चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को विधानसभा में बतौर वित्तमंत्री बजट पेश किया. इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वर्ष 2020-21 के बजट में हरियाणा सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और स्वावलंबन पर फोकस किया है. हरियाणा में बढ़ते कर्ज पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यदि सरकार का कर्ज बढ़ रहा है तो प्रदेश में कैपिटल एक्सपेंडिचर भी बढ़ रहा है. लेकिन जीडीपी के मुकाबले अभी भी हरियाणा का कर्ज 25 फीसदी के दायरे में ही है, जो सामान्य है.
ग्रामीण विकास पर खर्च रुपये
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इस बार सरकार ग्रामीण विकास के तहत औसतन हर हलके पर 80 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. सरकार ने आगामी वित्त वर्ष के दौरान प्रदेश के 2 तीन लाख कर्मचारियों को बदलते दौर के हिसाब से ट्रेनिंग देने का फैसला भी किया है. जिससे कर्मचारियों की कार्यकुशलता बढ़ेगी और वे ज्यादा तेजी से लोकहित के कार्य करेंगे.
अगले वित्त वर्ष से प्रदेश की उन्हीं गौशालाओं को सरकारी अनुदान दिया जाएगा, जो बेसहारा पशुओं की भी सेवा करेंगे. यदि किसी गौशाला को जमीन की अतिरिक्त जरूरत है तो वह गोचरण भूमि का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार जल्द ही सी फार्म से संबंधित मामलों की सेटलमेंट के लिए एक नई स्कीम शुरू करेगी.
किसानों की आय होगी दो गुनी
राज्य सरकार ने कृषि को भविष्योन्मुखी बनाने तथा किसान की आय को दोगुनी करने के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण गतिविधियों के लिए इस वर्ष 6481.48 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव है, जोकि गत वर्ष के बजट आवंटन से 23.92 प्रतिशत अधिक है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बतौर वित्त मंत्री राज्य का वर्ष 2020-21 का बजट प्रस्तुत करते हुए ये जानकारी दी. कृषि एवं किसान कल्याण गतिविधियों के लिए किए गए कुल आबंटन में से कृषि क्षेत्र के लिए 3364.90 करोड़ रुपये का प्रावधान है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज कहा कि सरकार की किसानों को परंपरागत खेती के साथ-साथ फसल विविधिकरण के लिए भी प्रेरित कर रही है. इसी लिए बजट 2020-21 में बागबानी के लिए 492.82 करोड़ रुपये, पशुपालन के लिए 1157.41 करोड़ रुपये और मत्स्य पालन के लिए 122.42 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
घटे कमर्शियल बिजली के रेट
बिजली की दरों में एग्रो बेस्ड इंडस्ट्री चलाने वाले किसानों को बड़ी राहत दी है. बिजली की दरों में हरियाणा के उन किसानों को बड़ी राहत दी गई है, जो कृषि के साथ-साथ एग्रो बेस्ड इंडस्ट्री चलाते हैं. जैसे कोल्ड स्टोरेज और पोल्ट्री फॉर्म, मधुमक्खी पालन जैसे व्यवसाय पहले इन व्यवसायों को भी बिजली, कमर्सियल रेट पर मिलती थी. जिसकी दर साढे 7 रुपये प्रति यूनिट थी, लेकिन अब मनोहर लाल सरकार ने एग्रो बेस्ड इंडस्ट्री के लिए अलग से स्लैब बना दिया है, जिसे घटाकर अब 4 रुपये 75 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया है.
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यानी किसानों को दो रुपए 75 पैसे की बड़ी छूट दी गई है. जिससे हरियाणा में मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, कोल्ड स्टोरेज और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा. इस नए स्लैब से सबसे ज्यादा फायदा कोल्ड स्टोरेज की चेन को होगा, क्योंकि कोल्ड स्टोर्स में बिजली की खपत ज्यादा होती है. इसलिए इस कदम को किसानों के लिए और कृषि आधारित लघु उद्योगों के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जाना चाहिए.