतेहाबाद - पूर्व विधायक दूडाराम
  • सफीदो - कांग्रेस नेता कर्मवीर सैनी
  • लाडवा - पूर्व विधायक रमेश गुप्ता

डूबता हुआ जहाज कांग्रेस
वहीं हरियाणा के वित्त मंत्री ने कांग्रेस की इस हालत पर चुटकी लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. नारनौंद में प्रचार करने के लिए कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि कांग्रेस डूबता हुआ जहाज है. इस समय अपने कुकर्मों के बोझ से कांग्रेस का जहाज डूब चुका है. कांग्रेस पर परिवारवाद हावी है. कांग्रेस पर जातिवाद और इलाकावाद की राजनीति हावी है. 10 साल के कुशासन का बोझ कांग्रेस की कमर तोड़ रहा है.

ये भी पढ़ें:-विपक्ष के हीरो विधानसभा में जीरो! हुड्डा और सुरजेवाला ने 5 साल में नहीं पूछा एक भी सवाल

अशोक तंवर के साथ हुआ अन्याय
वहीं अशोक तंवर पर बोलते हुए कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि अशोक तंवर के साथ कांग्रेस में बड़ा अन्याय हुआ. कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष होते हुए अशोक तंवर के सिर पर दबंगों से लाठियां मरवाने का काम किया गया. उनके पांच साल तक प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कभी उनका साथ नहीं दिया. जिस पार्टी के लिए उन्होंने संषर्ष किया उसी पार्टी ने उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया.

हुड्डा की पार्टी के प्रति चिंता
हरियाणा में कांग्रेस की इस हालत पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चिंता जाहिर की है. इस पर पार्टी को एक जीत के लिए अश्वस्त करते हुए भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि जो कांग्रेस के बागी नामांकन कर चुके हैं. वे उनसे अपील करते हैं कि कांग्रेस में विश्वास रखने वाले कांग्रेस के प्रत्याशियों का समर्थन करें.

चुनाव के मैदान में कांग्रेस का मनोबल टूटता ही जा रहा है. एक ओर टूटता संगठन वहीं दूसरी ओर जो नेता कांग्रेस छोड़ गए हैं उन्होंने ही कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी अपने दिग्गज स्टार प्रचारकों की रैली की तैयारियों में लगी हुई वहीं कांग्रेस अभी भी अपने रूठों को मनाने में लगी है. चुनाव में कहीं न कहीं कांग्रेस बीजेपी की तुलना में पिछड़ती नजर आ रही है.

राव इंद्रजीत सिंह और चौधरी बीरेंद्र सिंह भी कभी कांग्रेसी थे

साल 2014 में भी चुनाव से पहले पार्टी को बड़ा झटका लगा था. पार्टी के 2 दिग्गज नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह और राव इंद्रजीत सिंह ने पार्टी को अलविदा कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. राव इंद्रजीत अहीरवाल के दिग्गज नेता और गरूग्राम से सांसद हैं. राव इंद्रजीत सिंह ने 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ा था. राव इंद्रजीत सिंह के कांग्रेस छोड़ने से कांग्रेस को अहीरवाल बेल्ट में बड़ा झटका लगा था, जो बीजेपी के लिए बहुत पॉजीटिव साबित हुआ था. दो बार लगातार 2014 और 2019 में राव इंद्रजीत सिंह ने जीत दर्ज की.

अशोक तंवर की तरह चौधरी बीरेंद्र सिंह ने भी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दिया था. चौधरी बीरेंद्र सिंह ने 2014 में हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को अलविदा कहा था. चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि कांग्रेस में 100 करोड़ रुपये में राज्यसभा की सीट बिकती है. इससे नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. बाद में वे बीजेपी में शामिल हो गए और मंत्री रहे. इस समय उनके बेटे चौधरी बृजेंद्र सिंह हिसार से बीजेपी की सीट पर सांसद हैं. वहीं उनकी पत्नी बीजेपी की टिकट पर 2019 का चुनाव लड़ रही हैं.

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हरियाणा में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। टिकट वितरण के बाद उपजा असंतोष कम होने का नाम नहीं ले रहा। टिकट न मिलने से नाराज कांग्रेस के पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक और अनेक नेता भाजपा सहित अन्य दलों का रुख कर चुके हैं। अब तक 22 पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों ने कांग्रेस को अलविदा कहा है, जबकि कुल 36 बड़े चेहरे अभी तक पार्टी से नाता तोड़ चुके हैं।  कांग्रेस से नेताओं का मोहभंग होने का सिलसिला विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के साथ ही शुरू हो गया था, जो बदस्तूर जारी है। कांग्रेस के अंदर सुलगी विरोध की चिंगारी अब ज्वाला का रूप धारण कर चुकी है। रोजाना पार्टी को प्रदेश में कहीं न कहीं झटके लग रहे हैं। पार्टी छोड़ने वाले नेताओं में जहां पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर और उनके समर्थक शामिल हैं, वहीं पूर्व सीएम हुड्डा के समर्थक पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों का आंकड़ा भी कम नहीं है। 



कभी हुड्डा के खासमखास रहे पूर्व विधायक उनके विरोध में खड़े हो गए हैं। जिससे कांग्रेस की दिक्कतें बढ़ी हुई हैं। कांग्रेस से नाराज पूर्व मंत्रियों व पूर्व विधायकों को मनाने का प्रयास पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी कर रहे हैं, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा अपने स्तर पर बागियों को राजी करने में जुटी हैं पर कोई खास असर दिखाई नहीं दे रहा। बदले हालात में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के लिए यह चुनाव किसी चुनौती से कम नहीं है। कई सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों का चुनावी गणित बागियों की वजह से ही गड़बड़ा रहा है।



