चंडीगढ़: कोरोना का प्रभाव धीरे-धीरे कम हो रहा है. इसके बाद चंडीगढ़ के पर्यटन स्थल भी अब खुलने शुरू हो गए हैं. शनिवार से चंडीगढ़ का बर्ड पार्क भी खोल (Chandigarh Bird Sanctuary Open) दिया गया. इस बर्ड पार्क का उद्घाटन हाल ही में हुआ था और यह उद्घाटन के तुरंत बाद सैलानियों की पहली पसंद बन गया था. पिछले साल 16 नवंबर को बर्ड पार्क का उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की पत्नी सविता कोविंद ने किया था, लेकिन कोरोना के प्रभाव को देखते हुए इसे कुछ दिन बाद ही बंद कर दिया गया था. अब इस बर्ड पार्क को फिर से सैलानियों के लिए खोल दिया गया है. इस बारे में हमने चंडीगढ़ पर्यावरण विभाग के निदेशक देवेंद्र दलाई से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
पर्यावरण विभाग के निदेशक देवेंद्र दलाई ने बताया कि बर्ड पार्क उद्घाटन के बाद से ही चंडीगढ़ का मुख्य पर्यटक स्थल बन गया था. यहां पर बड़ी संख्या में लोग आने शुरू हो गए थे. हालांकि कोरोना और ओमीक्रॉन की वजह से कुछ समय के लिए से बंद करना पड़ा था, लेकिन करीब डेढ़ महीने के बाद बर्ड सेंचुरी को फिर से खोल दिया गया है. जिसको लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. यह बर्ड पार्क अपने आप में काफी अनोखा पार्क है.
उन्होंने बताया कि यह बर्ड पार्क साढ़े छह एकड़ में फैला हुआ है. पार्क के अंदर भारत का सबसे बड़ा बर्ड एवियरी (पिंजरानुमा विशाल ढांचा) है. जिसकी ऊंचाई 58 फीट है. जिस कारण से पक्षियों को पिंजरे कैद जैसा महसूस नहीं होगा. जहां पक्षी ना केवल आराम से रह सकते हैं बल्कि उड़ भी सकते हैं. इस बर्ड पार्क में तकरीबन 40 तरह की प्रजातियां है. जिसमें से ज्यादातर प्रजाति लैटिन अमेरिकन, ऑस्ट्रेलियन बर्ड्स, अमेरिका के लव बर्ड्स, ब्राजील का मकाओ, ब्लू गोल्ड मकाओ, रेनबो लोरिकिट्स आकर्षण का मुख्य केंद्र हैं.
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यहां पर पक्षियों के लिए सारी सुविधाएं मौजूद हैं. पक्षियों के लिए तापमान को भी नियंत्रित रखने की सुविधा है. इसके अलावा बर्ड पार्क में पेड़ पौधे और पानी के झरने भी बनाए गए हैं. पक्षियों की देखभाल के लिए बर्ड एक्सपर्ट हमेशा मौजूद रहते हैं. समय-समय पर पक्षियों का राउंड चेकउप भी किया जाता है. उन्होंने कहा कु इस पार्क को बनाने का मकसद नेचर एजुकेशन के ऊपर है. लोगों को सिर्फ विदेशी पक्षी दिखाने और उनका मनोरंजन करना नहीं है. बल्कि इसके साथ-साथ उन्हें पक्षियों को लेकर जागरूक करना भी है ताकि लोग पक्षियों के बारे में जानकारी हो और पक्षियों बचाने के प्रति जागरूक हो.
विभाग की टीम की तरफ से जगह-जगह बड़े बोर्ड भी लगाये गए हैं. जिसमें लिखा गया है कि पक्षियों की देखभाल के लिए कौन से काम करने हैं और कौन से नहीं करने हैं. इससे लोगों को पक्षियों को लेकर ज्यादा जानकारी मिलेगी और वे भी पक्षियों को बचाने के लिए अपना सहयोग दे पाएंगे.
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