चंडीगढ़: कभी साथ मिल कर हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी गठबंधन ने सरकार चलाने की सौगंध खाई थी, हर फैसले, हर जिम्मेदारी को साथ मिल कर निभाने की शपथ ली थी, लेकिन अभी गठबंधन को एक साल भी नहीं हुआ कि दोनों तरफ से तना-तनी का दौर शुरू हो चुकी है और इस रार की वजह है लॉकडाउन के दौरान हुआ शराब घोटाला. दोनों दलों के दिग्गज नेता इस घोटाले से अपना-अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं, लेकिन सरकार तो इन्ही की है. तो बड़ा सवाल है कि जिम्मेदारी लेगा, तो लेगा कौन?
हरियाणा की राजनीति में इस घोटाले से मचे बवाल को बताने से पहले हम आपको बता दें कि आखिर इस बवाल की जड़ क्या है? यानी ये शराब घोटाला मामला है क्या?
लॉकडाउन में थी शराबबंदी, मगर जमकर हुई तस्करी
लॉकडाउन के दौरान सोनीपत के खरखौदा में स्थानीय प्रशासन को शिकायत मिली कि एक सील शराब गोदाम से शराबबंदी के बीच जमकर तस्करी की जा रही है. आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन ने मौके पर जाकर देखा तो वास्तव में वहां से हजारों बोतल शराब गायब मिली. ये खबर पूरे प्रदेश में आग की तरह फैल गई. बाद में पता चला कि अन्य जिलों में भी ऐसी घटनाएं देखने को मिली. कुछ ही दिनों में इस शराब घोटाले का मुख्य आरोपी भूपेंद्र भी पकड़ा गया.
विपक्ष ने तुरंत इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया. इस मुद्दे ने समाचारों और सोशल मीडिया में जमकर सुर्खियां बनाई. बात सीएम और गृहमंत्री तक पहुंची तो जांच की मांग उठी. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने जांच की मांग उठाई और एसआईटी के गठन की मांग की. मुख्यमंत्री की तरफ से इस मामले में एक एसईटी का गठन करने के लिए मंजूरी दे दी गई.
खुद गृह मंत्री ने दी रिपोर्ट की जानकारी
6 अगस्त गुरुवार को गृह मंत्री अनिल विज को जब रिपोर्ट मिली तो हरियाणा के गृह मंत्री ने रिपोर्ट के तहत एक आईपीएस और एक आईएएस अधिकारी की भूमिका पर जांच की मांग की. रिपोर्ट में एक 1 आईएएस, एक आईपीएस और 14 अन्य लोगों पर कार्रवाई करने की भी सिफारिश की गई. हालांकि एक्साइज मंत्री दुष्यन्त चौटाला का इस रिपोर्ट में कहीं जिक्र नहीं था.
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अपने विभाग को दी क्लिन चिट
गृह मंत्री की तरफ से आरोप लगे, तो दुष्यंत चौटाला भी इस आरोप को सहने वालों में से नहीं थे, डिप्टी सीएम उल्टा गृहमंत्री के पुलिस डिपार्टमेंट पर ही सवाल खड़े करने लगे हैं. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि विभाग की तरफ से 14 मामलों में पुलिस विभाग से कार्रवाई की सिफारिश की गई थी, लेकिन पुलिस की जांच ड्राइवर से आगे नहीं बढ़ पाई.
दुष्यंत चौटाला का आरोप है कि पुलिस विभाग की लापरवाही का ठीकरा उनके विभाग पर फोड़ा जा रहा है. डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने अपने विभाग के अधिकारियों को तुरंत क्लीन चिट दे दी, और घोटाले की सारी जिम्मेदारी गृह मंत्री के विभाग पर उड़ेल दिया.
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सीएम बोले- मानने या ना मानने से व्यवस्था नहीं चलती
एसईटी रिपोर्ट पर उपमुख्यमंत्री के सवाल उठाने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल का दो टूक शब्दों में जवाब आया. सीएम मनोहर लाल ने कहा कि, 'किसी के मानने या ना मानने से व्यवस्थाएं नहीं चलती, आगमी रिपोर्ट के आधार पर आगे की जांच होगी.' उन्होंने कहा कि इस सरकार में भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे.
विपक्ष का सवाल, निशाने पर गठबंधन
अब जब सरकार में ही इतना द्वंद चल रहा हो तो विपक्ष कहां इस मौके को छोड़ने वाला है. कांग्रेस और इनेलो के नेताओं ने इस घोटाले पर सरकार को जमकर घेरा. इनेलो विधायक अभय चौटाला ने अनिल विज और दुष्यंत चौटाला दोनों के विभागों की बड़ी लापरवाही बताई. उन्होंने मुख्यमंत्री से सीबीआई जांच की मांग कर डाली.
सीएम का अगला स्टैंड रोचक होगा- प्रो. गुरमीत सिंह
हरियाणा की राजनीति को करीब दो दशक से बेहद बारीकी नजर से देख रहे राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर गुरमीत सिंह का इस मामले में मानना है कि, 'दो विभागों के मंत्रियों की खींचतान में आने वाले समय में सरकार का क्या स्टैंड होगा यह देखना होगा. किसी विभाग के बड़े अधिकारी पर आरोप का मतलब विभाग के मंत्री पर भी बात आती है जिसके चलते ही आरोपों का दुष्यंत चौटाला ने खंडन भी किया है.'
प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि जब भी सरकार के बीच इस तरह से खींचतान की बातें जनता तक पहुंचती है, तो यह चीजें सरकार के लिए अच्छी नहीं होती. सरकार विपक्ष के निशाने पर है और विपक्ष के लिए यह बड़ा मुद्दा है. जिसे विपक्ष भुनाना चाहता है, सरकार के मंत्रियों के बीच चल रही खींचतान को जनता के बीच लेकर जाना चाहेगा. आने वाले समय में हरियाणा के मुख्यमंत्री तथ्यों के आधार पर क्या फैसला लेते हैं यह भी देखना होगा.
क्या सीएम करवाएंगे विजिलेंस की जांच?
फिलहाल दोनों मंत्रियों का एक दूसरे के विभाग पर किए जा रहे आरोप-प्रत्यारोप पर मुख्यमंत्री का जो बयान सामने आया है, उससे स्पष्ट है कि आने वाले समय में इस मामले में फिर जांच शुरू हो सकती है. अब गृहमंत्री की तरफ से की गई विजिलेंस जांच की मांग पर मुख्यमंत्री का क्या फैसला रहेगा ये भी देखना होगा.
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