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'मैं तो चिराग हूं, दुश्मनी मेरी अंधेरे से है, हवा तो यूं ही मेरे खिलाफ रहती है', मुख्यमंत्री ने सदन में शायरी कर दिया विपक्ष को जवाब

हरियाणा विधानसभा शीतकालीन सत्र (Haryana Assembly Winter session) के दूसरे दिन सोमवार को सदन में एचपीएससी भर्ती घोटाले को लेकर हंगामा हुआ.

manohar lal khattar in haryana assembly
manohar lal khattar in haryana assembly
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Published : Dec 20, 2021, 9:56 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा शीतकालीन सत्र (Haryana Assembly Winter session) का सोमवार को दूसरा दिन था. सत्र के दूसरे दिन एचपीएससी भर्ती घोटाले को लेकर जमकर हंगामा हुआ, तो वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विपक्ष को शायरी के साथ जवाब दिया. सदन में एचपीएससी भर्ती घोटाले को उठे सवालों पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारी सरकार काबलियत पर भर्ती करने के नारे पर पूरी तरह से कायम है. नौकरियों में भ्रष्टाचार करने वालों को कतई बख्शा नहीं जाएगा.

सीएम ने कहा कि राज्य चौकसी ब्यूरो द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक करने वाले गिरोह को पकड़ने में कामयाबी हासिल की गई है. इस मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच जारी है. यदि विपक्ष के पास भी प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी से जुड़ी कोई जानकारी है तो वे राज्य चौकसी ब्यूरो या कोर्ट को दें, उस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी, किसी को बख्शा नहीं जाएगा. मुख्यमंत्री हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन स्थगन प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे.

ये भी पढ़ें- Haryana Assembly Winter session: सदन में दूसरे दिन भी गूंजा भर्ती घोटाले का मुद्दा, अभय चौटाला ने सीएम से पूछे तीखे सवाल

स्थगन प्रस्ताव पर लगभग 3 घंटे से अधिक चली चर्चा में अनेक सदस्यों ने भाग लिया. कांग्रेस व विपक्ष के कई सदस्यों ने बीच-बीच में अपने भाषण में कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल तो ईमानदार हैं, लेकिन नीचे वाले कुछ लोग अधिकारियों के साथ मिलकर गड़बड़ कर रहे हैं. इनको बख्शा नहीं जाना चाहिए, इनके खिलाफ जांच करवा कर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए. कुछ निर्दलीय विधायकों ने भी सदन में अपनी बात रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री आपने मेरिट पर ईमानदारी से नौकरियां देने की पहल की है, लेकिन नीचे वालों पर भी लगाम लगनी चाहिए.

वहीं इस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शायराना अंदाज में स्थगन प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा कि 'मैं तो चिराग हूं, दुश्मनी मेरी अंधेरों से है, हवा तो यूं ही मेरे खिलाफ रहती है'. उन्होंने कहा कि विपक्ष ने अपने स्थगन प्रस्ताव में एक बात बार-बार कही की सीएम ईमानदार हैं. जब विपक्ष यह बात मानता है कि मैं ईमानदार हूं तो फिर शंका क्यों. मैं विपक्ष का आभार व्यक्त करते हुए विश्वास दिलाता हूं कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा. हमें अपनी जांच एजेंसी पर पूरा भरोसा है. एचपीएससी में एक व्यक्ति के कारण पूरी संस्था पर सवाल खड़े नहीं किए जा सकते. जिस पर अंगुली उठेगी, उसे पकड़ा जाएगा.

ये भी पढ़ें- HPSC Recruitment Scam: करनाल में छात्रों का प्रदर्शन, CBI जांच की मांग उठाई

वहीं एचपीएससी में उप सचिव के पद को लेकर उठे सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोग में उप सचिव का पद 21.02.2014 से सृजित किया गया था और तब से इस पद पर सरकार द्वारा एचसीएस अधिकारियों की नियुक्ति की जाती रही है. कार्यभार को ध्यान में रखते हुए हर भर्ती से संबंधित गोपनीय कार्य अध्यक्ष द्वारा इनमें से किसी एक अधिकारी को सौंपा जाता रहा. यह प्रक्रिया वर्ष 2014 से जारी है.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने स्वयं ओएमआर शीट्स को जांच के लिए पुलिस को भेजा है. राज्य चौकसी ब्यूरो ने कोई जांच नहीं की है और एचएसएससी द्वारा विजिलेंस ब्यूरो को कोई दस्तावेज/ ओएमआर शीट नहीं दी गई थी. हालांकि एचएसएससी ने 16 जुलाई 2021 से 26 सितम्बर 2021 तक की अवधि के दौरान आयोजित परीक्षाओं में उम्मीदवारों द्वारा खाली छोड़ी गई ओएमआर शीट की एक सूची स्वयं तैयार की है और इस सूची को इस मामले की जांच करने के लिए पुलिस महानिदेशक, हरियाणा को भेजा गया. इन उम्मीदवारों ने विभिन्न पदों की परीक्षाओं के दौरान अपनी ओएमआर शीट खाली क्यों छोड़ी और यह भी पता लगाने के लिए कि एक ही प्रश्न हल किए बिना ओएमआर शीट को खाली रखने के लिए उम्मीदवारों को गुमराह करने वाले व्यक्ति कौन हैं. मुख्यमंत्री ने एग्जॉम से लेकर परिणाम आने तक की पूरी प्रक्रिया को विस्तार से बताया.

