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अभय चौटाला का इस्तीफा स्वीकार नहीं हो सकता, विधानसभा स्पीकर ने बताई ये वजह

विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि कंडिशनल इस्तीफा कभी भी स्वीकार नहीं किया जाता. केवल सीधे तौर पर इस्तीफे की बात के साथ हस्ताक्षर होने चाहिए.

Gyanchand gupta
Gyanchand gupta
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Published : Jan 13, 2021, 5:53 PM IST

Updated : Jan 13, 2021, 6:21 PM IST

चंडीगढ़: कृषि कानूनों के विरोध में अभय चौटाला ने 11 जनवरी को विधानसभा स्पीकर के पास इस्तीफा भेजा था. इस्तीफे में अभय चौटाला ने कहा था कि अगर 26 जनवरी तक सरकार ने किसानों की मांगें नहीं मानी तो उनके पत्र को इस्तीफा समझा जाए. विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने अभय चौटाला के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अभी तक उनके पास अभय चौटाला का इस्तीफा नहीं पहुंचा है.

ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि जो भी सदस्य विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना चाहता है. उसे स्पष्ठ तौर पर लिखना पड़ता है कि मैं विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देता हूं, इसमें केवल यही शब्द होने चाहिए.

जानें अभय चौटाला का इस्तीफा मंजूर क्यों नहीं हो सकता.

उन्होंने कहा कि कंडिशनल इस्तीफा कभी भी स्वीकार नहीं किया जाता. केवल सीधे तौर पर इस्तीफे की बात के साथ हस्ताक्षर होने चाहिए. इस्तीफा मिलने के बाद व्यक्तिगत बातचीत या व्यगतिगत इस्तीफा जब तक नहीं देते, तबतक इस्तीफा स्वीकार नहीं होता

ये भी पढ़ें- किसानों के समर्थन में INLD विधायक अभय चौटाला ने विधानसभा अध्यक्ष को भेजा इस्तीफा

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा आगामी विधानसभा सत्र में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग कर रहे हैं. इसपर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि विधानसभा का सत्र आने पर सदस्यों की संख्या के बल पर तय होगा कि सरकार रहती है या नहीं. सरकार की क्या स्तिथी है. अविश्वाश प्रस्ताव के लिए नोटिस देने जरूरी है, अविश्वाश प्रस्ताव जब आता है सदस्य लिखकर देते हैं. जिसके बाद स्पीकर निर्णय लेता है कि इसपर चर्चा हो या ना हो.

चंडीगढ़: कृषि कानूनों के विरोध में अभय चौटाला ने 11 जनवरी को विधानसभा स्पीकर के पास इस्तीफा भेजा था. इस्तीफे में अभय चौटाला ने कहा था कि अगर 26 जनवरी तक सरकार ने किसानों की मांगें नहीं मानी तो उनके पत्र को इस्तीफा समझा जाए. विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने अभय चौटाला के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अभी तक उनके पास अभय चौटाला का इस्तीफा नहीं पहुंचा है.

ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि जो भी सदस्य विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना चाहता है. उसे स्पष्ठ तौर पर लिखना पड़ता है कि मैं विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देता हूं, इसमें केवल यही शब्द होने चाहिए.

जानें अभय चौटाला का इस्तीफा मंजूर क्यों नहीं हो सकता.

उन्होंने कहा कि कंडिशनल इस्तीफा कभी भी स्वीकार नहीं किया जाता. केवल सीधे तौर पर इस्तीफे की बात के साथ हस्ताक्षर होने चाहिए. इस्तीफा मिलने के बाद व्यक्तिगत बातचीत या व्यगतिगत इस्तीफा जब तक नहीं देते, तबतक इस्तीफा स्वीकार नहीं होता

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नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा आगामी विधानसभा सत्र में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग कर रहे हैं. इसपर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि विधानसभा का सत्र आने पर सदस्यों की संख्या के बल पर तय होगा कि सरकार रहती है या नहीं. सरकार की क्या स्तिथी है. अविश्वाश प्रस्ताव के लिए नोटिस देने जरूरी है, अविश्वाश प्रस्ताव जब आता है सदस्य लिखकर देते हैं. जिसके बाद स्पीकर निर्णय लेता है कि इसपर चर्चा हो या ना हो.

Last Updated : Jan 13, 2021, 6:21 PM IST
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