चंडीगढ़: विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार नई योजनाओं की शुरुआत कर रहे हैं. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुवार को चंडीगढ़ में बैठक की और पहचान पत्र पोर्टल की शुरुआत की.
क्या है परिवार पहचान पत्र पोर्टल?
- पहचान पत्र पोर्टल से हर परिवार का डाटा रखा जायेगा.
- सीएम ने कहा कि इस योजना से प्रत्येक परिवार की पहचान एवं उसके उत्थान, मैपिंग और लाभ देने में पारदर्शिता आयेगी.
- हर परिवार के मुखिया को पहचान पत्र दिया जायेगा.
- इसके जरिए ट्रैक किया जा सकेगा कि 5 से 15 साल के कितने बच्चों का स्कूल छूटा है और स्कूल क्यों नहीं जा पा रहे हैं- सीएम
- सीएम खट्टर ने कहा कि अभी तक व्यक्ति की आईडी देश में है, लेकिन परिवार का आईडी कार्ड नहीं है
- सीएम ने कहा कि केवल कुछ डाटा राशन कार्ड में उपलब्ध है मगर वो भी समय-समय पर अपडेट नहीं होता
- सीएम ने कहा कि वेस्ट डाटा को रखा गया है लेकिन इसको अपडेट किया जाएगा
- सीएम ने कहा कि आशा वर्कर्स को जन्म के लिए और चौकीदार को मृत्यु की जानकारी के लिए रखा गया है
- इस योजना में जानकरी देने पर इन्सेंटिव दिया जायेगा.
- सीएम ने कहा कि शहरों में नगर निगम को दी गई है योजना की जिम्मेदारी
- सिंगापुर और ब्राजील में की जा चुकी है परिवार पहचान पत्र पोर्टल की शुरुआत
- तेलंगाना सरकार ने भी परिवार पहचान पत्र योजना की घोषणा की थी, लेकिन ढाई साल तक शुरू नहीं कर पाए
किसे और कैसे मिलेगा लाभ?
सीएम ने कहा कि इस परिवार पहचान पत्र से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जिस दिन कोई व्यक्ति जिस योजना या स्कीम का लाभ प्राप्त करने का पात्र हो जाता है, उसे उसी दिन से उसका लाभ मिलने लगेगा. उदाहरण के तौर पर, जिस दिन कोई व्यक्ति 60 वर्ष की आयु पूरी कर लेता है, तो वह वृद्धावस्था पेंशन पाने का पात्र होगा.
इसी प्रकार जैसे ही कोई युवा 18 वर्ष की आयु का हो जाता है, तो वो मतदान देने का पात्र होगा. उन्होंने कहा कि परिवार पहचान-पत्र के लिए संबंधित जिले के उपायुक्त को जिला रजिस्ट्रार नामित किया गया है जो परिवार पहचान-पत्र बनाने के कार्य पर निगरानी रखेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि परिवार पहचान-पत्र का कार्य समयबद्ध तरीके से शत-प्रतिशत पूरा किया जाए.