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कैट ने चंडीगढ़ पीजीआई में डीन डॉक्टर राकेश सहगल अपने पद पर बने रहने के जारी किए आदेश

सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) ने चंडीगढ़ पीजीआई में डीन डॉक्टर राकेश सहगल की सेवानिवृत्ति के मामले पर आदेश जारी किया कि वो अपने पद पर बने रहेंगे.

central administrative tribunal
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Published : Apr 2, 2023, 7:24 PM IST

चंडीगढ़: सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) की चंडीगढ़ बेंच ने पीजीआई में डीन (अकादमिक) डॉक्टर राकेश सहगल की सेवानिवृत्ति पर आदेश जारी किए हैं कि वो अपने पद पर बने रहेंगे. डॉक्टर राकेश सहगल की उम्र 65 साल तक होने पर उन्हें सेवानिवृत्त करने के संस्थान के फैसले को चुनौती दी गई थी. वहीं सहगल ने वकील केबी शर्मा के माध्यम से कैट से संपर्क किया और अनुरोध किया कि पीजीआई और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एम्स और देश के अन्य चिकित्सा संस्थानों की तर्ज पर उन्हें 70 वर्ष की आयु तक सेवा में बने रहने की अनुमति देने का निर्देश दिया जाए.

प्रशासनिक सदस्य रश्मि सक्सेना सहगल और न्यायिक सदस्य सुरेश कुमार बत्रा ने इस साल 11 अप्रैल के लिए अंतरिम राहत के जवाब में उत्तरदाताओं को नोटिस जारी किया और डॉक्टर सहगल के आवेदन पर आदेश पारित किया. ऐसे में सहगल ने उत्तरदाताओं को चिकित्सा संस्थानों में शिक्षक पात्रता योग्यता विनियम 2022 की अवधि में 70 वर्ष की आयु तक सेवा में बने रहने की अनुमति देने के लिए निर्देश मांगा.

वकील केबी शर्मा ने डॉक्टर जोगिंदर पाल और अन्य बनाम भारत संघ द्वारा विभिन्न अन्य प्रासंगिक नियमों के मामले में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले पर भी भरोसा किया. वकील ने प्रस्तुत किया कि आवेदक ने इस वर्ष 14 मार्च को पीजीआई निदेशक को संबोधित एक अभ्यावेदन दायर किया था, जो विचार के लिए लंबित था, और वो 31 मार्च को 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हो रहे थे. वकील केबी शर्मा ने इस आधार पर अंतरिम राहत के लिए मांग की, वहीं दूसरी ओर, प्रतिवादियों के वकील ने अंतरिम राहत के अनुरोध का विरोध किया.

ये भी पढ़ें- CBI Registers FIR : 151 करोड़ रुपये की बैंकिंग फ्रॉड का केस आया सामने, सीबीआई ने नीदरलैंड में स्थित कंपनी के खिलाफ दर्ज किया केस

दोनों तरफ की दलीलों को सुनने के बाद ट्रिब्यूनल ने कहा कि हमने पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन रिसर्च, चंडीगढ़, अधिनियम, 1966 और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 के प्रावधानों को भी देखा है, जिसमें सेवानिवृत्ति के लिए आयु 70 वर्ष निर्धारित की गई है. मामले के विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने और दोनों पक्षों के दलील को सुनने के बाद, इस मामले में 11 अप्रैल के लिए अंतरिम राहत के रूप में नोटिस जारी किया जाएगा. ऐसे में इस मामले को अगली सुनवाई यानी 11 अप्रैल ‌तक रोका जाता है.

चंडीगढ़: सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) की चंडीगढ़ बेंच ने पीजीआई में डीन (अकादमिक) डॉक्टर राकेश सहगल की सेवानिवृत्ति पर आदेश जारी किए हैं कि वो अपने पद पर बने रहेंगे. डॉक्टर राकेश सहगल की उम्र 65 साल तक होने पर उन्हें सेवानिवृत्त करने के संस्थान के फैसले को चुनौती दी गई थी. वहीं सहगल ने वकील केबी शर्मा के माध्यम से कैट से संपर्क किया और अनुरोध किया कि पीजीआई और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एम्स और देश के अन्य चिकित्सा संस्थानों की तर्ज पर उन्हें 70 वर्ष की आयु तक सेवा में बने रहने की अनुमति देने का निर्देश दिया जाए.

प्रशासनिक सदस्य रश्मि सक्सेना सहगल और न्यायिक सदस्य सुरेश कुमार बत्रा ने इस साल 11 अप्रैल के लिए अंतरिम राहत के जवाब में उत्तरदाताओं को नोटिस जारी किया और डॉक्टर सहगल के आवेदन पर आदेश पारित किया. ऐसे में सहगल ने उत्तरदाताओं को चिकित्सा संस्थानों में शिक्षक पात्रता योग्यता विनियम 2022 की अवधि में 70 वर्ष की आयु तक सेवा में बने रहने की अनुमति देने के लिए निर्देश मांगा.

वकील केबी शर्मा ने डॉक्टर जोगिंदर पाल और अन्य बनाम भारत संघ द्वारा विभिन्न अन्य प्रासंगिक नियमों के मामले में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले पर भी भरोसा किया. वकील ने प्रस्तुत किया कि आवेदक ने इस वर्ष 14 मार्च को पीजीआई निदेशक को संबोधित एक अभ्यावेदन दायर किया था, जो विचार के लिए लंबित था, और वो 31 मार्च को 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हो रहे थे. वकील केबी शर्मा ने इस आधार पर अंतरिम राहत के लिए मांग की, वहीं दूसरी ओर, प्रतिवादियों के वकील ने अंतरिम राहत के अनुरोध का विरोध किया.

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दोनों तरफ की दलीलों को सुनने के बाद ट्रिब्यूनल ने कहा कि हमने पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन रिसर्च, चंडीगढ़, अधिनियम, 1966 और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 के प्रावधानों को भी देखा है, जिसमें सेवानिवृत्ति के लिए आयु 70 वर्ष निर्धारित की गई है. मामले के विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने और दोनों पक्षों के दलील को सुनने के बाद, इस मामले में 11 अप्रैल के लिए अंतरिम राहत के रूप में नोटिस जारी किया जाएगा. ऐसे में इस मामले को अगली सुनवाई यानी 11 अप्रैल ‌तक रोका जाता है.

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