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Rose Festival 2023: आखिरी दिन उमड़ा लोगों का हुजूम, ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाई गई धूपबत्ती बनी आकर्षण का केंद्र - गुजराती लहंगा चोली

चंडीगढ़ में रोज फेस्टिवल का आखिरी दिन काफी दिलचस्प रहा. जहां ग्रामीण महिलाओं ने अपने हाथों से बनाए प्रोडक्ट में काफी कमाई की. साथ ही इनके द्वारा बनाये गये प्रोडक्ट लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे. फेस्टिवल में और क्या क्या खास रहा किस तरीके से इन प्रोडक्ट्स को बनाया गया है ये भी आप इस रिपोर्ट में जानिए.

Chandigarh rose festival 2023
चंडीगढ़ में रोज फेस्टिवल
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Published : Feb 19, 2023, 9:07 PM IST

Rose Festival 2023: आखिरी दिन उमड़ा लोगों का हुजूम, ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाई गई धूपबत्ती बनी आकर्षण का केंद्र

चंडीगढ़: रोज फेस्टिवल के तीसरे और आखिरी दिन चंडीगढ़ के साथ लगते ग्रामीण इलाकों से आई महिलाओं ने अपने तरह तरह के प्रोडक्ट की जानकारी दी. वहीं कुछ छात्रों द्वारा आधुनिक तकनीक के जरिए चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा चलाई जा रही स्वच्छ अभियान के जरिए विजुअली म्युजियम दिखाया गया. जिसमें छोटे से बड़े सभी तरह के लोग इसका हिस्सा भी बनें.

ग्रामीण महिलाओं के प्रोडक्ट पहली पसंद: चंडीगढ़ नगर निगम द्वारा शहर के साथ लगते गांव मलोया और धनास से महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप द्वारा 12 स्टॉल लगाई गई. जहां महिलाओं द्वारा अपने हाथों से बनाई गई चीजों की प्रदर्शनी लगाई गई. जिसमें हाथों से बनाए कपड़े, मिट्टी के बर्तन, महिलाओं की त्वचा के लिए साबून, पूजा का सामान, फूलों से बने रंग, शादी विवाह के मौकों पर दिए जाने वाले कांच के बर्तन, कपड़े के बैग, गुजराती लहंगा चोली, ज्वेलरी बॉक्स, होप सेंड पेंटिंग, क्रोशिया नेटिंग वर्क, हैंडमेड डायरी एंड फाइल्स मेट्रो नेटवर्क, फुलकारी, हर्बल कलर, कैंडल एंड ट्री मेकिंग, हैंड क्राफ्ट एंड पेपर माचे, आदि जरूरतों की चीजों को स्टॉल में लगाया गया.

Rose Festival 2023
इन फूलों से भी बनाई जाती है धूप और अगरबत्ती

धूपबत्ती की खुशबू से महका फेस्टिवल: वहीं, इन स्टॉल में सबसे ज्यादा लोगों द्वारा फूलों द्वारा बनाई गई धूपबत्ती ज्यादा पसंद की गई. वहीं, रिमझिम ने बताया कि वह मलोया से ही सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी हुई हैं. उन्होंने बताया कि कुछ महीनों पहले ही नगर निगम की मदद से उन्हें और महिलाओं को फूलों से बनने वाली धूपबत्ती की ट्रेनिंग दी गई थी. इन धूपबत्त‌ियों को बनाने के लिए शहर के सभी मंदिरों से फूल इकट्ठा किए जाते हैं.

Rose Festival 2023
हाथों द्वारा फूलों से बनाई गई धूप स्टिक

उन फूलों को पीसकर उनमें हवन सामग्री डालकर तैयार किया जाता है. इन्हें बनाना बहुत ही आसान है. वहीं, रोज फेस्टिवल में आने वाले लोगों द्वारा इन्हें खूब खरीदा भी जा रहा है. वहीं, रोज फेस्टिवल के इन बीते 3 दिनों में 200 लोगों ने धूपबत्त‌ियों को खरीदा है. रिमझिम ने बताया कि वे और उनके साथ कि कुछ महिलाएं इन फूलों से धूपबत्ती बनाने का काम घर से ही करती हैं और इन तीन दिनों के दौरान उनकी 30 हजार रुपये से अधिक कमाई हो चुकी है.

खूशबुदार मोमबत्ती ने लोगों को लुभाया: वहीं, फेस्ट के दौरान शरबती नाम की महिला ने बताया कि वह मलोया गांव की रहने वाली हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 5 महीनों से सेल्फ हेल्प ग्रुप के साथ जुड़ी हुई हैं. जिनकी मदद वे खुशबू वाली मोमबत्तियां बनाती हैं. यह मोमबत्तियां हर मौके के हिसाब से बनी हुई हैं. वहीं इन मोमबत्त‌ि यों में खास तोर पर फूलों को अरक डाला गया है. खास तौर पर गुलाब के फूलों को इनमें इस्तेमाल किया गया है. शरबती ने बताया कि इन 3 दिनों के बीच में उनकी कमाई 20 हजार के करीब हो चुकी है. लोगों द्वारा इन मोमबत्तियों को खूब खरीदा जा रहा है.

