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अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी को मिला नोबेल, सीएम ने दी बधाई - chandigarh news

इस साल भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को नोबेल पुरस्कार मिला है. ये पुरस्कार अभिजीत बनर्जी की पत्नी और उनके एक अन्य साथी को भी दिया जाएगा. सीएम मनोहर लाल ने इस पर उनको बधाई दी है.

Nobel Prize for economists abhijeet singh
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Published : Oct 14, 2019, 11:55 PM IST

चंडीगढ़: अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार इस साल भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी और उनके दो साझेदारों को मिला है. इस हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अभिजीत बनर्जी, एस्थर डुफ्लो और एक अन्य अर्थशास्त्री माइकेल क्रेमर बधाई दी है. ये बधाई सीएम मनोहर लाल ने ट्वीट कर दी.

इसके साथ ही सीएम मनोहर लाल ने लिखा कि ये हरियाणा के लिए गौरव की बात है कि सन 2016 में उनकी की मौजूदगी में हरियाणा टीकाकरण प्रोत्साहन और सूचना कार्यक्रम शुरू किया गया. यह पूरे हरियाणा के लिए सम्मान की बात है.

  • I congratulate Professor Esther Duflo for winning the @NobelPrize in Economics, with Abhijit Banerjee & Michael Kremer for their outstanding work.
    It was a pleasure to have launched Haryana Immunization Incentives & Information Programme with her as Lead Researcher in 2016!@JPAL pic.twitter.com/tGOJAi5pTw

    — Manohar Lal (@mlkhattar) October 14, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें कि अभिजीत बनर्जी के जिन दो साथियों को ये पुरस्कार दिया है उन साझेदारों में उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो शामिल हैं और जो अन्य अर्थशास्त्री माइकेल क्रेमर हैं. पुरस्कार की घोषणा सोमवार को हुई. बनर्जी फिलहाल अमेरिका के मैसाचुसेट‌स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफेसर हैं.

1961 में मुंबई में हुआ था बनर्जी का जन्म
अभिजीत बनर्जी का जन्म मुंबई में सन 1961 में हुआ था. उन्हें वैश्विक गरीब को दूर करने में उनके प्रायोगिक नजरिए के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया है. 58 वर्षीय अर्थशास्त्री ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से 1988 में पीएचडी हासिल की थी. उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय और दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में भी पढ़ाई की थी.

कैलाश सत्यार्थी को मिला था शांति का नोबेल
मध्यप्रदेश में विदिशा के रहने वाले कैलाश सत्यार्थी को 2014 में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था. उन्हें पाकिस्तान की बाल अधिकार कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई के साथ संयुक्त रूप से यह पुरस्कार दिया गया था. कैलाश सत्यार्थी बाल अधिकारों के लिए काम करते हैं. 1980 में बच्चों को शिक्षा और स्वास्थ्य उपलब्ध कराने के लिए सत्यार्थी ने बचपन बचाओ आंदोलन नाम का एनजीओ भी शुरु किया था. अब तक वे 144 देशों में 83 हजार बच्चों की मदद कर चुके हैं.

चंडीगढ़: अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार इस साल भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी और उनके दो साझेदारों को मिला है. इस हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अभिजीत बनर्जी, एस्थर डुफ्लो और एक अन्य अर्थशास्त्री माइकेल क्रेमर बधाई दी है. ये बधाई सीएम मनोहर लाल ने ट्वीट कर दी.

इसके साथ ही सीएम मनोहर लाल ने लिखा कि ये हरियाणा के लिए गौरव की बात है कि सन 2016 में उनकी की मौजूदगी में हरियाणा टीकाकरण प्रोत्साहन और सूचना कार्यक्रम शुरू किया गया. यह पूरे हरियाणा के लिए सम्मान की बात है.

  • I congratulate Professor Esther Duflo for winning the @NobelPrize in Economics, with Abhijit Banerjee & Michael Kremer for their outstanding work.
    It was a pleasure to have launched Haryana Immunization Incentives & Information Programme with her as Lead Researcher in 2016!@JPAL pic.twitter.com/tGOJAi5pTw

    — Manohar Lal (@mlkhattar) October 14, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें कि अभिजीत बनर्जी के जिन दो साथियों को ये पुरस्कार दिया है उन साझेदारों में उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो शामिल हैं और जो अन्य अर्थशास्त्री माइकेल क्रेमर हैं. पुरस्कार की घोषणा सोमवार को हुई. बनर्जी फिलहाल अमेरिका के मैसाचुसेट‌स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफेसर हैं.

1961 में मुंबई में हुआ था बनर्जी का जन्म
अभिजीत बनर्जी का जन्म मुंबई में सन 1961 में हुआ था. उन्हें वैश्विक गरीब को दूर करने में उनके प्रायोगिक नजरिए के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया है. 58 वर्षीय अर्थशास्त्री ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से 1988 में पीएचडी हासिल की थी. उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय और दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में भी पढ़ाई की थी.

कैलाश सत्यार्थी को मिला था शांति का नोबेल
मध्यप्रदेश में विदिशा के रहने वाले कैलाश सत्यार्थी को 2014 में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था. उन्हें पाकिस्तान की बाल अधिकार कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई के साथ संयुक्त रूप से यह पुरस्कार दिया गया था. कैलाश सत्यार्थी बाल अधिकारों के लिए काम करते हैं. 1980 में बच्चों को शिक्षा और स्वास्थ्य उपलब्ध कराने के लिए सत्यार्थी ने बचपन बचाओ आंदोलन नाम का एनजीओ भी शुरु किया था. अब तक वे 144 देशों में 83 हजार बच्चों की मदद कर चुके हैं.

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