चंडीगढ़: शुक्रवार को हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र का तीसरा दिन (Haryana Assembly Budget Session) हंगामे से भरा हुआ रहा. दरअसल शुक्रवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल सदन में विधविरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक, 2022 पेश किया. इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया. यहां तक कि कांग्रेस विधायक रघुबीर कादियान ने तो इस विधेयक की प्रति तक फाड़ दी. जिसे लेकर मुख्यमंत्री ने पूर्व स्पीकर रघुबीर सिंह कादियान व अन्य कांग्रेस के सदस्यों द्वारा किये गये व्यवहार को लोकतंत्र पद्वति के खिलाफ और सदन की मर्यादा का उल्लंघन बताया है.
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि (Manohar lal on Anti Forcible Conversion Bill) विधिविरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक, 2022 किसी को बांटने के लिए नहीं, बल्कि समाज में सौहार्द एवं भाईचारा बनाए रखने के लिए है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों धोखे, लालच, विदेश ले जाने व व्यवसाय बढ़ाने के नाम पर यमुनानगर, पानीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम व नूंह में काफी धर्म परिवर्तन की घटनाएं हुई हैं, जो चिंताजनक हैं. कई मामलों में एफआईआर भी दर्ज हुई हैं. इस तरह की घटनाएं पूरे देश में हो रही हैं और अलग-अलग प्रदेशों ने अपने हिसाब से कानून बनाए हैं. उन्होंने कहा कि बहुमत के साथ पारित प्रस्ताव पर सदन में विधानसभा अध्यक्ष का निर्णय सर्वोपरि होता है.
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सीएम मनोहर लाल ने कहा कि इससे पहले भी पिछले सत्र में भी विपक्ष द्वारा तीन कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ी गई थी और आज सदन में बिल का प्रस्ताव रखे जाने के बावजूद फिर धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक, 2022 की प्रतियां फाड़ी गई. इसलिए रघुबीर कादियान को सत्र की शेष अवधि के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने निलंबित किया है. सीएम मनोहर लाल ने कहा कि बेहतर होता कि डॉ. कादियान विधानसभा अध्यक्ष द्वारा खेद व्यक्त करने का दिए गये मौके पर सदन में खेद व्यक्त करते तो मामला यहीं समाप्त हो जाता.
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह विधेयक किसी व्यक्ति को इच्छापूर्वक धर्म परिवर्तन के लिए रोक नहीं लगाता, बशर्ते कि इसके लिए उसे जिला मैजिस्ट्रेट को एक महीने पहले आवेदन करना होगा. उन्होंने कहा कि भारतीय दण्ड संहिता की धाराओं में भी धर्म परिवर्तन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है, लेकिन इससे समस्या का पूर्ण निदान नहीं होता. इसलिए यह कानून बनाने की जरूरत पड़ी.
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