Rose Festival 2023
खूशबु वाली मोमबत्ती की भी लोगों ने की खूब खरीददारी

फूलों से बने हर्बल कलर: वहीं, कुमकुम ने बताया कि वे भी मलोया गांव की रहने वाली हैं और उनके साथ की 10 महिलाएं मिलकर फूलों से हर्बल कलर बनाती हैं. वही रोज फेस्टिवल में भी नगर निगम की मदद से उन्हें स्टॉल लगाने का मौका मिला है. कुसूम ने बताया कि इस तरह के फेस्टिवल के जरिए ही वे कुछ कमाई कर पाती है. वही होली को ध्यान में रखते हुए लोग इन रंगों को खरीद भी रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन हर्बल कलर को फूलों को सुखाकर घर में ही बनाया जाता है. इसमें कोई भी केमिकल नहीं शामिल किया गया है.

Rose Festival 2023
फूलों से बने हैं हर्बल कलर

गजब का है हर्बल साबून: वहीं, आरती मेहता ने बताया कि वह चंडीगढ़ सेक्टर 35 स्मालिंग वॉल के साथ साथ हर्बल साबुन बनाती हूं. जो प्राकृतिक तेल और मिश्रण से बनकर बनाया जाता है. वहीं, इसके तहत ही में और महिलाओं की मदद भी करती हूं. हरदिल सिंह ग्रोवर ने बताया की वे बैंजो लॉजिस्टिक से है. उन्होंने बताया कि उनकी संस्था चंडीगढ़ नगर निगम के स्वच्छ भारत स्कीम के तहत वर्चुअल म्यूजियम इन वर्चुअल रियलिटी की मदद से एक सॉफ्टवेयर बनाया गया है. जिसमें स्वच्छ भारत अभियान के द्वारा चलाई जा रही स्कीम और उनके काम को दिखाया गया है.

ये भी पढ़ें- सूरजकुंड मेले में सिक्कों का संग्राहलय, यहां आपको मिलेगा रुपये का इतिहास, जानें क्या है खासियत

सॉफ्टवेयर में दिखा स्वच्छ भारत अभियान: ऐसे में लोगों को टेक्नोलॉजी की मदद से वर्चुअल म्यूजियम दिखाया गया जा रहा है. वहीं, इस वर्चुअल म्यूजियम में कोई भी व्यापारी जो ऑनलाइन अपने प्रोडक्ट को दिखाना या बेचना चाहता है, उसकी प्रदर्शनी लगाई जाती है. लेकिन इन्हें देखने के लिए वर्चुअल रियलिटी जैसी एक उपकरण का इस्तेमाल करते हुए देखा जा सकता हैं. वहीं इसे देखने के लिए बच्चों और बड़ों पर बड़े ही उत्साह देखने को मिला है.

Rose Festival 2023: आखिरी दिन उमड़ा लोगों का हुजूम, ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाई गई धूपबत्ती बनी आकर्षण का केंद्र

चंडीगढ़: रोज फेस्टिवल के तीसरे और आखिरी दिन चंडीगढ़ के साथ लगते ग्रामीण इलाकों से आई महिलाओं ने अपने तरह तरह के प्रोडक्ट की जानकारी दी. वहीं कुछ छात्रों द्वारा आधुनिक तकनीक के जरिए चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा चलाई जा रही स्वच्छ अभियान के जरिए विजुअली म्युजियम दिखाया गया. जिसमें छोटे से बड़े सभी तरह के लोग इसका हिस्सा भी बनें.

ग्रामीण महिलाओं के प्रोडक्ट पहली पसंद: चंडीगढ़ नगर निगम द्वारा शहर के साथ लगते गांव मलोया और धनास से महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप द्वारा 12 स्टॉल लगाई गई. जहां महिलाओं द्वारा अपने हाथों से बनाई गई चीजों की प्रदर्शनी लगाई गई. जिसमें हाथों से बनाए कपड़े, मिट्टी के बर्तन, महिलाओं की त्वचा के लिए साबून, पूजा का सामान, फूलों से बने रंग, शादी विवाह के मौकों पर दिए जाने वाले कांच के बर्तन, कपड़े के बैग, गुजराती लहंगा चोली, ज्वेलरी बॉक्स, होप सेंड पेंटिंग, क्रोशिया नेटिंग वर्क, हैंडमेड डायरी एंड फाइल्स मेट्रो नेटवर्क, फुलकारी, हर्बल कलर, कैंडल एंड ट्री मेकिंग, हैंड क्राफ्ट एंड पेपर माचे, आदि जरूरतों की चीजों को स्टॉल में लगाया गया.

