चंडीगढ़ः विश्व भर में फैली कोरोना महामारी के दुष्परिणाम ना केवल बड़ी कंपनियों को झेलने पड़ रहे हैं बल्कि इससे मध्यम और गरीब वर्ग को भी दो-दो हाथ होना पड़ रहा है. सड़कों के किनारे ठेला लगाकर या गलियों में घूमते हुए अपना गुजारा करने वालों को भी इस महामारी के चलते दो समय की रोटी मिलना मुश्किल हो गया है. इन्हीं में शामिल है चंडीगढ़ के सलीम.
कमाई का एकमात्र साधन ठप
विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त जैसे कि टूटी हड्डी, फूली हुई नसों आदि का मालिश द्वारा ही इलाज कर अपना जीवन यापन करने वाले सलीम खान ने लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हो गए हैं. सलीम ने बताया कि इस संकट की घड़ी में वो एक समय की रोटी जुटा पाने में भी असमर्थ हैं. क्योंकि लॉकडाउन के चलते लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे जिससे उनकी कमाई का एकमात्र साधन भी बंद हो गया है.
पुश्तों से चल रहा है धंधा
ईटीवी भारत की टीम ने सलीम से उनके पेशे और उनकी मुश्किलों के बारे में बातचीत की तो सलीम ने बताया कि वो ये काम एक लंबे अरसे से चंडीगढ़ में सड़क के किनारे बैठकर ही कर रहे हैं. उनसे पहले उनकी कई पुश्तें भी यही काम करती आई हैं. और उनको भी बस यही काम आता है.
'खत्म होने वाली है जमा पूंजी'
सलीम ने कहा कि पहले वो 700 से 800 रुपए कमा लेते थे लेकिन अब सब बंद पड़ा है जिसकी वजह से कई दिनों तक कोई कमाई नहीं होती सलीम ने बताया कि घर में रखी जमा पूंजी भी खत्म होने की कगार पर है, अब डर सताने लगा है कि आने वाले दिनों में गृहस्ति का पहिया किस तरह घुमा पाऊंगा.
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'जादुई' तेल का कमाल
सलीम ने बताया कि उनके हुनर में इतना दम है कि किसी भी व्यक्ति को मोच आई हो या उसकी नसें ब्लॉक हों या फिर कहीं चनक आदि आ गई हो तो वो अपने जादुई तेल की मालिश कर उस मर्ज को मिनटों में ही दूर कर देते हैं. सलीम ने कहा कि वो अपना ये हुनर अपने बच्चों को भी सिखाएंगे जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं.