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मंगलवार को हुआ विधानसभा के मानसून सत्र का समापन, कांग्रेस ने मनोहर सरकार को घेरा

मंगलवार को मानसून सत्र का आखिरी दिन था. इस दौरान कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने सत्तापक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बार के सत्र में जनहित के मुद्दे उठाए जा सकते थे, लेकिन सत्तापक्ष की ओर से बहुत ही कम प्रसन्न लगाए गए.

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Published : Aug 6, 2019, 11:22 PM IST

गीता भुक्कल, कांग्रेस विधायक

चंडीगढ़: पूर्व शिक्षा मंत्री और कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने सत्तापक्ष के विधायकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस बार का मानसून सत्र बहुत ही महत्वपूर्ण था. भुक्कल ने कहा कि इस बार के सत्र में जनहित के मुद्दे उठाए जा सकते थे, लेकिन सत्तापक्ष की ओर से बहुत ही कम प्रसन्न लगाए गए हैं. सत्तापक्ष को लगता है कि उनके इलाकों में किसी तरह की कोई समस्या नहीं है.

गीता भुक्कल, कांग्रेस विधायक

'सत्ता पक्ष को लगता है उनके इलाके के सभी काम हैं पूरे'

सत्ता पक्ष को लगता है कि उनके इलाकों में सभी काम हो गए हैं. विपक्ष ने अपनी पूर्ण रूप से भूमिका निभाते हुए ज्यादातर प्रश्न इस सत्र में उठाए हैं. इसमें चाहे रोडवेज कर्मचारियों की मांग हो या चाहे डेंटल डॉक्टरों की मांग सभी मांगों को पूरे जोरों से विधानसभा सत्र में उठाया गया है.

'सरकार 900 के करीब स्कूल कर चुकी हैं बंद'

भुक्कल ने प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार स्कूल ऑफ ग्रिड की बात कर रही है. अपग्रेड की बात तो दूर इन्होंने 900 से ज्यादा स्कूल बंद कर दिए हैं जिनमें 429 स्कूलों में साइंस स्ट्रीम बंद कर दी गई है. इसका एक रीजन दिया गया कि साइंस के टीचर की कमी है, जो कि समय रहते भर्ती किए जा सकते थे. लंबे संषर्ष के बाद प्रदेश में सरकारी स्कूल शुरू हुए थे.

विपक्ष ने उठाए कई अहम मुद्दे

कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने कहा कि हमने इस सत्र की महत्वता को जानते हुए इस किलोमीटर स्किम से जुड़ा मुद्दा भी उठाया गया. किसानों का मामला रखा, फसल बीमा योजना का मामला रखा जो कि बहुत महत्वपूर्ण विषय है. लेकिन सत्तापक्ष की ओर विधायकों ने अपनी आवाज को उठाने की बजाय विपक्ष को दबाने का काम किया. ड्रग्स की समस्या पर बोलते हुए गीता भुक्कल ने कहा कि वृक्ष प्रदेश के लिए वह देश के लिए एक गंभीर समस्या है. जिसको लेकर सरकार भी गंभीर है.

'नहीं बना कॉलेज, यूनिवर्सिटी और मेडिकल कॉलेज'

हरियाणा की पूर्व शिक्षा मंत्री रही गीता भुक्कल ने कहा कि प्रदेश में कॉलेज, यूनिवर्सिटी और मेडिकल कॉलेज की घोषणा तो की गई लेकिन वो बना आज तक नहीं. सरकार ने सबका साथ सबका विकास का नारा तो लगाया लेकिन काम अभी तक कुछ नहीं हुआ.

विधायक गीता भुक्कल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो सदन में जवाब दिए हम उससे संतुष्ट नहीं हैं. मुख्यमंत्री को उनके द्वारा किए 154 वादों के बारे में एक-एक करके बताना चाहिए था. लेकिन उन्होंने इसके बारे में बिल्कुल भी नहीं बताया और जो जवाब दिए वह एजेंडे में भी शामिल नहीं थे.

चंडीगढ़: पूर्व शिक्षा मंत्री और कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने सत्तापक्ष के विधायकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस बार का मानसून सत्र बहुत ही महत्वपूर्ण था. भुक्कल ने कहा कि इस बार के सत्र में जनहित के मुद्दे उठाए जा सकते थे, लेकिन सत्तापक्ष की ओर से बहुत ही कम प्रसन्न लगाए गए हैं. सत्तापक्ष को लगता है कि उनके इलाकों में किसी तरह की कोई समस्या नहीं है.

गीता भुक्कल, कांग्रेस विधायक

'सत्ता पक्ष को लगता है उनके इलाके के सभी काम हैं पूरे'

सत्ता पक्ष को लगता है कि उनके इलाकों में सभी काम हो गए हैं. विपक्ष ने अपनी पूर्ण रूप से भूमिका निभाते हुए ज्यादातर प्रश्न इस सत्र में उठाए हैं. इसमें चाहे रोडवेज कर्मचारियों की मांग हो या चाहे डेंटल डॉक्टरों की मांग सभी मांगों को पूरे जोरों से विधानसभा सत्र में उठाया गया है.

'सरकार 900 के करीब स्कूल कर चुकी हैं बंद'

भुक्कल ने प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार स्कूल ऑफ ग्रिड की बात कर रही है. अपग्रेड की बात तो दूर इन्होंने 900 से ज्यादा स्कूल बंद कर दिए हैं जिनमें 429 स्कूलों में साइंस स्ट्रीम बंद कर दी गई है. इसका एक रीजन दिया गया कि साइंस के टीचर की कमी है, जो कि समय रहते भर्ती किए जा सकते थे. लंबे संषर्ष के बाद प्रदेश में सरकारी स्कूल शुरू हुए थे.