Rose Festival 2023
इन फूलों से भी बनाई जाती है धूप और अगरबत्ती

धूपबत्ती की खुशबू से महका फेस्टिवल: वहीं, इन स्टॉल में सबसे ज्यादा लोगों द्वारा फूलों द्वारा बनाई गई धूपबत्ती ज्यादा पसंद की गई. वहीं, रिमझिम ने बताया कि वह मलोया से ही सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी हुई हैं. उन्होंने बताया कि कुछ महीनों पहले ही नगर निगम की मदद से उन्हें और महिलाओं को फूलों से बनने वाली धूपबत्ती की ट्रेनिंग दी गई थी. इन धूपबत्त‌ियों को बनाने के लिए शहर के सभी मंदिरों से फूल इकट्ठा किए जाते हैं.

Rose Festival 2023
हाथों द्वारा फूलों से बनाई गई धूप स्टिक

उन फूलों को पीसकर उनमें हवन सामग्री डालकर तैयार किया जाता है. इन्हें बनाना बहुत ही आसान है. वहीं, रोज फेस्टिवल में आने वाले लोगों द्वारा इन्हें खूब खरीदा भी जा रहा है. वहीं, रोज फेस्टिवल के इन बीते 3 दिनों में 200 लोगों ने धूपबत्त‌ियों को खरीदा है. रिमझिम ने बताया कि वे और उनके साथ कि कुछ महिलाएं इन फूलों से धूपबत्ती बनाने का काम घर से ही करती हैं और इन तीन दिनों के दौरान उनकी 30 हजार रुपये से अधिक कमाई हो चुकी है.

खूशबुदार मोमबत्ती ने लोगों को लुभाया: वहीं, फेस्ट के दौरान शरबती नाम की महिला ने बताया कि वह मलोया गांव की रहने वाली हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 5 महीनों से सेल्फ हेल्प ग्रुप के साथ जुड़ी हुई हैं. जिनकी मदद वे खुशबू वाली मोमबत्तियां बनाती हैं. यह मोमबत्तियां हर मौके के हिसाब से बनी हुई हैं. वहीं इन मोमबत्त‌ि यों में खास तोर पर फूलों को अरक डाला गया है. खास तौर पर गुलाब के फूलों को इनमें इस्तेमाल किया गया है. शरबती ने बताया कि इन 3 दिनों के बीच में उनकी कमाई 20 हजार के करीब हो चुकी है. लोगों द्वारा इन मोमबत्तियों को खूब खरीदा जा रहा है.

Rose Festival 2023
खूशबु वाली मोमबत्ती की भी लोगों ने की खूब खरीददारी

फूलों से बने हर्बल कलर: वहीं, कुमकुम ने बताया कि वे भी मलोया गांव की रहने वाली हैं और उनके साथ की 10 महिलाएं मिलकर फूलों से हर्बल कलर बनाती हैं. वही रोज फेस्टिवल में भी नगर निगम की मदद से उन्हें स्टॉल लगाने का मौका मिला है. कुसूम ने बताया कि इस तरह के फेस्टिवल के जरिए ही वे कुछ कमाई कर पाती है. वही होली को ध्यान में रखते हुए लोग इन रंगों को खरीद भी रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन हर्बल कलर को फूलों को सुखाकर घर में ही बनाया जाता है. इसमें कोई भी केमिकल नहीं शामिल किया गया है.

Rose Festival 2023
फूलों से बने हैं हर्बल कलर

गजब का है हर्बल साबून: वहीं, आरती मेहता ने बताया कि वह चंडीगढ़ सेक्टर 35 स्मालिंग वॉल के साथ साथ हर्बल साबुन बनाती हूं. जो प्राकृतिक तेल और मिश्रण से बनकर बनाया जाता है. वहीं, इसके तहत ही में और महिलाओं की मदद भी करती हूं. हरदिल सिंह ग्रोवर ने बताया की वे बैंजो लॉजिस्टिक से है. उन्होंने बताया कि उनकी संस्था चंडीगढ़ नगर निगम के स्वच्छ भारत स्कीम के तहत वर्चुअल म्यूजियम इन वर्चुअल रियलिटी की मदद से एक सॉफ्टवेयर बनाया गया है. जिसमें स्वच्छ भारत अभियान के द्वारा चलाई जा रही स्कीम और उनके काम को दिखाया गया है.

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सॉफ्टवेयर में दिखा स्वच्छ भारत अभियान: ऐसे में लोगों को टेक्नोलॉजी की मदद से वर्चुअल म्यूजियम दिखाया गया जा रहा है. वहीं, इस वर्चुअल म्यूजियम में कोई भी व्यापारी जो ऑनलाइन अपने प्रोडक्ट को दिखाना या बेचना चाहता है, उसकी प्रदर्शनी लगाई जाती है. लेकिन इन्हें देखने के लिए वर्चुअल रियलिटी जैसी एक उपकरण का इस्तेमाल करते हुए देखा जा सकता हैं. वहीं इसे देखने के लिए बच्चों और बड़ों पर बड़े ही उत्साह देखने को मिला है.

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