ये भी पढ़ें- रेवाड़ी में बनने वाले AIIMS को लेकर डीसी ने की बैठक, बोले- स्वास्थ्य सेवाओं के साथ रोजगार के अवसर भी करेगा पैदा

बता दें कि, सोमवार को सदन की कार्यवाही में चार विधेयक भी पारित हुए. हरियाणा तालाब तथा अपजल प्रबंधन प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक 2021, चकूला महानगर विकास प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक 2021, हरियाणा अनुसूचित सड़क तथा नियंत्रित क्षेत्र अनियमित विकास निर्बंधन (प्रबंधन संशोधन तथा विधिमान्यकरण )विधेयक 2021 और हरियाणा निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021 पारित किए गए.

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चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा शीतकालीन सत्र (Haryana Assembly Winter session) का सोमवार को दूसरा दिन था. सत्र के दूसरे दिन एचपीएससी भर्ती घोटाले को लेकर जमकर हंगामा हुआ, तो वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विपक्ष को शायरी के साथ जवाब दिया. सदन में एचपीएससी भर्ती घोटाले को उठे सवालों पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारी सरकार काबलियत पर भर्ती करने के नारे पर पूरी तरह से कायम है. नौकरियों में भ्रष्टाचार करने वालों को कतई बख्शा नहीं जाएगा.

सीएम ने कहा कि राज्य चौकसी ब्यूरो द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक करने वाले गिरोह को पकड़ने में कामयाबी हासिल की गई है. इस मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच जारी है. यदि विपक्ष के पास भी प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी से जुड़ी कोई जानकारी है तो वे राज्य चौकसी ब्यूरो या कोर्ट को दें, उस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी, किसी को बख्शा नहीं जाएगा. मुख्यमंत्री हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन स्थगन प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे.

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स्थगन प्रस्ताव पर लगभग 3 घंटे से अधिक चली चर्चा में अनेक सदस्यों ने भाग लिया. कांग्रेस व विपक्ष के कई सदस्यों ने बीच-बीच में अपने भाषण में कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल तो ईमानदार हैं, लेकिन नीचे वाले कुछ लोग अधिकारियों के साथ मिलकर गड़बड़ कर रहे हैं. इनको बख्शा नहीं जाना चाहिए, इनके खिलाफ जांच करवा कर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए. कुछ निर्दलीय विधायकों ने भी सदन में अपनी बात रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री आपने मेरिट पर ईमानदारी से नौकरियां देने की पहल की है, लेकिन नीचे वालों पर भी लगाम लगनी चाहिए.

वहीं इस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शायराना अंदाज में स्थगन प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा कि 'मैं तो चिराग हूं, दुश्मनी मेरी अंधेरों से है, हवा तो यूं ही मेरे खिलाफ रहती है'. उन्होंने कहा कि विपक्ष ने अपने स्थगन प्रस्ताव में एक बात बार-बार कही की सीएम ईमानदार हैं. जब विपक्ष यह बात मानता है कि मैं ईमानदार हूं तो फिर शंका क्यों. मैं विपक्ष का आभार व्यक्त करते हुए विश्वास दिलाता हूं कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा. हमें अपनी जांच एजेंसी पर पूरा भरोसा है. एचपीएससी में एक व्यक्ति के कारण पूरी संस्था पर सवाल खड़े नहीं किए जा सकते. जिस पर अंगुली उठेगी, उसे पकड़ा जाएगा.

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वहीं एचपीएससी में उप सचिव के पद को लेकर उठे सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोग में उप सचिव का पद 21.02.2014 से सृजित किया गया था और तब से इस पद पर सरकार द्वारा एचसीएस अधिकारियों की नियुक्ति की जाती रही है. कार्यभार को ध्यान में रखते हुए हर भर्ती से संबंधित गोपनीय कार्य अध्यक्ष द्वारा इनमें से किसी एक अधिकारी को सौंपा जाता रहा. यह प्रक्रिया वर्ष 2014 से जारी है.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने स्वयं ओएमआर शीट्स को जांच के लिए पुलिस को भेजा है. राज्य चौकसी ब्यूरो ने कोई जांच नहीं की है और एचएसएससी द्वारा विजिलेंस ब्यूरो को कोई दस्तावेज/ ओएमआर शीट नहीं दी गई थी. हालांकि एचएसएससी ने 16 जुलाई 2021 से 26 सितम्बर 2021 तक की अवधि के दौरान आयोजित परीक्षाओं में उम्मीदवारों द्वारा खाली छोड़ी गई ओएमआर शीट की एक सूची स्वयं तैयार की है और इस सूची को इस मामले की जांच करने के लिए पुलिस महानिदेशक, हरियाणा को भेजा गया. इन उम्मीदवारों ने विभिन्न पदों की परीक्षाओं के दौरान अपनी ओएमआर शीट खाली क्यों छोड़ी और यह भी पता लगाने के लिए कि एक ही प्रश्न हल किए बिना ओएमआर शीट को खाली रखने के लिए उम्मीदवारों को गुमराह करने वाले व्यक्ति कौन हैं. मुख्यमंत्री ने एग्जॉम से लेकर परिणाम आने तक की पूरी प्रक्रिया को विस्तार से बताया.

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बता दें कि, सोमवार को सदन की कार्यवाही में चार विधेयक भी पारित हुए. हरियाणा तालाब तथा अपजल प्रबंधन प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक 2021, चकूला महानगर विकास प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक 2021, हरियाणा अनुसूचित सड़क तथा नियंत्रित क्षेत्र अनियमित विकास निर्बंधन (प्रबंधन संशोधन तथा विधिमान्यकरण )विधेयक 2021 और हरियाणा निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021 पारित किए गए.

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