चंडीगढ़: शहर में लगातार बढ़ रही साइबर क्राइम की वारदातों के बीच चंडीगढ़ पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है. साइबर क्राइम पुलिस टीम चंडीगढ़ ने बैंकों से ठगी करने वाले दो शातिर जालसाजों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान करनाल निवासी 31 वर्षीय अमरजीत सिंह और हिसार निवासी कुलदीप पन्नू (30) के रूप में हुई है. इन्होंने चंडीगढ़ के बैंक प्रबंधक को झांसा देकर फर्जी ग्राहक बनकर 18 लाख 92 हजार रुपए बैंक से निकाले थे.
पुलिस ने इनके पास से एक महिंद्रा थार, चार सोने की अंगूठी, दो सोने की चेन, दो सोने के सिक्कों के साथ ही पांच लाख रुपये नकद और एक मोबाइल फोन बरामद किया है. इस संबंध में बैंक मैनेजर ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन चंडीगढ़ में मामला दर्ज करवाया था. जानकारी के अनुसार पुलिस ने इन्हें फेडरल बैंक सेक्टर 22 के शाखा प्रबंधक अर्पण शर्मा की शिकायत पर गिरफ्तार किया है.
बैंक प्रबंधक ने अपनी शिकायत में बताया था कि आरोपी ने अज्ञात नंबर से उन्हें फोन किया था और खुद को बैंक का ग्राहक बताया था. आरोपी ने उससे कहा था कि उसे तत्काल भुगतान ट्रांसफर करने की जरूरत है. इस पर प्रबंधक ने अपने कर्मचारियों के साथ ग्राहक का नंबर साझा करते हुए बात करने और आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कह दिया.
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इसके साथ ही उन्होंने यह पता लगाने के लिए कहा कि 18 लाख 92 हजार रुपए बैंक में से निकलवाने के लिए जो कॉल की गई है, क्या वह उस ग्राहक ने ही की है. शातिर आरोपी ने फोन करने वाले व्यक्ति द्वारा व्हाट्सएप डीपी पर अकाउंट में बैंक के वास्तविक ग्राहक की तस्वीर का इस्तेमाल किया था. जब कॉलर ने दूसरे लेन-देन का अनुरोध किया तो प्रबंधक को संदेह हुआ.
उसने बैंक में पंजीकृत ग्राहक के नंबर पर कॉल किया और पाया कि उन्होंने किसी भी लेनदेन का अनुरोध नहीं किया था. इस पर 5 मार्च को धारा 419, 420, 467, 468, 471 और 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया था. वहीं चंडीगढ़ पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों द्वारा 9 लाख 57 हजार रुपए इंडसइंड बैंक के एक खाते में ट्रांसफर किए गए थे और 9 लाख 35 हजार केनरा बैंक के अकाउंट में ट्रांसफर किए थे.
इसके साथ ही आरोपियों ने कुछ रुपयों से सोना खरीदा था और बाकी दिल्ली एनसीआर में एटीएम के जरिए निकाल लिए थे. फर्जी कॉल करने के लिए इस्तेमाल किए गए नंबर मनीष कुमार, राजाराम मीणा, सोनू कुमार और अर्जुन सिंह के नाम पर दर्ज थे. आरोपी एक ही मोबाइल फोन में कई सिम कार्ड का इस्तेमाल करते थे. इस पर पुलिस टीम ने दिल्ली-एनसीआर और हिसार, करनाल में छापेमारी की, जहां से दोनों आरोपियों को पुलिस ने धर दबोचा.
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चंडीगढ़ में बैंक प्रबंधक से धोखाधड़ी के मामले की जानकारी देते हुए एसपी केतन बंसल ने बताया कि इस पूरे मामले के मास्टर माइंड अमरजीत सिंह और कुलदीप पन्नू थे और उनके सहयोगी अन्य बैंकों से ठगी की रकम निकाल लेते थे. आरोपी बैंक खाते खोलने और सिम कार्ड हासिल करने के लिए अपने सहयोगियों के दस्तावेजों का इस्तेमाल करते थे.
बैंकों से की 2 करोड़ की ठगी: पूछताछ के दौरान, कुलदीप और अमरजीत ने खुलासा किया कि वे इनके खिलाफ राजस्थान और सहारनपुर, उत्तर प्रदेश में धोखाधड़ी के दो अन्य मामले दर्ज हैं. वे दोनों मामलों में जमानत पर बाहर थे. अगस्त 2022 में पंकज, आशीष, अंकुर जिंदल और रवि के साथ मिलकर इन्होंने नया गिरोह बनाया था. वहीं पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि इससे पहले भी वह कई बैंकों के साथ ऐसी धोखाधड़ी कर चुके हैं. इस तरह वे अब तक 2 करोड़ रुपए की ठगी कर चुके हैं. आरोपियों ने फेडरल बैंक, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, बैंक ऑफ बड़ौदा, यस बैंक और एक्सिस बैंक में ठगी की है.
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम: आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने गूगल के माध्यम से दोपहिया/चौपहिया वाहन एजेंसियों का विवरण प्राप्त किया था और बिक्री प्रबंध निदेशक से एजेंसी का बैंक विवरण और चेक प्राप्त किया. पुलिस के अनुसार उन्होंने चेक बनाने के लिए इन विवरणों का इस्तेमाल किया था. वे एजेंसी की बैंक शाखा के प्रबंधक से संपर्क करते थे और एक वास्तविक ग्राहक की डिस्प्ले पिक्चर का उपयोग करके व्हाट्सएप खाते के माध्यम से जाली चेक भेजते थे. इसी तरह वे उक्त बैंक से पैसा निकलवाने में कामयाब हुए हैं.