अब तक कांग्रेस छोड़ चुके नेता




         
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
         
सीट         पद एवं नाम
सिरसापूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर
महेंद्रगढ़पूर्व विधायक राधेश्याम शर्मा
सोनीपतपूर्व विधायक अनिल ठक्कर
महेंद्रगढ़कांग्रेस सेवा दल जिला अध्यक्ष सतीश शर्मा
फरीदाबाद पूर्व मंत्री एसी चौधरी
रतिया पूर्व मंत्री रामस्वरूप रामा
गुहलापूर्व विधायक फूल सिंह खेड़ी
सिरसावरिष्ठ कांग्रेसी भूपेश मेहता
बादली पूर्व मंत्री धीरपाल के भतीजे अरविंद गुलिया, अभिषेक गुलिया
नारनौंदपूर्व कांग्रेस प्रत्याशी राजबीर संधू


     




         
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
         
जगाधरी पूर्व मंत्री सुभाष चौधरी
बादली पूर्व विधायक नरेश शर्मा
नलवापूर्व मंत्री संपत सिंह
नारनौंदपूर्व विधायक रामभगत शर्मा
बरवालापूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला
उकलाना पूर्व विधायक नरेश सेलवाल
बाढ़डाकांग्रेस नेता महा सिंह श्योराण
बाढ़डाकिसान कांग्रेस नेता राजू मान
पुन्हाना  पूर्व प्रत्याशी सुभान खां
रानियांपूर्व मंत्री रणजीत चौटाला



         
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
         
बाढ़डापूर्व सीएपीएस रण सिंह मान
बाढ़डा    पूर्व विधायक कर्नल रघबीर सिंह छिल्लर
कुरुक्षेत्र पूर्व सांसद कैलाशो सैनी
जींदपूर्व मंत्री मांगे राम गुप्ता
टोहानापूर्व प्रत्याशी देवेंद्र बबली
अंबाला कैंटपूर्व मंत्री निर्मल सिंह
अंबाला कैंटपूर्व निगम पार्षद चित्रा सरवारा
अंबाला सिटीपूर्व प्रत्याशी हिम्मत सिंह
बल्लभगढ़पूर्व विधायक शारदा राठौर
सोनीपतपूर्व महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुमित्रा चौहान


       




         
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                  
         
दादरीपूर्व मंत्री सतपाल सांगवान
इंद्रीपूर्व राज्य सभा सांसद ईश्वर सिंह
भिवानी नीलम अग्रवाल
फतेहाबादपूर्व विधायक दूड़ा राम
सफीदों   कांग्रेस नेता कर्मवीर सैनी
लाडवा   पूर्व विधायक रमेश गुप्ता




 वंशवाद के कारण कांग्रेस का यह हाल : मनोहर लाल

सीएम मनोहर लाल कांग्रेस के वर्तमान हालात पर चुटकी लेने में पीछे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक परिवार की पार्टी है। वंशवाद के कारण ही आज कांग्रेस का यह हाल है। प्रदेश ही नहीं राष्ट्रीय इकाई में भी एक-दूसरे को ठिकाने लगाने का काम जोरों पर चल रहा है। कांग्रेस में नेता इक्ट्ठे होकर चल ही नहीं सकते।



नाराजगी भुला फील्ड में जुट जाएं कार्यकर्ता : सैलजा

प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे आपसी नाराजगी भुलाकर प्रत्याशियों को जिताने के लिए फील्ड में डट जाएं। पार्टी के सच्चे सिपाही बहकावे में आकर इधर-उधर जाने की कोशिश न करें। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में सरकार लाने को लेकर जोश है, जिसे सही दिशा में लगाने की जरूरत है। इसलिए सभी पार्टीजन पूरे उत्साह के साथ अपने उम्मीदवारों की मदद करें।



पार्टी की स्थिति से हाईकमान चिंतित

हरियाणा में विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी में चल रही उठापटक से कांग्रेस हाईकमान भी चिंतित है। पार्टी नेतृत्व को यह जरा भी आभास नहीं था कि टिकट वितरण के बाद स्थिति ऐसी हो जाएगी। पार्टी की ओर से बागियों को मनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन आजाद चुनाव लड़ने या दूसरे दलों में जा चुके पूर्व मंत्री व पूर्व विधायक बात सुनने को तैयार नहीं है। इसका चुनाव में बड़ा नुकसान होने की आशंका है।



नहीं बन पा रहा चुनावी माहौल

पार्टी में बढ़ते असंतोष से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा हुआ हैं। कांग्रेस संगठन में बदलाव और हुड्डा को चुनाव प्रबंधन समिति की कमान सौंपे जाने से जो माहौल बना था, वह गुटबाजी के चरम पर पहुंचने के कारण लगभग खत्म हो चुका है। फील्ड में कांग्रेस का चुनाव अभियान उठ नहीं पा रहा है। चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के समर्थक ही प्रचार-प्रसार में जुटे हैं, आम कार्यकर्ता अभी पसोपेश की स्थिति में है। अब पार्टी को स्टार प्रचारकों के फील्ड में उतरने के बाद माहौल कांग्रेस के पक्ष में बनने की पूरी उम्मीद है।


Conclusion:
Last Updated : Oct 9, 2019, 7:14 AM IST
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