चंडीगढ़ः कोरोना वायरस के कारण एक तरफ जहां व्यापारी वर्ग परेशान हैं तो वहीं डॉक्टर्स भी लॉकडाउन की मार से अछूते नहीं है. जिन डॉक्टर्स के पास साल के 12 महीने भीड़ जुटी रहती थी, वही क्लीनिक अब खाली पड़े हैं. महामारी के दौर में प्राइवेट डॉक्टर्स भी परेशान हो रहे हैं.
पेशेंट्स में आई 60% कमी
ईटीवी भारत की टीम ने एक प्राइवेट क्लीनिक चला रहे डॉक्टर (BMS) सिद्धार्थ से खास बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि पहले की तुलना में उनकी ओपीडी में 50 से 60% की गिरावट आई है. पेशेंट्स इस माहौल में इतने डरे हुए हैं कि क्लीनिक आना ही नहीं चाहते. अगर किसी को दवाई लेनी भी है तो वो डॉक्टरों से फोन या एसएमएस के माध्यम से ही पूछ लेते हैं.
बेवजह घरों से ना निकलें- डॉक्टर
डॉक्टर सिद्धार्थ ने बताया कि पहले सर्दी खांसी से लेकर बुखार या अन्य बीमारियों से ग्रस्त मरीज अपना इलाज करवाने आते थे, जो कि अब सब बंद हो गए हैं. उन्होंने कहा कि मरीजों की कमी से अब खर्चों की पूर्ति को लेकर चिंता बढ़ी हुई है. क्योंकि खर्चे तो वही हैं और आमदनी बिल्कुल ही कम हो गई है. हालांकि उन्होंने लोगों से घरों में ही रहने की अपील की है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर ही अस्पताल जाएं बेवजह घरों से बाहर ना निकलें.
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ऐसे बढ़ाएं इम्यूनिटी
वहीं इस मौके पर डॉक्टर ने जनता से अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने की अपील भी की है. इस दौरान उन्होंने इम्यूनिटी बढ़ाने के नुस्खे के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूर करें. मास्क पहने रखें और सैनिटाइर से हाथ साफ करते रहें. इसके अलावा गर्म पानी से गरारे, पीपली, अदरक, शहद, च्यवनप्राश जैसी चीजें खाते रहें ताकि इम्यूनिटी पावर मेंटेन रहे.