चंडीगढ़: बजट पश होने के बाद बजट पर चर्चा करने के लिए सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू (Haryana budget session) की गई. जिसमें भिवानी के डाडम हादसे का मुद्दा पूरे दिन छाया रहा है. विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर कार्रवाई न करने और आरोपियों को बचाने जैसे गंभीर आरोप लगाए और इस मामले की सीबीआई जांच की मांग भी की. जिसके बाद विपक्ष के सभी आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि डाडम हादसा एक दुखद हादसा था. जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी.
सीएम ने कहा कि (Manohar Lal statement on Dadam accident) इस हादसे की जांच को लेकर सरकार बेहद गंभीर है. जिसके तहत सरकार ने तीन कमेटियां भी गठित कर दी थी. जिनमें से एक कमेटी की अंतिम रिपोर्ट सरकार के पास आ चुकी है और सरकार इस हादसे के सभी आरोपियों को सजा जरूर दिलवाएगी. उन्होंने कहा कि तीनों कमेटियों की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई के बारे में सोचा जाएगा. अगर तीनों कमेटियों की जांच रिपोर्ट एक समान रहती है, तो आरोपियों को तुरंत सजा मिलेगी. वहीं अगर रिपोर्ट अलग-अलग होती है, तो ऐसे में मामले की सीबीआई जांच भी करवाई जा सकती है. सरकार सीबीआई जांच से पीछे नहीं हट रही है.
सीएम मनोहर लाल ने बताया कि जस्टिस प्रीतम पाल की अध्यक्षता में जिस कमेटी का गठन किया गया था, उसकी अंतिम रिपोर्ट आ चुकी है और फाइनल रिपोर्ट जुलाई में आ जाएगी. अंतरिम रिपोर्ट के बारे में सीएम ने बताया कि इसमें जो एक तथ्य सामने आया है, वो यह है कि हादसे की जगह करीब 109 मीटर गहराई तक खुदाई की गई थी, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार यह खुदाई खनन कर रही मौजूदा कंपनी ने नहीं की थी बल्कि इससे पहले जो कंपनी थी उसके द्वारा की गई थी.
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इसके अलावा साल 2013 में दो पार्टनर को करीब 115 करोड में यहां पर खनन करने का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था. जिनमें से एक पार्टनर के पास 51 फीसदी हिस्सा था और दूसरे के पास 49 फीसदी हिस्सा था. कॉन्ट्रैक्ट मिलने के बाद जिस व्यक्ति के पास ज्यादा हिस्सा था. उसने यहां पर काम करने से इंकार कर दिया, लेकिन जो 49 फीसदी वाला पार्टनर था, वह इस कॉन्ट्रैक्ट को लेना चाहता था. जिसके बाद साल 2014 के बाद यह मामला हमारे पास आया हमने एजी से परामर्श के बाद 49 फीसदी वाले पार्टनर को इसका कॉन्ट्रैक्ट दे दिया. क्योंकि हमें यह अंदेशा था कि अगर यह ऑक्शन रद्द हो जाएगी, तो शायद इस जगह पर खनन के कॉन्ट्रैक्ट की इतनी राशि ना मिले, जो कि प्रदेश के लिए घाटे का सौदा होगा. इसीलिए हमने उसे यह कॉन्ट्रैक्ट दे दिया.
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