चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने नियमों में बदलाव कर कामगार महिलाओं को सुविधा देने के लिए अहम कदम उठाया है. अब हरियाणा में कामगार महिलाओं को दूसरा बच्चा लड़का होने पर भी मुख्यमंत्री मातृत्व योजना के तहत पांच हजार रुपये मिलेंगे. महिला एवं बाल विकास विभाग ने गर्भावस्था में मजदूरी के दौरान नुकसान की भरपाई और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के पोषण को सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना शुरू की है.
इस योजना के तहत 8 मार्च 2022 के बाद दूसरे बच्चे के रूप में लड़के को जन्म देने वाली अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकेंगी. इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं. अब 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग महिलाओं समेत मनरेगा जॉब कार्ड, ई श्रम कार्ड, बीपीएल राशन कार्ड, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और किसान सम्मान निधि की लाभार्थी महिलाएं भी इस योजना के लिए पात्र होंगी.
योजना का लाभ लेने के लिए महिला के परिवार की सालाना आय 8 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए. इस योजना के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है. केंद्र या राज्य सरकार की नौकरियों और सार्वजनिक उपक्रमों में तैनात महिला कर्मचारी योजना का लाभ लेने के लिए पात्र नहीं होंगी. सहायता राशि के लिए महिला को गर्भावस्था के पंजीकरण कराना होगा. मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना का लाभ लेने के लिए आंगनवाड़ी वर्कर या आशा के माध्यम से आवेदन किया जा सकेगा. पहले इस योजना को तहत महिलाओं को पांच हजार रुपये की सहायता राशि तीन किस्तों में दी जाती थी. अब ये राशि दो किस्तों में दी जाएगी.