विपक्ष ने उठाए कई अहम मुद्दे

कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने कहा कि हमने इस सत्र की महत्वता को जानते हुए इस किलोमीटर स्किम से जुड़ा मुद्दा भी उठाया गया. किसानों का मामला रखा, फसल बीमा योजना का मामला रखा जो कि बहुत महत्वपूर्ण विषय है. लेकिन सत्तापक्ष की ओर विधायकों ने अपनी आवाज को उठाने की बजाय विपक्ष को दबाने का काम किया. ड्रग्स की समस्या पर बोलते हुए गीता भुक्कल ने कहा कि वृक्ष प्रदेश के लिए वह देश के लिए एक गंभीर समस्या है. जिसको लेकर सरकार भी गंभीर है.

'नहीं बना कॉलेज, यूनिवर्सिटी और मेडिकल कॉलेज'

हरियाणा की पूर्व शिक्षा मंत्री रही गीता भुक्कल ने कहा कि प्रदेश में कॉलेज, यूनिवर्सिटी और मेडिकल कॉलेज की घोषणा तो की गई लेकिन वो बना आज तक नहीं. सरकार ने सबका साथ सबका विकास का नारा तो लगाया लेकिन काम अभी तक कुछ नहीं हुआ.

विधायक गीता भुक्कल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो सदन में जवाब दिए हम उससे संतुष्ट नहीं हैं. मुख्यमंत्री को उनके द्वारा किए 154 वादों के बारे में एक-एक करके बताना चाहिए था. लेकिन उन्होंने इसके बारे में बिल्कुल भी नहीं बताया और जो जवाब दिए वह एजेंडे में भी शामिल नहीं थे.

Intro:चंडीगढ

पूर्व शिक्षा मंत्री व कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने सत्तापक्ष के विधायकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस बार का मानसून सत्र बहुत ही महत्वपूर्ण था जिसमें जनहित के मुद्दे उठाए जा सकते थे लेकिन सत्तापक्ष की ओर से बिल्कुल ना के बराबर प्रसन्न लगाए गए इसका सीधा साफ सुथरा मतलब यह है कि उनके इलाकों में किसी तरह की कोई समस्या ही नहीं है उनके इलाकों में सभी काम हो गए हैं विपक्ष ने अपनी पूर्ण रूप से भूमिका निभाते हुए ज्यादातर प्रश्न इस सत्र में लगाए गए इसमें चाहे कर्मचारियों की मांगों रिटायर कर्मचारियों डेंटल डॉक्टर रोडवेज कर्मचारियों और चाहे हमारे विधानसभा क्षेत्र की बात हो हमारी ओर से पूरे जोर-शोर से सदन में इनको उठाया गया


Body: वहीं भुक्कल ने प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार स्कूल ऑफ ग्रिड की बात कर रही है अपग्रेड की बात तो दूर इन्होंने 900 से ज्यादा स्कूल बंद कर दिए 429 स्कूलों में साइंस स्ट्रीम बंद कर दी इसका एक रीजन दिया गया कि साइंस के टीचर की कमी है जो कि समय रहते भर्ती किए जा सकते थे उन्होंने कहा कि पहले ही प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या कम है और वही साइंस स्ट्रीम 20 25 साल के संघर्ष के बाद शुरू हुई थी ।

उन्होंने कहा कि हमने इस सत्र की महत्वता को जानते हुए इस किलोमीटर स्किन पर जुड़ी श्री इंक्वायरी की मांग रखी किसानों का मामला रखा फसल बीमा योजना का मामला रखा जो कि बहुत महत्वपूर्ण विषय थे लेकिन सत्तापक्ष की ओर विधायकों ने अपनी आवाज को उठाने की बजाय विपक्ष को दबाने का काम किया ड्रग्स की समस्या पर बोलते हुए गीता भुक्कल ने कहा कि वृक्ष प्रदेश के लिए वह देश के लिए एक गंभीर समस्या है जिसको लेकर सरकार भी गंभीर है उस पर बहुत सारे राज्यों को मिलकर एक कमेटी गठित करने की बात हो चाहे टोल फ्री नंबर जारी करने की बात हो इस विषय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए इसमें सत्ता पक्ष व विपक्ष को दोनों को मिलकर काम करना चाहिए

उन्होंने कहा कि जैसे ही यह सत्र शुरू हुआ था राइट टू एजुकेशन एक्ट को लेकर पिछली सरकार को बहुत को सा गया था लेकिन अब इनकी सरकार के 5 साल पूरे हो गए हैं लेकिन यह नहीं बता पाए कि उन्होंने इस और क्या कार्य क्या उपलब्धि हासिल की


प्रदेश में कोई नई यूनिवर्सिटी कोई भी मेडिकल कॉलेज नए कॉलेजेस आदि किक घोषणा तो की गई लेकिन बना नहीं पाई ।
आलम यह है कि सरकार को यह नहीं पता कि इलाके में हॉस्पिटल बन चुका है हां ने विधानसभा में मांग उठाई कि पीडब्ल्यूडी अस्पताल की बिल्डिंग बना चुका है आप इसको टैगोर करके सुविधाएं जनता को मुहैया करवाएं सरकार का सबका साथ सबका विकास का नारा बिल्कुल फेल हो चुका है हमारे इलाके के साथ काफी भेदभाव इस सरकार की ओर से किया गया है ।

वहीं कांग्रेस विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो सदन में जवाब दिए उससे हम संतुष्ट नहीं हैं मुख्यमंत्री को उनके द्वारा किए 154 वादे वादों के बारे में एक एक करके बताना चाहिए था उन्होंने इसके बारे में बिल्कुल भी नहीं बताया और जो जवाब दिए वह एजेंडे में भी शामिल नहीं थे ।


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