चंडीगढ़: स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का मुंबई में रविवार को निधन हो गया. लता मंगेशकर ने रविवार सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर अंतिम सांस ली. ब्रीच कैंडी अस्पताल के मुताबिक, स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन मल्टीपल ऑर्गन फेलियर के कारण हुआ. निधन के वक्त उनकी उम्र करीब 92 साल थी. लता मंगेशकर के निधन के बाद भारत सहित पूरी दुनिया में शोक की लहर दौड़ पड़ी. हर किसी ने अपने-अपने तरीके से स्वर कोकिला को श्रद्धांजलि दी.
वहीं इसी कड़ी में चंडीगढ़ के कलाकार वरुण टंडन ने लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देने के लिए अपनी कला का इस्तेमाल किया. उन्होंने स्वर कोकिला स्वर्गीय लता मंगेशकर का एक ऐसा पोट्रेट तैयार किया है जिसे ऑडियो कैसेट की रील से बनाया गया है. यह ऑडियो कैसेट भी लता मंगेशकर के गीतों की ही थी. वरुण टंडन के मुताबिक ऑडियो कैसेट के जरिए ही लता जी के गीत घर-घर में सुने जाते थे. इसीलिए उन्होंने इस जरिए को ही उनके पोट्रेट बनाने के लिए सही समझा और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए यह पोट्रेट बनाया.
![Lata Mangeshkar death](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/hr-cha-03-lata-mangeshkar-7203397_07022022185931_0702f_1644240571_1043.jpg)
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भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर रविवार शाम मुंबई के शिवाजी पार्क में पंचतत्व में विलीन हो गईं. पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिवंगत शरीर को अंतिम विदाई दी गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित राजनीति, खेल और सिनेमा जगत से जुड़े सैकड़ों लोगों ने लता दीदी को अंतिम विदाई दी. आठ जनवरी को लता मंगेशकर को ब्रीच कैंडी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टर प्रतीत समदानी और उनकी टीम की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था. लता मंगेशकर की हालत में सुधार हुआ था और वेंटिलेटर हटा दिया गया था, लेकिन शनिवार को उनका स्वास्थ्य फिर बिगड़ गया था.
![Lata Mangeshkar death](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/hr-cha-03-lata-mangeshkar-7203397_07022022185931_0702f_1644240571_515.jpg)
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बता दें कि लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को इंदौर में हुआ था. वह भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका थीं. जिनका छह दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है. लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फिल्मी और गैर-फ़िल्मी गीत गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायक के रूप में रही है. अपनी बहन आशा भोंसले के साथ लता जी का फ़िल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है. लता की जादुई आवाज के भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ पूरी दुनिया में दीवाने हैं. लता दीदी को भारत सरकार ने 'भारत रत्न' से सम्मानित किया है.
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