ETV Bharat / state

चंडीगढ़ः डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के वकीलों ने तैयार किया कोर्ट में काम-काज का प्लान - वकीलों ने तैयार किया कोर्ट में काम-काज का प्लान हरियाणा

चंडीगढ़ में बहुत से केस पेंडिंग पड़े हैं. ऐसे में जरूरी केसों को निपटाने के लिए डिस्ट्रिक्ट कोर्ट को शुरू किया जा सकता है. इसी को लेकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने लोअर कोर्ट से पूछा था कि लॉकडाउन के बाद कोर्ट की कार्यवाही को किस तरह से शुरू किया जा सकता है.

Chandigarh District Court
Chandigarh District Court
author img

By

Published : Apr 25, 2020, 7:29 PM IST

चंडीगढ़ः कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में 1 महीने से लॉकडाउन लगा हुआ है. पहले लोगों को 14 अप्रैल तक लॉकडाउन खत्म होने उम्मीद थी, लेकिन लॉकाडाउन के 3 मई तक बढ़ा दिया गया.

चंडीगढ़ में कोर्ट्स में बहुत से केस पेंडिंग पड़े हैं. ऐसे में जरूरी केसों को निपटाने के लिए डिस्ट्रिक्ट कोर्ट को शुरू किया जा सकता है. इसी को लेकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने लोअर कोर्ट से पूछा था कि कोर्ट की कार्रवाई किस तरह से शुरू की जा सकती है. जिसके बाद डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज ने बार एसोसिएशन से इस बाबत सुझाव मांगा.

चंडीगढ़ः डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के वकीलों ने तैयार किया कोर्ट में काम-काज का प्लान

हाईकोर्ट के निर्देश पर जिला बार एसोसिएशन ने पोस्ट लॉकडाउन प्लान तैयार किया है और उसे डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज को प्लानिंग भेजते हुए कहा है.

कोर्ट की कार्रवाई के लिए पोस्ट लॉकडाउन प्लानः-

  • कोर्ट में सभी जज ना बुलाए जाए, एक-एक दिन छोड़कर जुडिशल ऑफिसर की ड्यूटी लगाई जाए.
  • कोर्ट में भी केवल रीडर, स्टेनो, जजमेंट राइटर या केवल जरूरी स्टाफ को ही बुलाया जाए.
  • केवल अग्रिम जमानत, नियमित जमानत, प्रोटेक्शन मैटर या फिर उन केसों की सुनवाई हो जिसमें फाइनल आर्गुमेंट होनी है.
  • सिविल केसों में स्टे मैटर या फिर डायरेक्शन जैसे केस सुने जाएं.
  • लोगों की एंट्री बिल्कुल बंद कर देनी चाहिए, केवल जरूरी केसों में ही लिटिगेंट्स को बुलाया जाए.
  • सभी वकीलों, जजों और स्टाफ की रेगुलर स्क्रीनिंग होनी चाहिए सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जाना चाहिए.
  • कोर्ट में केवल एक कैंटीन और एक ही फोटो कॉपी की दुकान खुली होनी, वहां केवल 2 लोग ही मौजूद होने चाहिए.
  • कोर्ट में केवल एक ही एंट्री पॉइंट होना चाहिए, वहां पैरामेडिकल स्टाफ होना चाहिए. वहां सभी की स्क्रीनिंग होनी चाहिए और सैनिटाइजर की सुविधा होनी चाहिए.
  • वकीलों को उनके चैंबर में जाने की इजाजत होनी चाहिए पर उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि वह अपने क्लाइंट को नहीं बुलाएंगे.
  • जब तक यह बीमारी पूरी तरह खत्म नहीं होती तब तक कोर्ट में बार रूम को बंद रखा जाना चाहिए.

हाईकोर्ट के निर्देश पर जिला बाल एसोसिशन ने कोर्ट में कामकाज शुरू करने के लिए अपना सुझाव तो भेज दिया है. लेकिन अब देखना यह होगा कि यह प्लान कितना कारगर साबित होता है.

चंडीगढ़ः कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में 1 महीने से लॉकडाउन लगा हुआ है. पहले लोगों को 14 अप्रैल तक लॉकडाउन खत्म होने उम्मीद थी, लेकिन लॉकाडाउन के 3 मई तक बढ़ा दिया गया.

चंडीगढ़ में कोर्ट्स में बहुत से केस पेंडिंग पड़े हैं. ऐसे में जरूरी केसों को निपटाने के लिए डिस्ट्रिक्ट कोर्ट को शुरू किया जा सकता है. इसी को लेकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने लोअर कोर्ट से पूछा था कि कोर्ट की कार्रवाई किस तरह से शुरू की जा सकती है. जिसके बाद डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज ने बार एसोसिएशन से इस बाबत सुझाव मांगा.

चंडीगढ़ः डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के वकीलों ने तैयार किया कोर्ट में काम-काज का प्लान

हाईकोर्ट के निर्देश पर जिला बार एसोसिएशन ने पोस्ट लॉकडाउन प्लान तैयार किया है और उसे डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज को प्लानिंग भेजते हुए कहा है.

कोर्ट की कार्रवाई के लिए पोस्ट लॉकडाउन प्लानः-

  • कोर्ट में सभी जज ना बुलाए जाए, एक-एक दिन छोड़कर जुडिशल ऑफिसर की ड्यूटी लगाई जाए.
  • कोर्ट में भी केवल रीडर, स्टेनो, जजमेंट राइटर या केवल जरूरी स्टाफ को ही बुलाया जाए.
  • केवल अग्रिम जमानत, नियमित जमानत, प्रोटेक्शन मैटर या फिर उन केसों की सुनवाई हो जिसमें फाइनल आर्गुमेंट होनी है.
  • सिविल केसों में स्टे मैटर या फिर डायरेक्शन जैसे केस सुने जाएं.
  • लोगों की एंट्री बिल्कुल बंद कर देनी चाहिए, केवल जरूरी केसों में ही लिटिगेंट्स को बुलाया जाए.
  • सभी वकीलों, जजों और स्टाफ की रेगुलर स्क्रीनिंग होनी चाहिए सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जाना चाहिए.
  • कोर्ट में केवल एक कैंटीन और एक ही फोटो कॉपी की दुकान खुली होनी, वहां केवल 2 लोग ही मौजूद होने चाहिए.
  • कोर्ट में केवल एक ही एंट्री पॉइंट होना चाहिए, वहां पैरामेडिकल स्टाफ होना चाहिए. वहां सभी की स्क्रीनिंग होनी चाहिए और सैनिटाइजर की सुविधा होनी चाहिए.
  • वकीलों को उनके चैंबर में जाने की इजाजत होनी चाहिए पर उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि वह अपने क्लाइंट को नहीं बुलाएंगे.
  • जब तक यह बीमारी पूरी तरह खत्म नहीं होती तब तक कोर्ट में बार रूम को बंद रखा जाना चाहिए.

हाईकोर्ट के निर्देश पर जिला बाल एसोसिशन ने कोर्ट में कामकाज शुरू करने के लिए अपना सुझाव तो भेज दिया है. लेकिन अब देखना यह होगा कि यह प्लान कितना कारगर साबित होता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.