चंडीगढ़: राजधानी चंडीगढ़ के गांव कैंबवाला में भाजपा की ओर से सुशासन दिवस का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. जिसमें भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया.
इस कार्यक्रम के दौरान भाजपा नेताओं ने इस मौके पर देश की जनता के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बात की. हालांकि कार्यक्रम स्थल के सामने ही सैकड़ों किसानों ने भाजपा खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया.
केंद्र ने कृषि बजट 6 गुना किया- सूद
कार्यक्रम के बाद चंडीगढ़ भाजपा के अध्यक्ष अरुण सूद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के साथ में किस्त किसानों तक पहुंचाई है. जिसमें प्रधानमंत्री ने 9 करोड़ किसानों के खातों में 18 हजार करोड रुपए की राशि वितरित की. इस योजना का फायदा देश के 10 करोड़ 60 हजार किसानों को मिल रहा है. इस पैसे से किसान फसल बुवाई के समय अपनी फसल के लिए बीज और सिंचाई का प्रबंध कर पा रहे हैं. केंद्र सरकार ने कृषि का बजट 2013-14 के मुकाबले बढ़ाकर 6 गुना कर दिया है. केंद्र सरकार हर साल कृषि पर 1 लाख 35 हजार करोड रुपए खर्च कर रही है.
बात से हल निकल सकता है आंदोलन- सूद
कार्यक्रम स्थल के सामने हो रहे किसानों के प्रदर्शन के बारे में बात करते हुए अरुण सूद ने कहा कि यह मसला बातचीत के जरिए ही हल हो सकता है. कई किसान संगठन खुद यह बात कह रहे हैं कि कृषि कानूनों को रद्द करना सही नहीं है, बल्कि संशोधन ही इसका एकमात्र रास्ता है, लेकिन कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए आंदोलन को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं.
कानून आत्महत्या रोकने वाले हैं- सूद
उन्होंने कहा कि यह तीनों कानून किसानों की आय दोगुनी करने वाले हैं. उनकी आत्महत्या का रोकने वाले हैं और उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने वाले हैं. सूद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साफ तौर पर कह चुके हैं. इन कानूनों को किसी कीमत पर याद नहीं किया जाएगा. हालांकि उन्होंने किसानों के लिए संशोधन के रास्ते खुले छोड़े हैं और कहा है कि किसान कानूनों में जो भी संशोधन करवाना चाहते हैं उनकी मांगों को माना जाएगा.
चंडीगढ़ में बनेगा भाजपा का मेयर- सूद
बता दें कि चंडीगढ़ में 8 जनवरी को मेयर के चुनाव होने हैं. उनके बारे में बात करते हुए कहा कि इस साल भी नगर निगम में भाजपा उम्मीदवार ही मेयर के पद पर काबिज होगा, क्योंकि सदन में भाजपा के 20 पार्षद है जबकि सांसद का एक वोट है. इस तरह भाजपा के पास 21 वोट है, जबकि मेयर बनने के लिए 14 वोटों की जरूरत होती है. इसलिए भाजपा बहुमत से मेयर चुनाव जीत लेगी.
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