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चंडीगढ़ पीजीआई में स्थिति गंभीर: ओपीडी सेवा बंद, बेड खाली नहीं और वेंटिलेटर भी फुल

पीजीआई की फिजिकल ओपीडी को बंद कर दिया गया है, क्योंकि मरीजों में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है. वहीं पीजीआई की ओर से हरियाणा पंजाब और हिमाचल को यह हिदायत दी गई है कि अगर वहां से किसी मरीज को रेफर किया जा रहा है उसे तभी रेफर किया जाए जब उसका इलाज संबंधित राज्य में संभव ना हो.

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चंडीगढ़ में पीजीआई में स्थिति गंभीर: ओपीडी सेवा बंद, बेड खाली नहीं और वेंटिलेटर भी फुल
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Published : Apr 10, 2021, 4:39 PM IST

Updated : Apr 10, 2021, 5:13 PM IST

चंडीगढ़: दूसरी लहर में कोरोना ज्यादा खतरनाक हो गया है और पहले से मुकाबले दुगनी रफ़्तार से बढ़ रहा है. चंडीगढ़ की बात की जाए तो शहर में प्रतिदिन 400 से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं. हरियाणा पंजाब और हिमाचल में भी कोरोना तेजी से फैल रहा है. जिसे देखते हुए चंडीगढ़ पीजीआई की फिजिकल ओपीडी को बंद कर दिया गया है. इस बारे में हमने चंडीगढ़ पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर जगतराम से खास बातचीत की.

प्रोफेसर जगत राम ने बताया कि पीजीआई की फिजिकल ओपीडी को बंद कर दिया गया है, क्योंकि मरीजों में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है. इसलिए अब उन्हें पीजीआई नहीं बुलाया जाएगा, बल्कि डॉक्टर टैली कंसल्टेंसी के जरिए उनसे बात करेंगे और उनका इलाज करेंगे.

ओपीडी सेवा बंद, बेड खाली नहीं और वेंटिलेटर भी फुल, देखिए वीडियो

टेली कंसल्टेंसी से होगा समान्य मरीजों का इलाज

बता दें कि पिछले साल भी लॉकडाउन के दौरान टेली कंसल्टेंसी को शुरू की गई थी और शुरुआत में डॉक्टर प्रतिदिन करीब 200 मरीजों से बात कर रहे थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर करीब ढाई हजार तक पहुंच चुकी है. कोई भी मरीज पीजीआई में संपर्क कर डॉक्टर से बात कर सकता है ताकि डॉक्टर उसकी बीमारी को समझ कर उसके इलाज के बारे में जानकारी दे सकें.

ये पढ़ें- अधिकारियों ने किया कोरोना की दूसरी लहर से 'जंग' का दावा, स्थानीय लोगों ने खोली पोल

इमरजेंसी सर्विस रहेंगी जारी

ओपीडी के बंद होने के बावजूद पीजीआई में आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी. इसके अलावा पीजीआई में डायलिसिस इमरजेंसी में ऑपरेशन, एमआरआई, PET SCAN, आदि सेवाएं जारी रहेंगी.

पीजीआई में सभी वेंटिलेटर हुए फुल

प्रोफेसर जगत राम कहा कि पीजीआई में इस वक्त काफी कोरोना पॉजिटिव मरीज भर्ती है. यहां पर सभी बेड और वेंटिलेटर लगभग फुल हो चुके है. जिनमे ज्यादातर दूसरे राज्यों से आए मरीज हैं, इसलिए पीजीआई की ओर से हरियाणा पंजाब और हिमाचल को यह हिदायत दी गई है कि अगर वहां से किसी मरीज को रेफर किया जा रहा है उसे तभी रेफर किया जाए जब उसका इलाज संबंधित राज्य में संभव ना हो. क्योंकि पीजीआई में गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज किया जाता है.

ये पढ़ें- जानिए कोरोना की दूसरी लहर से 'जंग' के लिए कितना तैयार है गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग

मरीज रेफर करने के संबंध में दिए गए हैं निर्देश

जिन मरीजों को कोविड के हल्के लक्षण है. उनका इलाज संबंधित राज्य या शहर में किया जा सकता है. इसलिए राज्यों को यह कहा गया है कि पीजीआई में कोई भी मरीज रेफर करने से पहले अस्पताल के लोग पीजीआई में बात करें और बेड की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी लें उसके बाद यहां पर मरीज को रेफर किया जाए क्योंकि पीजीआई में कोविड के मरीजों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है.

दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहे हैं मरीज

कोरोना की दूसरी लहर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा की दूसरी लहर में कोरोना के मरीज दोगनी रफ़्तार से बढ़ रहे हैं. अभी यह नहीं कहा जा सकता कि यह संख्या कहां तक जाएगी, लेकिन संख्या कम होने में कम से कम 4 से 5 महीने का वक्त जरूर लगेगा. इसलिए लोग इस बीमारी की गंभीरता को समझें और जितना ज्यादा हो सके उतना एहतियात बरतें ताकि इस बीमारी से बचा जा सके.

