चंडीगढ़: 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी. देश के हर वर्ग को इस बार के बजट से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि कोरोना और लॉकडाउन के बाद हर क्षेत्र मंदी की मार झेल रहा है. यही वजह है कि हर वर्ग के लोग इस बजट से काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं.
वैसे तो कोरोना का असर हर क्षेत्र पर पड़ा है, जिसमें रियल एस्टेट सेक्टर भी आता है. लॉकडाउन और कोरोना वायरस की वजह से रियल एस्टेट सेक्टर को भी मंदी के दौर से गुजरना पड़ा है. इसका असर न सिर्फ रियल एस्टेट बल्कि इससे जुड़े 200 से ज्यादा सेक्टर पर हुआ है.
प्रॉपर्टी बाजार और इससे जुड़े सेक्टर में सुस्ती का असर देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार बाजार पर हुआ है. इस संकट से उबारने के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बड़े कदम उठाने होंगे. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े लोगों को इस बजट से किस तरह की उम्मीदें हैं.
'घरों की रजिस्ट्री में कटौती की जाए'
जीबीपी ग्रुप के सेल्स एंड मार्केटिंग के डायरेक्टर अनुपम गुप्ता ने कहा कि रियल एस्टेट देश के सबसे बड़े सेक्टर्स में से एक है. रियल एस्टेट ने लाखों लोगों को रोजगार दिया है, लेकिन कोविड के बाद रियल एस्टेट सेक्टर की रफ्तार काफी धीमी पड़ गई है. अगर सरकार रियल एस्टेट सेक्टर को कुछ राहत प्रदान करें तो ये सेक्टर फिर से रफ्तार पकड़ सकता है. जैसे सरकार को घरों की रजिस्ट्री में कटौती करनी चाहिए.
'रॉ मटेरियल पर जीएसटी की दर कम होनी चाहिए'
टीडीआई इंफ्राटेक के वाइस प्रेसिडेंट विमल मोंगा ने कहा कि सरकार को रियल एस्टेट सेक्टर में इस्तेमाल होने वाले रॉ मटेरियल पर जीएसटी की दरों को कम करना चाहिए, ताकि रॉ मटेरियल पर आने वाले खर्च को कम किया जा सके. स्टैंप ड्यूटी की दरों में कटौती करनी चाहिए.
इसके अलावा होम लोन लेने वालों के लिए सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाली छूट को बढ़ाया जाना चाहिए. सरकार इस तरह के कदम उठाती है तो रियल एस्टेट सेक्टर को एक अच्छा उछाल मिल सकता है.
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