चंडीगढ़: हरियाणा सरकार की ओर से गुपचुप तरीके से सिविल सेवा नियमों में बदलाव करने के पर बवाल होना शुरू हो गया है. इस बदलाव के बाद अब सरकार के कर्मचारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की गतिविधियों में भाग ले सकेंगे. यानी 1967 के इस आदेश की वापसी के बाद अब प्रदेश में आरएसएस प्रतिबंधित संगठन नहीं होगा. अब इस मामले में विपक्ष जोर शोर से है.
राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट पोस्ट में सरकार की ओर से जारी नए आदेश पत्र को जोड़ते हुए लिखा कि, 'हरियाणा बीजेपी के कर्मचारियों को 'संघ' की शाखाओं में भाग लेने की छूट. सरकार चला रहे हैं या भाजपा-RSS की पाठशाला.' सुरजेवाला का कहना है कि हरियाणा सरकार बीजेपी और आरएसएस अपने एजेंडे को फैलाने के लिए इस तरह के काम कर रही है.
आपको बता दें कि खट्टर सरकार ने 1967 की अधिसूचना को प्रासंगिक नहीं बताते हुए वापस लेने का आदेश दिया है. सरकार ने इस आदेश को गुप्त रूप से दिया है. इस आदेश के मुताबिक हरियाणा सिविल सेवा (सरकारी कर्मचारी आचरण) नियम, 2016 के प्रभाव में आने के साथ, तारीख 2 अप्रैल 1980 और तारीख 11 जनवरी 1967 के सरकारी निर्देश को तुरंत प्रभाव से वापस ले लिया जाता है.
ये पढ़ें- हरियाणा में बदला 31 साल पुराना नियम, RSS के कार्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं सरकारी कर्मचारी
ये पढ़ें- लखीमपुर हिंसा: मृत किसानों के लिए अंतिम अरदास आज, प्रियंका होंगी शामिल