ये पढ़ें- हरियाणा में भी बेकाबू हो रहा है कोरोना, अप्रैल में ऐसे पकड़ी रफ्तार

चंडीगढ़: दूसरी लहर में कोरोना ज्यादा खतरनाक हो गया है और पहले से मुकाबले दुगनी रफ़्तार से बढ़ रहा है. चंडीगढ़ की बात की जाए तो शहर में प्रतिदिन 400 से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं. हरियाणा पंजाब और हिमाचल में भी कोरोना तेजी से फैल रहा है. जिसे देखते हुए चंडीगढ़ पीजीआई की फिजिकल ओपीडी को बंद कर दिया गया है. इस बारे में हमने चंडीगढ़ पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर जगतराम से खास बातचीत की.

प्रोफेसर जगत राम ने बताया कि पीजीआई की फिजिकल ओपीडी को बंद कर दिया गया है, क्योंकि मरीजों में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है. इसलिए अब उन्हें पीजीआई नहीं बुलाया जाएगा, बल्कि डॉक्टर टैली कंसल्टेंसी के जरिए उनसे बात करेंगे और उनका इलाज करेंगे.

ओपीडी सेवा बंद, बेड खाली नहीं और वेंटिलेटर भी फुल, देखिए वीडियो

टेली कंसल्टेंसी से होगा समान्य मरीजों का इलाज

बता दें कि पिछले साल भी लॉकडाउन के दौरान टेली कंसल्टेंसी को शुरू की गई थी और शुरुआत में डॉक्टर प्रतिदिन करीब 200 मरीजों से बात कर रहे थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर करीब ढाई हजार तक पहुंच चुकी है. कोई भी मरीज पीजीआई में संपर्क कर डॉक्टर से बात कर सकता है ताकि डॉक्टर उसकी बीमारी को समझ कर उसके इलाज के बारे में जानकारी दे सकें.

ये पढ़ें- अधिकारियों ने किया कोरोना की दूसरी लहर से 'जंग' का दावा, स्थानीय लोगों ने खोली पोल

इमरजेंसी सर्विस रहेंगी जारी

ओपीडी के बंद होने के बावजूद पीजीआई में आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी. इसके अलावा पीजीआई में डायलिसिस इमरजेंसी में ऑपरेशन, एमआरआई, PET SCAN, आदि सेवाएं जारी रहेंगी.

पीजीआई में सभी वेंटिलेटर हुए फुल

प्रोफेसर जगत राम कहा कि पीजीआई में इस वक्त काफी कोरोना पॉजिटिव मरीज भर्ती है. यहां पर सभी बेड और वेंटिलेटर लगभग फुल हो चुके है. जिनमे ज्यादातर दूसरे राज्यों से आए मरीज हैं, इसलिए पीजीआई की ओर से हरियाणा पंजाब और हिमाचल को यह हिदायत दी गई है कि अगर वहां से किसी मरीज को रेफर किया जा रहा है उसे तभी रेफर किया जाए जब उसका इलाज संबंधित राज्य में संभव ना हो. क्योंकि पीजीआई में गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज किया जाता है.

ये पढ़ें- जानिए कोरोना की दूसरी लहर से 'जंग' के लिए कितना तैयार है गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग

मरीज रेफर करने के संबंध में दिए गए हैं निर्देश

जिन मरीजों को कोविड के हल्के लक्षण है. उनका इलाज संबंधित राज्य या शहर में किया जा सकता है. इसलिए राज्यों को यह कहा गया है कि पीजीआई में कोई भी मरीज रेफर करने से पहले अस्पताल के लोग पीजीआई में बात करें और बेड की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी लें उसके बाद यहां पर मरीज को रेफर किया जाए क्योंकि पीजीआई में कोविड के मरीजों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है.

दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहे हैं मरीज

कोरोना की दूसरी लहर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा की दूसरी लहर में कोरोना के मरीज दोगनी रफ़्तार से बढ़ रहे हैं. अभी यह नहीं कहा जा सकता कि यह संख्या कहां तक जाएगी, लेकिन संख्या कम होने में कम से कम 4 से 5 महीने का वक्त जरूर लगेगा. इसलिए लोग इस बीमारी की गंभीरता को समझें और जितना ज्यादा हो सके उतना एहतियात बरतें ताकि इस बीमारी से बचा जा सके.

ये पढ़ें- हरियाणा में भी बेकाबू हो रहा है कोरोना, अप्रैल में ऐसे पकड़ी रफ्तार

Last Updated : Apr 10, 2021, 5:13 PM IST
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