चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को करनाल से सीएम की विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वृद्धावस्था सम्मान भत्ता ना लेने वाले वरिष्ठ नागरिकों से सीधा संवाद किया. इस दौरान सीएम ने कहा कि मुझे प्रदेश के उन वरिष्ठ नागरिकों से बात करने का अवसर मिला है. जिन्होंने वृद्धावस्था सम्मान भत्ते का पात्र होते हुए भी उसे लेने से इनकार कर दिया, ताकि उस पैसे का उपयोग दूसरों के कल्याण के लिया किया जा सके.
उन्होंने कहा कि आपके त्याग से जिस धन की बचत हुई है. उसे अन्य जरूरतमंद लोगों की मदद पर खर्च किया जाएगा. आप जैसे लोग देश और समाज की सच्ची शक्ति हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन की राशि 1 जनवरी 2024 से बढ़ाकर 3 हजार रुपये करने की घोषणा की है. सीएम ने इस दौरान घोषणा करते हुए कहा कि 60 साल की आयु के पात्र वरिष्ठ नागरिकों ने सहमति से पेंशन लेने से मना किया. उनकी 40 हजार संख्या है. इस नाते से वर्ष का लगभग 100 करोड़ रुपये बनता है.
उन्होंने कहा कि सेवा के भाव से इस बची हुई राशि को 22 जिलों में बनने वाले वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रम योजना के तहत सेवा आश्रमों में 100 करोड़ रुपये की राशि का बजट सेक्शन किया जाता है, ताकि उनके भवन बन सकें और देखभाल के लिए व्यवस्था हो सके. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ता ना लेने वाले वरिष्ठ नागरिकों से कहा कि वृद्धावस्था पेंशन को परिवार पहचान पत्र के माध्यम से प्रो-एक्टिव मोड में किया जाएगा. इसके बाद 60 साल की आयु के पात्र लोगों से उनकी पेंशन शुरू करने के लिए सहमति देने बारे सम्पर्क किया गया.
अब तक 40 हजार वरिष्ठ नागरिकों ने ये पेंशन लेने से मना कर दिया. जो सेवा एवं त्याग की भावना को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश में प्रतिमास 2,750 रुपये की दर से प्रतिमाह पेंशन दी जाती है, जिनकी आयु 60 वर्ष अधिक हो जाती है और वार्षिक आय 3 लाख से कम होती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य देखभाल के लिए अस्पतालों में सीनियर सिटीजन कार्नर बनाए गए हैं. बुजुर्ग बीमार हो जाता है और वो अस्पताल जाता है, तो आमतौर पर अस्पतालों में भीड़ रहती है.
सीएम ने कहा कि बुजुर्ग को लाइन में लगकर पर्ची बनवाना व अन्य काम करवाना बहुत मुश्किल होता है. सीनियर सिटीजन कार्नर में पर्ची बनवाने से लेकर दवाई दिलाने तक का काम किया जाता है. मुख्यमंत्री ने संवाद के दौरान कहा कि बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए इस वित्त वर्ष के बजट में 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के लिए ‘प्रहरी‘ योजना शुरू करने की घोषणा की थी. परिवार पहचान पत्र के डेटा से पता चला है कि प्रदेश में 80 वर्ष से अधिक आयु के 3 लाख 30 हजार बुजुर्ग हैं.
इनमें से 3600 बुजुर्ग तो ऐसे हैं, जो अकेले रह रहे हैं. ‘प्रहरी‘ योजना में इन बुजुर्गों की कुशल क्षेम जानने के लिए सेवानिवृत सरकारी कर्मचारी उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलेंगे. यदि किसी बुजुर्ग को चिकित्सा सहायता, संपत्ति की सुरक्षा अथवा किसी अन्य मदद की जरूरत होगी, तो संबंधित सरकारी विभाग के माध्यम से उसकी मदद की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार अकेले रह रहे बुजुर्गों की देखभाल ‘वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रम‘ योजना के तहत सेवा आश्रमों में करेंगे. रेवाड़ी में एक ऐसा आश्रम खोला जा चुका है और एक अन्य करनाल में निर्माणाधीन है. इसके अलावा, 14 जिलों में इनके लिए भूमि की पहचान कर ली गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त, वरिष्ठ नागरिक की सेवा के लिए रेड क्रॉस सोसायटी द्वारा पानीपत, अंबाला व पंचकूला में ओल्ड एज होम चलाये जा रहे हैं. पंचकूला में श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड द्वारा भी ओल्ड एज होम चलाया जा रहा है. इसके अलावा, प्रदेश के 13 जिलों में जिनमें भिवानी, गुरुग्राम, हिसार, जींद, करनाल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, पंचकूला, रोहतक, रेवाड़ी, सिरसा, यमुनानगर, झज्जर और बहादुरगढ़ शामिल हैं. उन्होंने कहा कि यदि कोई सेवानिवृत सरकारी कर्मचारी प्रहरी योजना से जुड़ना चाहता है तो वो डायल 112 पर कॉल करके जुड़ सकता है.